मध्य प्रदेश में अगले साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस ने इस महीने आने वाली रामनवमी और हनुमान जयंती पर अपने सभी पदाधिकारियों, विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को यह निर्देश दिए हैं. सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस के इस क़दम को पाखंड बताते हुए कहा कि कांग्रेसी नेताओं ने भगवान राम एवं रामसेतु को काल्पनिक बताया था.
भोपाल: मध्य प्रदेश में अगले साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने इस महीने आने वाली रामनवमी और हनुमान जयंती पर अपने पदाधिकारियों, विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को रामलीला, सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने के निर्देश दिए हैं, ताकि जनता में अपनी पैठ और मजबूत कर सके.
वहीं, प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस के इस कदम को पाखंड बताते हुए कहा कि कांग्रेसी नेताओं ने भगवान राम एवं रामसेतु को काल्पनिक बताया था.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पार्टी उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर द्वारा दो अप्रैल को सभी जिला, शहर, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षगण, पार्टी विधायकों, पार्टी के लोकसभा एवं विधानसभा प्रत्याशियों, सभी जिला प्रभारियों, मोर्चा संगठन एवं विभाग के अध्यक्षों को जारी पत्र में कहा गया है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश के अनुसार वे 10 अप्रैल को रामनवमी और 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करें.
उन्होंने कहा, ‘रामनवमी के अवसर पर भगवान राम कथा वाचन, रामलीला और भगवान राम की पूजा अर्चना के कार्यक्रम तथा हनुमान जयंती पर सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन किया जाना चाहिए.’
इसमें कहा गया है कि कमलनाथ रामनवमी के अवसर पर शुभकामना संदेश प्रेषित करेंगे तथा हनुमान जयंती के अवसर पर अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा में विशेष पूजा अर्चना करेंगे.
कांग्रेस के इस कदम के बारे में पूछे जाने पर मध्य प्रदेश कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह के निर्देश जारी किए गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘कमलनाथ भगवान हनुमान के भक्त हैं और पिछले कई सालों से छिंदवाड़ा में इस तरह के कार्यक्रम कर रहे हैं. कांग्रेस नेताओं ने पिछले साल इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए थे.’
भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि इस पत्र से कांग्रेस के पाखंड का पर्दाफाश हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती है. कांग्रेस नेताओं ने भगवान राम और रामसेतु को काल्पनिक करार दिया था. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध भी किया था. कांग्रेस के एक नेता ने हिंदुओं की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम जैसे आतंकी संगठनों से की. लोग उनके (कांग्रेस नेताओं के) पाखंड को जानते हैं और उन्हें गुमराह नहीं किया जा सकता है.’
मालूम हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन आवर टाइम्स’ में कथित तौर पर हिंदुत्व के उग्र स्वरूप की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम जैसे जिहादी इस्लामी आतंकवादी समूहों से की गई थी, जिससे विवाद शुरू हो गया था.
इस किताब के प्रकाशन, प्रसार और बिक्री पर रोक लगाने के लिए दिल्ली की एक अदालत में याचिका दाखिल की गई थी. हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)