विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कहा गया है कि 14 से 22 मार्च 2022 के बीच हुए ईयूएल (आपात इस्तेमाल प्राधिकार) निरीक्षण के नतीजों के बाद यह निलंबन किया गया है. भारत बायोटेक की यूनिट में जीएमपी (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) को लेकर जो कमियां पाई गई हैं, उनमें सुधार करने की ज़रूरत है.
हैदराबादः विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पुष्टि की है कि उसने हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन की संयुक्त राष्ट्र खरीद एजेंसियों के जरिये आपूर्ति निलंबित कर दी है और वह कोविड-19 रोधी टीके प्राप्त करने वाले देशों को उचित कदम उठाने की सिफारिश कर रहा है.
डब्ल्यूएचओ द्वारा शनिवार को जारी बयान में कहा गया कि 14 से 22 मार्च 2022 के बीच हुए ईयूएल (आपात इस्तेमाल प्राधिकार) निरीक्षण के नतीजों के बाद यह निलंबन किया गया है.
डब्लयूएचओ ने यह भी कहा कि भारत बायोटेक की यूनिट में जीएमपी (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) को लेकर जो कमियां पाई गई हैं, उनमें सुधार करने की जरूरत है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वैक्सीन के निर्यात के लिए उत्पादन निलंबित किए जाने के कारण कोवैक्सीन की आपूर्ति बाधित होगी. अभी तक जोखिम के आकलन से जोखिम-फायदे के अनुपात में बदलाव का संकेत नहीं मिला है.
डब्ल्यूएओ के पास उपलब्ध आंकड़ों से यह संकेत मिलता है कि टीका प्रभावी है और सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है.
कंपनी के अधिकारियों से इस पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.
बता दें कि भारत बायोटेक ने खरीद एजेंसियों के लिए अपने आपूर्ति दायित्वों और मांग में कमी को देखते हुए एक अप्रैल को अपनी कोविड-19 वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के उत्पादन में अस्थायी तौर पर कमी का ऐलान किया था.
डब्ल्यूएचओ के हालिया निरीक्षण में भारत बायोटेक ने उसकी पूर्व की टीम के साथ नियोजित सुधार गतिविधियों की संभावनाओं पर सहमति जताई और संकेत दिया कि वे जल्द से जल्द इसे लागू करेंगे.
कंपनी ने जीएमपी की कमियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है और वह इस संबंध में एक सुधारात्मक और निवारक योजना बना रही है, जिसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) और डब्ल्यूएचओ के समक्ष पेश किया जाएगा.
अंतरिम और एहतियाती उपाय के रूप में कंपनी ने निर्यातकों के लिए कोवैक्सीन के अपने उत्पादन को निलंबित करने की अपनी प्रतिबद्धता का संकेत दिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)