पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में फ़िर 40 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी, अब तक कुल 8.40 रुपये की वृद्धि

पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद बीते 22 मार्च से लगातार बढ़ाई जा रही हैं. तब से 12वीं बार कीमतों में वृद्धि की गई है. ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर राज्यसभा में विपक्षी दलों का हंगामा किया. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार ने ईंधन कर के रूप में 26.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है.

Gurugram: A pump attendant fills petrol at a fuel station, after another surge in prices of petrol and diesel, in Gurugram, Monday, April 4, 2022. (PTI Photo)(PTI04 04 2022 000021B)

पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद बीते 22 मार्च से लगातार बढ़ाई जा रही हैं. तब से 12वीं बार कीमतों में वृद्धि की गई है. ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर राज्यसभा में विपक्षी दलों का हंगामा किया. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार ने ईंधन कर के रूप में 26.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल के बीच गुड़गांव के एक पेट्रोप पंप पर अपने वाहनों में तेल भरवाते लोग. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सोमवार को एक बार फिर 40 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई. दो सप्ताह से भी कम समय में कुल 8.40 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है.

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की तरफ से जारी मूल्य संबंधी अधिसूचना के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 103.41 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर अब 103.81 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 94.67 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 95.07 रुपये प्रति लीटर हो गई है.

पेट्रोल तथा डीजल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को बढ़ाई गई थीं. तब से 12वीं बार कीमतों में वृद्धि की गई है. पेट्रोल और डीजल की कीमत में अब तक कुल 8.40 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है.

उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थीं. 10 मार्च को चुनाव नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी और 22 मार्च से लगातार इनकी कीमतों में बढ़ोतरी जारी है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में देश भर में वृद्धि की गई है, लेकिन इनके दाम स्थानीय कर के आधार पर अलग-अलग राज्यों में भिन्न हैं.

इस बढ़ोतरी के साथ मुंबई में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमश: 118.83 रुपये और 103.07 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं. चेन्नई में अब पेट्रोल की कीमत 109.34 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 99.42 रुपये प्रति लीटर है. वहीं, कोलकाता में पेट्रोल के दाम 113.45 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 98.22 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं.

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने पिछले महीने कहा था कि विधानसभा चुनावों के समय वाहन ईंधन कीमतों में बदलाव नहीं करने से सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को 2.25 अरब डॉलर या 19,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है.

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार, कच्चे तेल के दाम 100 से 120 डॉलर रहने पर पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल कीमतों में 13.1 से 24.9 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल कीमतों में 10.6 से 22.3 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करने की जरूरत होगी.

ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर राज्यसभा में विपक्षी दलों का हंगामा

पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में आए दिन हो रही वृद्धि के मुद्दे पर सोमवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यसभा में हंगामा किया, जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के 11 मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरूची शिवा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम, तृणमूल कांग्रेस के अबीर रंजन विश्वास और कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने नियम 267 के तहत पेट्रोल,डीजल व रसोई गैस की कीमतों में हुई वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा कराने के नोटिस दिए थे.

हालांकि सभापति एम. वेंकैया नायडू ने यह कहते हुए सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए कि वित्त और विनियोग विधेयक पर बहस के दौरान सदस्यों को इन मुद्दों पर अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर मिल चुका है.

कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय सेवा नियम, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर भी लागू होने संबंधी केंद्र की घोषणा का मुद्दा उठाने के लिए नोटिस दिया था. सभापति नायडू ने हुड्डा के इस नोटिस को भी अस्वीकार कर दिया.

इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और वामपंथी दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया.

हंगामा कर रहे सदस्यों से नायडू ने अनुरोध किया वह अपने स्थान पर चले जाएं और शून्यकाल के तहत सदस्यों को अपने मुद्दे उठाने दें. अपनी बात का असर होते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 11 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

ईंधन के दामों में वृद्धि को लेकर विपक्ष ने साधा केंद्र पर निशाना

ईंधन की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्षी दलों के कई नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे केरल जैसे उपभोक्ता राज्यों में महंगाई का बोझ बढ़ रहा है.

मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं. इसके लिए उन्होंने केंद्र के (पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को सरकारी) नियंत्रण मुक्त करने की व्यवस्था को दोषी ठहराया.

विजयन ने कहा, ‘पेट्रोल और डीजल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करते समय एक महत्वपूर्ण तर्क दिया गया था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें कम होने पर लाभ प्रदान किया जाएगा, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में गिरावट आने पर भाजपा सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ाने की नीति अपनाई. नतीजतन, हमें वह लाभ भी नहीं मिला, जो अंतरराष्ट्रीय दरें कम होने पर मिलता था.’

मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार पर पिछली कांग्रेस सरकारों द्वारा शुरू की गई वैश्वीकरण की नीतियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले सात वर्षों में ईंधन क्षेत्र में उपकर और अतिरिक्त विशेष शुल्क के नाम पर नए कर लगाए गए हैं.

मोदी सरकार ने ईंधन कर के रूप में 26.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक वसूला: चिदंबरम

ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि मोदी सरकार ने ईंधन कर के रूप में 26.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है और लोगों को खुद से यह पूछना चाहिए कि ईंधन कर के रूप में इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने के बदले में एक औसत परिवार को क्या मिला.

चिदंबरम ने ट्विटर पर कहा कि मोदी सरकार के आठ वर्षों में केंद्र सरकार ने ईंधन कर के रूप में 26,51,919 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं.

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ‘भारत में लगभग 26 करोड़ परिवार हैं. इसका मतलब है कि केंद्र सरकार ने हर परिवार से औसतन एक लाख रुपये ईंधन कर के रूप में एकत्र किए हैं!’

चिदंबरम ने कहा, ‘अपने आप से पूछें, ईंधन कर के रूप में इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने के बदले में एक औसत परिवार को क्या मिला?’

दिल्ली कांग्रेस ने केंद्र के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया

ईंधन और गैस की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि को लेकर कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ रविवार को पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में विरोध-प्रदर्शन किया.

यह प्रदर्शन विपक्षी दल के ‘महंगाई मुक्त भारत’ अभियान का हिस्सा था और इसका नेतृत्व दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति (डीपीसीसी) के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने किया.

प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और उसे तेल व प्राकृतिक गैस की कीमतों में भारी वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया.

कुमार ने कहा कि केंद्र ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म होते ही पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, पीएनजी और यहां तक कि घरेलू गैस सिलेंडर तक के दाम बढ़ा दिए हैं.

उन्होंने कहा, ‘ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से रोजमर्रा के अन्य जरूरी सामानों के दाम भी बढ़ गए हैं. आम आदमी को राहत देने के लिए केंद्र सरकार को ईंधन की कीमतें घटानी चाहिए.’

विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र पर कटाक्ष करते हुए मोटरसाइकिल और गैस सिलेंडर पर माल्यार्पण किया.

प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले कांग्रेस समर्थकों ने कहा कि इतनी महंगाई में आम आदमी के लिए गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है.

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘ईंधन और प्राकृतिक गैस की कीमतों में लगातार होती वृद्धि ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है. पेट्रोल-डीजल की दरें हर रोज बढ़ाई जा रही हैं, जिसका अन्य वस्तुओं पर भी व्यापक प्रभाव पड़ रहा है. दैनिक उपभोग की वस्तुएं दिन ब दिन महंगी होती जा रही हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)