जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद 87 नागरिक, 99 सुरक्षाकर्मी मारे गए: केंद्र

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू कश्मीर में 2014 से 2019 तक पांच साल में कम से कम 177 नागरिक और 406 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि राज्य में 2019 से अब तक आतंकवादियों के हाथों चार कश्मीरी पंडित सहित 14 हिंदू मारे गए.

(फोटोः पीटीआई)

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू कश्मीर में 2014 से 2019 तक पांच साल में कम से कम 177 नागरिक और 406 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि राज्य में 2019 से अब तक आतंकवादियों के हाथों चार कश्मीरी पंडित सहित 14 हिंदू मारे गए.

Srinagar: Security personnel stands guard at a blocked road on the 33rd day of strike and restrictions imposed after the abrogration of Article of 370 and bifurcation of state, in Srinagar, Friday, Sept. 6, 2019. (PTI Photo) (PTI9_6_2019_000063A)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को बताया कि जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कम से कम 370 नागरिक और 99 सुरक्षाकर्मी (नवंबर 2021 तक) मारे गए हैं.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की नीति ‘आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की है.’

उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले कम हुए हैं. उन्होंने बताया कि 2018 में 417 आतंकवादी हमले हुए, जबकि 2019 में 255 आतंकी हमले, 2020 में 244 आतंकी हमले और 2021 में 229 आतंकी हमले हुए.

उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में 2014 से 2019 तक पांच साल में कम से कम 177 नागरिक और 406 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे.

उन्होंने बताया कि पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कम से कम 370 नागरिक और 99 सुरक्षाकर्मी (नवंबर 2021 तक) मारे गए हैं.

राय ने बताया कि आतंकी हमलों को रोकने के लिए जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था तथा खुफिया तंत्र को मजबूत किया गया है. इसके अलावा, वहां नाकों पर चौबीस घंटे जांच, गश्त, आतंकवादियों के खिलाफ मुस्तैदी से अभियान चलाए जा रहे हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल के एक सवाल के जवाब में राय ने यह जानकारी दी. गोहिल ने सवाल किया था कि केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और 5 अगस्त, 2019 को राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद से आतंकवादियों द्वारा मारे गए नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की संख्या कितनी है.

बुनियादी ढांचे के विकास पर भाजपा सांसद राकेश सिन्हा के एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में राय ने बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार ने सूचित किया है कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से वहां करीब 51,000 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं.

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए नई केंद्रीय योजना अधिसूचित की है. 19 फरवरी 2021 को घोषित इस योजना का उद्देश्य 2037 तक 28,400 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ पूंजी निवेश आकर्षित करना है.

जम्मू कश्मीर में 2019 से मारे गए 14 हिंदुओं में से चार कश्मीरी पंडित

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि जम्मू कश्मीर में 2019 से अब तक आतंकवादियों के हाथों चार कश्मीरी पंडित सहित 14 हिंदू मारे गए.

मारे गए कश्मीरी पंडितोंं और अन्य हिंदुओं का आंकड़ा. (स्रोत: राज्यसभा)

राय ने विभिन्न सवालों के लिखित जवाब में उच्च सदन को बताया कि पिछले पांच साल में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने अल्पसंख्यक समुदायों के 34 लोगों की जान ले ली. इनमें 2021 में मारे गए 11 लोग शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद प्रधानमंत्री पैकेज के तहत मुहैया कराई गई नौकरियों को लेने के लिए 2105 प्रवासी कश्मीर घाटी वापस लौट आए हैं.

राय ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने 2019 से अब तक चार कश्मीरी पंडितों और 10 अन्य हिंदुओं की भी जान ले ली.

उन्होंने कहा कि सरकार ने घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

राय ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2017 से अब तक घुसपैठ की 502 घटनाएं हुई हैं.

उन्होंने प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3,000 नौकरियों का सृजन किया गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि 2,828 प्रवासियों की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया पूरी हो गई है. जिसमें से 1,913 प्रवासियों की नियुक्ति की जा चुकी है और शेष 915 प्रवासियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया जा चुका है.

राय ने कहा कि प्रधानमंत्री पुनर्निर्माण योजना (पीएमआरपी) 2008 के तहत ट्रांजिट आवास का निर्माण किया जा चुका है, जबकि प्रधानमंत्री विकास पैकेज (पीएमडीपी) 2015 के तहत स्वीकृत आवासों पर काम पूरा किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘1025 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है या काफी हद तक पूरा हो चुका है, 1488 इकाइयां पूर्ण होने के विभिन्न चरणों में हैं और शेष इकाइयों पर काम शुरू कर दिया गया है.’

मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीरी प्रवासियों को मासिक नकद राहत की आपूर्ति करती है, जिसे पिछली बार जून 2018 में 10,000 रुपये से बढ़ाकर 13,000 रुपये प्रति परिवार किया गया था.

उन्होंने कहा कि कश्मीरी प्रवासियों के लिए नकद राहत में वृद्धि पर समय-समय पर जम्मू कश्मीर सरकार की सिफारिश पर मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए विचार किया जाता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)