पेट्रोल-डीज़ल के दाम फिर 80 पैसे प्रति लीटर बढ़े, सीएनजी प्रति किलो 2.5 रुपये महंगी हुई

बुधवार को बीते दो सप्ताह में 14वीं बार पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों बढ़ोतरी की गई. पिछले महीने से सीएनजी के दामों में हुई आठवीं बार बढ़ोतरी के बाद अब तक क़रीब 9 रुपये प्रति किलोग्राम दाम बढ़े हैं. उधर, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि विकसित देशों में एक साल में पेट्रोल के दाम 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं, वहीं भारत में केवल पांच प्रतिशत बढ़े हैं.

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(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

बुधवार को बीते दो सप्ताह में 14वीं बार पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों बढ़ोतरी की गई. पिछले महीने से सीएनजी के दामों में हुई आठवीं बार बढ़ोतरी के बाद अब तक क़रीब 9 रुपये प्रति किलोग्राम दाम बढ़े हैं. उधर, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि विकसित देशों में एक साल में पेट्रोल के दाम 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं, वहीं भारत में केवल पांच प्रतिशत बढ़े हैं.

(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बुधवार को एक बार फिर 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई. सीएनजी के दाम में 2.5 रुपये की वृद्धि की गई है. बीते दो सप्ताह में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 14वीं बार बढ़ोतरी की जा चुकी है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने दिल्ली में कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) की कीमत में 2.50 रुपये प्रति किलोग्राम की भारी बढ़ोतरी की.

नवीनतम मूल्य संशोधन के बाद दिल्ली में पेट्रोल अब 105.41 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है जबकि डीजल के दाम 96.67 रुपये प्रति लीटर हो गई है.

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि वित्तीय राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब 120.51 रुपये है जबकि डीजल की कीमत 104.77 रुपये है.

राष्ट्रीय राजधानी में अप्रैल में अब तक पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में 3.60 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जा चुकी है. पिछले महीने दस दिनों की अवधि में नौ बार की बढ़ोतरी बाद कुल 6.40 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया गया था.

पेट्रोल और डीजल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को बढ़ाई गई थीं. तब से 14वीं बार कीमतों में वृद्धि की गई है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में देशभर में वृद्धि की गई है, लेकिन इनके दाम स्थानीय कर के आधार पर अलग-अलग राज्यों में भिन्न हैं.

तेल विपणन कंपनियां पिछले 15 दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क ईंधन की औसत कीमत और विदेशी विनिमय दरों के आधार पर प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन कर रही हैं.

सीएनजी की कीमतों में यह बढ़ोतरी बमुश्किल दो दिन बाद हुई है. बीते 4 अप्रैल को इसी तरह 2.50 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की गई थी.

पिछले महीने से सीएनजी की कीमतों में यह आठवीं बार बढ़ोतरी की गई है और इसके साथ कुल मिलाकर सीएनजी की दरें लगभग 9 रुपये प्रति किलो बढ़ गई हैं.

नवीनतम मूल्य संशोधन के बाद आईजीएल की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, दिल्ली में सीएनजी की कीमत अब 66.61 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है.

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में संशोधित सीएनजी की कीमत 69.18 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि मुजफ्फरनगर, मेरठ और शामली में सीएनजी की कीमत 73.86 रुपये प्रति किलोग्राम है.

इसी तरह गुरुग्राम में सीएनजी की कीमत 74.94 रुपये प्रति किलोग्राम और रेवाड़ी में  77.07 रुपये,  करनाल और कैथल में 75.27 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है.

कानपुर, हमीरपुर और फतेहपुर में संशोधित सीएनजी मूल्य 78.40 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि अजमेर, पाली और राजसमंद में सीएनजी की कीमत 76.89 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है.

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थीं. 10 मार्च को चुनाव नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी और 22 मार्च से लगातार इनकी कीमतों में बढ़ोतरी जारी है.

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने पिछले महीने कहा था कि विधानसभा चुनावों के समय वाहन ईंधन कीमतों में बदलाव नहीं करने से सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को 2.25 अरब डॉलर या 19,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है.

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार, कच्चे तेल के दाम 100 से 120 डॉलर रहने पर पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल कीमतों में 13.1 से 24.9 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल कीमतों में 10.6 से 22.3 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करने की जरूरत होगी.

विकसित देशों में एक साल में पेट्रोल के दाम 50 प्रतिशत बढ़े, भारत में केवल पांच प्रतिशत: हरदीप सिंह पुरी

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन-रूस संकट के कारण जहां कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दाम बहुत तेजी से बढ़े हैं और अमेरिका, कनाडा समेत विकसित देशों में एक साल में पेट्रोल के दाम 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं, वहीं भारत में केवल पांच प्रतिशत बढ़े हैं.

लोकसभा में नियम 193 के तहत यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए पुरी ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य को देखे बिना गैस और पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर टिप्पणियां की जा रही हैं.

उन्होंने कहा कि 2020 के प्रारंभ में कोविड-19 के शुरू होने के बाद से कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगातार इजाफा हुआ और यह 2021 में 60 से 80 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गए थे.

पुरी ने कहा कि 24 फरवरी 2022 को जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू की तब अचानक से ये दाम 92 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गए और बाद में 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए.

उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां 12 से 13 दिन में पेट्रोल-डीजल के दाम 9 रुपये प्रति लीटर बढ़े हैं जबकि कच्चे तेल का अंतरराष्ट्रीय मूल्य बहुत तेजी से बढ़ा है.’

पुरी ने कहा कि यूक्रेन-रूस की जंग का असर केवल हम पर नहीं पड़ा है, बल्कि पूरी दुनिया इससे प्रभावित हुई है.

पुरी ने कहा कि पंपों पर पेट्रोल की दरों की बात करें तो अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच अमेरिका में इसके दाम में 51 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई, कनाडा में 52 प्रतिशत, जर्मनी में 55 प्रतिशत, ब्रिटेन में 55 प्रतिशत, फ्रांस में 50 प्रतिशत, स्पेन में 58 प्रतिशत और श्रीलंका में 55 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि भारत में इसकी कीमत केवल पांच प्रतिशत बढ़ी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)