एक 24 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ और अन्य के ख़िलाफ़ लखीमपुर खीरी ज़िले के तिकुनिया थाना में एफ़आईआर दर्ज की गई है. केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा पिछले साल ज़िले में हुई हिंसा के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की एसयूवी से कुचलकर हत्या करने के आरोपी हैं.
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 2003 की हत्या के एक मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ को बरी किए जाने के खिलाफ एक सरकारी अपील पर अंतिम सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की है.
जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की पीठ ने शिकायतकर्ता द्वारा दायर एक आवेदन पर बृहस्पतिवार को आदेश पारित किया, जिसने 2003 में मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
शिकायतकर्ता के अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने तर्क देते हुए कहा कि मिश्रा को हत्याकांड में बरी करने के खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी, जबकि वादी की ओर से भी बरी करने के आदेश को रिवीजन दाखिल कर चुनौती दी गई थी.
अधिवक्ता ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने 22 नवंबर, 2013 को अपील पर शीघ्र सुनवाई का आदेश जारी किया था.
अपील पर पीठ ने 12 मार्च, 2018 को सुनवाई पूरी करके आदेश सुरक्षित कर लिया था, किन्तु बाद में बिना सुनवाई पीठ ने अपील को वापस सुनवाई के लिए लगा दिया जिसके बाद भी अभी इस अपील पर फैसला नहीं हो सका.
24 वर्षीय प्रभात गुप्ता की हत्या के मामले अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ और अन्य के खिलाफ लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाना में एफआईआर दर्ज की गई है. प्रभात की 2003 में तिकुनिया इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की एक अदालत ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में 2004 में मिश्रा और अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था. इसी मामले में मृतक के परिजनों की ओर से याचिका दायर की गई थी.
मालूम हो कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पिछले साल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की एसयूवी से कुचलकर हत्या करने के आरोपी हैं. इस हिंसा के दौरान कुल आठ लोगों की मौत हुई थी. तीन अन्य मृतकों में भाजपा के दो कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री की एसयूवी के चालक शामिल हैं.
आशीष मिश्रा फिलहाल जमानत पर हैं, लेकिन हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरोपी को 10 फरवरी को दी गई जमानत रद्द करने की अपील की गई है. आशीष मिश्रा को जमानत मिलने से पहले वह चार महीने तक हिरासत में रहे थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)