आंध्र प्रदेश के सभी 24 मंत्रियों ने राज्य मंत्रिपरिषद के पुनर्गठन से पहले इस्तीफ़ा दिया

आंध्र प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि हम सभी ने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार चलाने के लिए कुछ अनुभवी मंत्रियों को फ़िर से शामिल किया जाएगा. कुछ अन्य लोगों को पार्टी की ज़िम्मेदारी दी जाएगी.

वाईएस जगनमोहन रेड्डी. (फोटो साभार: फेसबुक)

आंध्र प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि हम सभी ने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार चलाने के लिए कुछ अनुभवी मंत्रियों को फ़िर से शामिल किया जाएगा. कुछ अन्य लोगों को पार्टी की ज़िम्मेदारी दी जाएगी.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी. (फोटो साभार: पीटीआई)

अमरावती: आंध्र प्रदेश के सभी 24 मंत्रियों ने मंत्रिपरिषद के प्रस्तावित पुनर्गठन से पहले बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

मौजूदा मंत्रियों ने मंत्रिमंडल की बैठक में अपना इस्तीफा (मुख्यमंत्री को) सौंपा. यह अमरावती स्थित सचिवालय में उनकी अंतिम बैठक थी. मंत्री करीब 34 महीने तक अपने पदों पर रहे.

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पी. वेंकटरमैया (नानी) ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हम सभी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चलाने के लिए कुछ अनुभवी मंत्रियों को फिर से शामिल किया जाएगा. कुछ अन्य लोगों को पार्टी की जिम्मेदारी दी जाएगी.’

सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि 11 अप्रैल को नए चेहरों के साथ आंध्र प्रदेश मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन किया जाएगा. इस्तीफा देने वाले कम से कम चार मंत्रियों को 11 तारीख को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बुधवार (छह अप्रैल) रात राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन के साथ बैठक की, जिसमें मंत्रिमंडल के पुनर्गठन पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि नए मंत्रिमंडल के गठन में जाति मानदंड महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

द हिंदू के मुताबिक, नगर प्रशासन मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि ढाई साल बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा. सभी मंत्रियों ने खुशी-खुशी और स्वेच्छा से अपना इस्तीफा सौंप दिया.

सत्यनारायण ने कहा कि जिम्मेदारी सौंपना पार्टी अध्यक्ष का विशेषाधिकार है. मौजूदा मंत्रियों को जारी रखना या नए मंत्रियों का चयन करना भी उनका निर्णय और विशेषाधिकार है.

उन्होंने कहा कि मंत्री के रूप में सेवा करते हुए भी उन्हें एक चुनावी टीम के रूप में काम करना चाहिए. हर कोई 2024 के चुनावों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की जीत के लिए प्रयास करेगा.

जगनमोहन रेड्डी ने जब 30 मई, 2019 को मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, तब घोषणा की थी कि वह ढाई साल के बाद अपने मंत्रिमंडल में पूरी तरह से बदलाव करेंगे और एक नई टीम बनाएंगे.

वर्तमान मंत्रिमंडल ने 8 जून, 2019 को शपथ ली थी और इसे 8 दिसंबर, 2021 तक कार्यालय में रहना था. कोविड-19 महामारी सहित कई कारणों से कैबिनेट पुनर्गठन को नियत तारीख से पहले ही रोक दिया गया था.

पिछले महीने मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि वह उगादी (2 अप्रैल को तेलुगु नववर्ष दिवस) और उसके बाद नए जिलों के गठन के बाद मंत्रिमंडल के पुनर्गठन का कार्य करेंगे.

बीते चार अप्रैल को 13 नए जिले अस्तित्व में आए, जिसके बाद प्रदेश में जिलों की कुल संख्या 26 हो गई है. इसके बाद कैबिनेट में फेरबदल का रास्ता साफ हो गया.

नए 13 जिलों में मान्यम, अनाकापल्ली, अल्लूरी सीताराम राजू, काकीनाडा, कोनसीमा, एलुरू, पलनाडु, बापटला, नांदयाल, श्री सत्य सांईं, श्री बालाजी, अन्नामाया और एनटी रामाराव शामिल हैं. एक आदिवासी जिले को छोड़कर अब प्रत्येक जिले में छह से आठ विधानसभा क्षेत्र होंगे.

सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस से मिले संकेतों के अनुसार, मंत्रिपरिषद के मौजूदा ढांचे को बरकरार रखा जाएगा, जिसमें पांच उप-मुख्यमंत्री होंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)