मध्य प्रदेश सरकार ने व्यापमं घोटाले के ह्विसिलब्लोअर शासकीय डॉक्टर को किया निलंबित

मध्य प्रदेश पुलिस ने व्यापमं घोटाले के ह्विसिलब्लोअर शासकीय नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद राय को मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी की शिकायत पर शुक्रवार को दिल्ली से गिरफ़्तार किया है. इस अधिकारी ने बीते मार्च में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा का एक पेपर कथित रूप से लीक होने के विवाद में उनका नाम घसीटने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.

व्यापमं घोटाले के ह्विसिलब्लोअर डॉ. आनंद राय. (फोटो साभार: फेसबुक)

मध्य प्रदेश पुलिस ने व्यापमं घोटाले के ह्विसिलब्लोअर शासकीय नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद राय को मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी की शिकायत पर शुक्रवार को दिल्ली से गिरफ़्तार किया है. इस अधिकारी ने बीते मार्च में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा का एक पेपर कथित रूप से लीक होने के विवाद में उनका नाम घसीटने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.

व्यापमं घोटाले के ह्विसिलब्लोअर डॉ. आनंद राय. (फोटो साभार: फेसबुक)

भोपाल/नई दिल्ली: मध्य प्रदेश पुलिस ने विभिन्न परीक्षाओं से जुड़े व्यापमं घोटाले के ह्विसिलब्लोअर शासकीय नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद राय को मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी की शिकायत पर शुक्रवार तड़के दिल्ली से गिरफ्तार कर भोपाल की एक अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

मामले को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने डॉ. राय को चिकित्सा अधिकारी के पद से भी निलंबित कर दिया है.

निलंबन आदेश में कहा गया है, ‘इंदौर स्थित हुकुमचंद चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारी (पीजीएमओ नेत्ररोग) डॉ. आनंद राय को मध्य प्रदेश सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, रीवा संभाग, रीवा किया गया है.’

इसमें कहा गया है कि डॉ. राय ने अपने दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरती तथा मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण संहिता के विभिन्न प्रावधानों के विरूद्ध कृत्य करते हुए उन्होंने स्वयं को कदाचार का भागी बनाया है.

भोपाल पुलिस की अपराध शाखा के सहायक पुलिस आयुक्त शिवपाल सिंह कुशवाहा ने बताया, ‘राय को बृहस्पतिवार आधी रात के तुरंत बाद दिल्ली से गिरफ्तार किया गया और बाद में वहां से भोपाल लाया गया.’

उन्होंने कहा, ‘इसके बाद राय को शुक्रवार को भोपाल में एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें एक दिन के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया है.’

गिरफ्तारी के तुरंत बाद डॉ. राय ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘मुझे अपराध शाखा ने दिल्ली के होटल काबली से गिरफ्तार किया है. सभी कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से अनुरोध है कि भोपाल आएं.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, डीसीपी अपराध शाखा अमित कुमार ने कहा, ‘पेपर लीक मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में आनंद राय को गिरफ्तार कर लिया गया है और भोपाल लाया गया है. हम मामले की जांच कर रहे हैं.’

मुख्यमंत्री सचिवालय के उप-सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम ने 25 मार्च को आयोजित मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)-2022 का एक प्रश्न-पत्र कथित रूप से लीक होने के विवाद में उनका नाम घसीटने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए राय और प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा के खिलाफ पिछले महीने (मार्च) पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.

उक्त परीक्षा मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित की गई थी, जिसे पहले व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के रूप में जाना जाता था.

लीक हुए प्रश्न-सह-उत्तर-पुस्तिका का एक कथित स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें किसी ‘लक्ष्मण सिंह’ का नाम लिखा हुआ देखा जा सकता था.

राय के करीबी सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने राय द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी थी. राय अदालत के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के उद्देश्य से दिल्ली गए थे.

अपनी शिकायत में मरकाम ने राय और मिश्रा पर उनकी (मरकाम) छवि खराब करने का आरोप लगाया है.

मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों में भर्तियों और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाओं में धांधली को लेकर व्यापमं सुर्खियों में रहा है. व्यापमं में घोटाला 2011 में सामने आया था. सीबीआई ने 2015 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद इस भर्ती और प्रवेश घोटाले की जांच अपने हाथ में ले ली थी.

सुप्रीम कोर्ट ह्विसिलब्लोअर की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत

उच्चतम न्यायालय व्यापमं घोटाले में एक ह्विसिलब्लोअर की याचिका पर 11 अप्रैल को सुनवाई के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया. कथित प्रश्न पत्र लीक मामले में उनकी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज प्राथमिकी पर मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा की गई उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ यह याचिका दायर की गई है.

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने डॉ. आनंद राय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा की दलीलों पर गौर किया कि आरोपी को उन मामलों में बृहस्पतिवार की रात दिल्ली के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था, जिनमें अन्य आरोपी जमानत पर बाहर हैं.

वरिष्ठ वकील ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग करते हुए कहा, ‘व्यापमं मामले के ह्विसिलब्लोअर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि मुख्य आरोपी जमानत पर है.’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘हम इसे सोमवार के लिए सूचीबद्ध करेंगे.’

राय के खिलाफ इस साल मार्च में मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के उप-सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम ने प्राथमिकी दर्ज कराई है.

आरोपी की फेसबुक पोस्ट के अनुसार सीएमओ में तैनात अधिकारी के फोन से राज्य परीक्षा की प्रश्न-उत्तर कुंजी लीक हो गई थी और इस कारण मामला दर्ज किया गया.

वकील सुमीर सोढ़ी के माध्यम से दायर याचिका में जबलपुर में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित अप्रैल, 2022 के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध संबंधी उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.

याचिका में कहा गया है, ‘वर्तमान मामला उन उदाहरणों पर प्रकाश डालता है जहां एक ताकतवर और प्रतिशोधी राज्य किसी नागरिक को परेशान करने और मानहानि के संभावित व्यक्तिगत मामले को प्राथमिकी में बदलने के लिए कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है.’

याचिका में कहा गया है कि राय को 26 मार्च, 2022 को वॉट्सऐप पर एक अज्ञात स्रोत से लक्ष्मण सिंह के नाम से एक मोबाइल फोन की तस्वीर का स्क्रीनशॉट मिला था.

याचिका में कहा गया है, ‘स्क्रीनशॉट में ‘संविदा शिक्षक वर्ग-तृतीय परीक्षा’ के प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी थी, जिसका जिक्र उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में किया था.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)