नींबू की कीमतों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. महाराष्ट्र में पुणे के थोक बाज़ार में एक नींबू की कीमत 5 रुपये है और खुदरा बाज़ार में इसकी कीमत 10-12 रुपये प्रति पीस है. दिल्ली में नींबू के भाव 300 रुपये से 350 रुपये प्रति किलो के बीच हैं. आलू, प्याज़ और टमाटर जैसी रोज़मर्रा की सब्ज़ियों की दामों में भी वृद्धि हुई है.
नई दिल्ली: ईंधन के दाम बढ़ने से परिवहन की लागत में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण दिल्ली और आसपास के स्थानों पर सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं और विक्रेताओं तथा उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना कर पड़ रहा है.
सब्जी बेचने वालों का कहना है कि परिवहन की लागत बढ़ने से उनका मुनाफा कम हो गया है और बिक्री घट गई है. इसके अलावा खरीद मूल्य में वृद्धि होने से वे अधिक कीमत पर सब्जी बेचने पर मजबूर हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी की कीमतों में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन 2.5 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की गई, जिससे मार्च के बाद से इसमें कुल 12.5 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हो गई है. सीएनजी की कीमतों में यह वृद्धि 16 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी और एलपीजी यानी रसोई गैस की दरों में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद हुई है.
लाजपत नगर के सब्जी विक्रेता धर्मेंद्र सिंह ने कहा, ‘टमाटर पहले 25-30 रुपये किलो बिकता था लेकिन अब 40 रुपये किलो बिक रहा है. लौकी 40 रुपये किलो बिक रही है. यहां तक कि आलू के दाम भी बढ़ गए हैं. आलू पहले 10 रुपये किलो बिक रहा था, लेकिन अब 25 रुपये किलो के हिसाब से बेच रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं. हम मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं. हम बाजार से तय कीमत पर सब्जियां खरीदते हैं. एक समस्या और है कि हम मंडियों में सब्जी का चयन नहीं कर पा रहे हैं. हमें एक तय स्लॉट ही मिल रहा है और कभी-कभी कम गुणवत्ता वाली सब्जी मिल जाती है. कीमतें बढ़ने के साथ ही लोग कम सब्जी खरीद रहे हैं.’
लाजपत नगर के फल विक्रेता अखिलेश ने कहा कि फलों के दाम भी बढ़ गए हैं. कुछ विक्रेताओं का कहना है कि उन्होंने ग्राहकों को धनिया और मिर्च मुफ्त में देना बंद कर दिया है.
उन्होंने कहा, ‘गर्मी का मौसम है और तरबूज की हमेशा मांग रहती है. पहले हम इसे 20 रुपये या 25 रुपये में बेचते थे, लेकिन अब इसे 30 रुपये में बेचा जा रहा है. हमें मंडियों से 27 रुपये में तरबूज मिलते हैं, इसलिए हमें शायद ही कोई लाभ होता है.’
कुछ विक्रेताओं ने कहा कि उन्होंने ग्राहकों को मुफ्त में धनिया पत्ती और हरी मिर्च देना बंद कर दिया है.
अखिलेश ने कहा, ‘अब हम ग्राहकों को मुफ्त में धनिया और मिर्च नहीं दे रहे हैं. बाजार में नींबू 350 रुपये प्रति किलो मिल रहा है, इसका अर्थ है कि आपको एक नींबू 10 रुपये से भी महंगा मिलेगा. शिमला मिर्च 100 रुपये किलो है. ग्राहक मोलभाव करते हैं. उन्हें पता है कि दाम बढ़ गये हैं फिर भी वे मुफ्त में मिर्च मांगते हैं.’
नोएडा के सेक्टर 76 के सब्जी विक्रेता दीपक रंजन ने भी इससे सहमति जताई और कहा कि ईंधन के दाम बढ़ने और चक्रवात के कारण गुजरात में फसल नष्ट होने के कारण सब्जियों के दाम में वृद्धि हुई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण परिवहन लागत में वृद्धि हुई है, जिससे सब्जियों की कीमतों पर असर पड़ा है. गुजरात में प्राकृतिक आपदा के कारण नींबू की कीमतें बढ़ रही हैं, जबकि अन्य सब्जियां जो विभिन्न राज्यों से आती हैं, उच्च परिवहन लागत के कारण महंगी हो गई हैं.’
दिल्ली के मयूर विहार-1 के सब्जी विक्रेता साबिर मोहम्मद ने कहा कि नींबू और शिमला मिर्च के दाम तो बढ़े ही हैं, प्याज और टमाटर जैसी रोजमर्रा की सब्जियों की कीमत में भी वृद्धि हुई है.
उन्होंने बताया, ‘इन दिनों नींबू की कीमतें 300 रुपये से 350 रुपये प्रति किलो के बीच हैं, जो अप्रत्याशित भाव है. इसकी वजह गुजरात में आए चक्रवात से फसल का नुकसान है. टमाटर की कीमत 40 रुपये से 45 रुपये प्रति किलो के बीच है, जबकि पहले यह लगभग 30-35 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकता था.’
उन्होंने आगे कहा, ‘इसी तरह प्याज की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो गई है और अब यह 40 रुपये प्रति किलो के आसपास है. पहले यह लगभग 30-35 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिकता था.’
इसी तरह के विचार न्यू अशोक नगर के एक सब्जी व्यापारी हाजी यूनुस ने भी साझा किए, जिन्होंने कहा कि वे थोक बाजारों में उच्च दरों पर सब्जियां खरीद रहे हैं और इसलिए खुदरा बाजारों में भी इसका प्रभाव महसूस किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर मुख्य सब्जियां जैसे प्याज और टमाटर दिल्ली में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक से आते हैं. उच्च परिवहन लागत के कारण प्याज और टमाटर की कीमतों में लगभग 10-15 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है. इसी तरह, गुजरात में एक चक्रवात के साथ उच्च परिवहन लागत के कारण नींबू, शिमला मिर्च और मिर्च भी उच्च दरों पर बेचे जा रहे हैं.’
नींबू के दामों में बेतहाशा वृद्धि
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक गर्मी न केवल गेहूं को बल्कि साधारण नींबू को भी नुकसान पहुंचा रही है. उच्च तापमान के कारण कई नींबू उगाने वाले क्षेत्रों में बाजार के लिए तैयार फसल खराब हो जाती है, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं.
यह अगले दो महीनों तक जारी रहने की उम्मीद है. वर्तमान में पुणे के थोक बाजार में एक नींबू की कीमत 5 रुपये है और जब तक यह खुदरा बाजार में आता है तब तक इसकी कीमत 10-12 रुपये प्रति पीस के बीच हो जाती है.
घरेलू बाजारों के अलावा महाराष्ट्र से नींबू मध्य प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान भेजे जाते हैं, लेकिन इस साल उपज इतनी कम है कि शायद ही उसे कहीं और भेजा जा सके.
आंध्र प्रदेश नींबू का सबसे बड़ा उत्पादक है, इसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और ओडिशा हैं. पुणे के थोक बाजार गुलटेकड़ी में कमीशन एजेंट विलास भुजबल ने कहा कि नींबू की आवक में 60 फीसदी की गिरावट आई है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा गुरुवार को जारी पूर्वानुमान के अनुसार, कम से कम अगले पांच दिनों तक भीषण गर्मी से कोई राहत नहीं मिलेगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)