यूक्रेन की राजधानी के नज़दीकी क़स्बों में मिले 400 से अधिक शव, रूस पर लगे नरसंहार के आरोप

रूस के अपने सैनिकों को पीछे हटाने के बाद यूक्रेन के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि रूसी सेना ने उसके क्षेत्रों में युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है. हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज़ किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अभियोजकों और न्यायाधीशों की मदद से इसकी जांच के लिए एक विशेष न्याय तंत्र बनाया जाएगा.

यूक्रेन के बुचा शहर से रूसी सैनिकों के वापसी के बाद यूक्रेनी सैनिक.

रूस के अपने सैनिकों को पीछे हटाने के बाद यूक्रेन के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि रूसी सेना ने उसके क्षेत्रों में युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है. हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज़ किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अभियोजकों और न्यायाधीशों की मदद से इसकी जांच के लिए एक विशेष न्याय तंत्र बनाया जाएगा.

यूक्रेन के बुचा शहर से रूसी सैनिकों के वापसी के बाद यूक्रेनी सैनिक. (फोटो: रॉयटर्स)

बुचा/मॉस्को: रूस के अपने सैनिकों को पीछे हटाने के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव की बाहरी सीमा पर मिले शव बर्बरता की तरफ इशारा कर रहे हैं, क्योंकि कुछ के हाथ भी बंधे थे, तो कुछ को नजदीक से गोली मारी गई थी. यह जानकारी देते हुए यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि कीव क्षेत्र के कस्बों में 410 नागरिकों के शव मिले हैं.

यूक्रेन के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र से लौटने से पहले सेना ने युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है और वह अपने पीछे एक भयावह मंजर छोड़ गए हैं.

यूक्रेन के शहर बुचा से इन शवों की तस्वीरें सामने आने के बाद यूरोपीय नेताओं ने अत्याचार की निंदा की और रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया.

जर्मनी की रक्षा मंत्री क्रिसटीन लैम्ब्रेक्ट ने यूरोपीय संघ से रूसी गैस पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करने का आग्रह किया है.

समाचार एजेंसी ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ के पत्रकारों ने राजधानी के उत्तर-पश्चिम में बुचा के आसपास विभिन्न स्थानों पर कम से कम 21 लोगों के शव देखे. नौ लोगों के शव एक-साथ देखे, सभी के कपड़ों से उनके असैन्य नागरिक होने का पता चल रहा था.

पत्रकारों के अनुसार, शव ऐसी जगह पड़े थे, जिसके बारे में निवासियों का कहना है कि रूसी सैनिकों ने इसे अपना अड्डा बना रखा था. इनमें से कम से कम दो के हाथ बंधे थे, एक शव पर सिर में गोली लगने और दूसरे के पांव में गोली लगने के निशान थे.

यूक्रेनी अधिकारियों ने हत्याओं के लिए पूरी तरह से रूसी सैनिकों को जिम्मेदार ठहराया है और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इसे नरसंहार का सबूत बताया.

वहीं, रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. मंत्रालय ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे यूक्रेन के अधिकारियों द्वारा ‘उकसावे की’ कार्रवाई बताया है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इस मामले पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने की अपील की है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने उपनगरीय सड़कों पर पड़े शवों को ‘एक भयावह मंजर बताया.’

उन्होंने दावा किया कि मारे जाने से पहले कुछ महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था और उसके बाद रूसियों ने उनके शवों को जला दिया.

वहीं, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, ‘रूसी सेना के युद्ध अपराधों को पृथ्वी पर इस तरह की बुराई का अंतिम मंजर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने का समय आ गया है.’

जेलेंस्की ने कहा कि उनकी सरकार यूक्रेन में रूसी सेना द्वारा किए गए हर अपराध की जांच के लिए एक विशेष न्याय तंत्र बनाने के लिए कदम उठाएगी.

समाचार वेबसाइट अल ज़जीरा के मुताबिक, मेयर अनातोली फेडोरुक ने शनिवार को समाचार एजेंसी एएफपी को फोन पर बताया, ‘बुचा में हम पहले ही 280 लोगों को सामूहिक कब्रों में दफन कर चुके हैं.’

उन्होंने कहा कि भारी तबाही मचाने वाले शहर की सड़कें लाशों से अटी पड़ी हैं. फेडोरुक ने कहा, ‘इन सभी लोगों की सिर के पिछले हिस्से में गोली मारकर हत्या कर दी गई.’

उन्होंने कहा कि पीड़ितों में पुरुष और महिलाएं शामिल हैं और उन्होंने मृतकों में एक 14 वर्षीय लड़के को भी देखा है.

मेयर ने यह भी पुष्टि की कि उसने बुका की सड़कों पर कम से कम 22 शव देखे थे. उन्होंने कहा कि अभी तक शवों को इकट्ठा करना संभव नहीं हुआ है.

बुचा शहर में पिछले कुछ हफ्तों के दौरान भयंकर लड़ाई देखी गई है और यह लगभग एक महीने तक रूसी सेना के कब्जे में रहा था, जब तक कि इस सप्ताह इसे यूक्रेन द्वारा वापस नहीं ले लिया गया.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, मेयर अनातोली फेडोरुक ने कहा कि शहर के 300 से अधिक निवासी मारे गए हैं और एक चर्च के मैदान में एक सामूहिक कब्र अभी भी खुली हुई थी, जिसके ऊपर लाल मिट्टी के ढेर से हाथ और पैर नजर आ रहे थे.

इस बीच, रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शवों की तस्वीरें और वीडियो का प्रबंध कीव शासन ने पश्चिमी मीडिया के लिए किया है.

बयान में कहा गया कि इस बात पर ध्यान दें कि बुचा के मेयर ने वहां से निकले रूसी सैनिकों द्वारा किसी हिंसा या उत्पीड़न का जिक्र नहीं किया है. मंत्रालय ने कहा कि बुचा में एक भी नागरिक को रूसी सेना द्वारा किसी भी हिंसक कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ा.

नागरिकों पर रूसी सैनिकों के कथित अत्याचार की जांच करेगा यूक्रेन

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं की मदद से रूसी सैनिकों द्वारा नागरिकों पर किए गए कथित अत्याचार की जांच करेगा.

जेलेंस्की ने कहा, ‘दुनिया ने कई युद्ध अपराध देखे हैं. रूसी सेना के युद्ध अपराधों को पृथ्वी पर इस तरह की बुराई का अंतिम मंजर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का समय आ गया है.’

जेलेंस्की ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अभियोजकों और न्यायाधीशों की मदद से रूसी अत्याचारों की जांच के लिए एक विशेष न्याय तंत्र बनाया जाएगा.

वैश्विक नेताओं ने भी इन कथित हमलों की निंदा की है.

यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस में दवाओं की कमी

रूस में यूक्रेन पर युद्ध के कारण पश्चिम देशों द्वारा लगाए प्रतिबंधों से आपूर्ति बाधित होने से पहले अहम दवाओं का भंडार करने के संदेश सोशल मीडिया पर देखे जा रहे हैं. मॉस्को और अन्य शहरों में कुछ दवाएं मिलना वास्तव में मुश्किल हो गया है.

कजान के एक निवासी ने बताया, ‘शहर के एक भी दवाघर में ये दवाएं उपलब्ध नहीं हैं.’

रूस में विशेषज्ञ और स्वास्थ्य प्राधिकारियों का कहना है कि दवाओं की कमी अस्थायी है और यह घबराकर दवाएं खरीदने और प्रतिबंधों के कारण आपूर्तिकर्ताओं के लिए साजो-सामान संबंधी मुश्किलों के चलते हुआ है. लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जतायी कि उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं रूसी बाजार से गायब रहेंगीं.

मॉस्को की पिरोगोव मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. एलेक्सी एरलिख ने कहा, ‘संभवत: इनकी कमी होगी. मैं नहीं जानता कि यह कितना विनाशकारी होगा.’

मार्च के शुरुआत में ही रूसियों को दवाघरों पर कुछ दवाएं न मिलने की खबरें आने लगी थी.

रूस के डैगेस्टन क्षेत्र में मरीजों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समूह ‘पेशेंट्स मॉनिटर’ के प्रमुख जियाउदिन उवेसोव ने बताया कि उन्होंने क्षेत्र के कई सरकारी दवाघरों पर निजी तौर पर 10 सबसे ज्यादा वांछित दवाओं की उपलब्धता का पता किया था और उनके पास बहुत अधिक संख्या में ये दवाएं नहीं बची थीं.

मार्च के अंत तक आते-आते विभिन्न शहरों के कई लोगों ने बताया कि उन्होंने थायरॉइड की दवाओं, इन्सुलिन या बच्चों के लिए दर्द निवारक सिरप की तलाश में कई दिन बिता दिए हैं. कुछ का कहना है कि उन्हें कहीं पर भी ये दवाएं नहीं मिलीं.

रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुरोश्को ने बार-बार आश्वासन दिया है कि देश में दवाओं की उपलब्धता समस्या नहीं है और उन्होंने इनकी किसी भी तरह की कमी के लिए घबराकर इनका भंडार करने को जिम्मेदार ठहराया है.

उन्होंने बताया कि हाल के हफ्तों में कुछ दवाओं की मांग दस गुना बढ़ गई है और उन्होंने रूसियों से दवाओं की जमाखोरी न करने का अनुरोध किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)