पाकिस्तान: इमरान ख़ान ने विश्वास मत खोया, नए प्रधानमंत्री का चयन सोमवार को

शनिवार को पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजों में संयुक्त विपक्ष को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों का समर्थन मिला, जो मौजूदा प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा. बताया जा रहा है कि पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ़ अगले प्रधानमंत्री चुने जा सकते हैं.

इमरान ख़ान. (फोटो: रॉयटर्स)

शनिवार को पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजों में संयुक्त विपक्ष को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों का समर्थन मिला, जो मौजूदा प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा. बताया जा रहा है कि पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ़ अगले प्रधानमंत्री चुने जा सकते हैं.

इमरान खान. (फोटो: रॉयटर्स)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार मध्यरात्रि को हुए मतदान में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. खान देश के इतिहास में ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गये, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाया गया है.

मतदान के समय 69 वर्षीय खान निचले सदन में उपस्थित नहीं थे और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों ने भी बर्हिगमन किया.

इस बीच, पीटीआई के सांसद फैसल जावेद ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही इमरान खान ने प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास छोड़ दिया.

फैसल ने ट्वीट किया, ‘अभी-अभी प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री आवास से विदा हुए. वह शालीनता से विदा हुए और झुके नहीं.’

शनिवार को पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजे में संयुक्त विपक्ष को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों का समर्थन मिला, जो प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा.

गौरतलब है कि किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है.

इमरान खान ने नेशनल असेंबली को भंग करने के विवादित फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा निरस्त किए जाने को लेकर शुक्रवार को निराशा व्यक्त की थी और कहा था कि वह देश में किसी भी ‘आयातित सरकार’ को स्वीकार नहीं करेंगे.

इससे पहले, मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने का नेशनल असेंबली उपाध्यक्ष का फैसला गुरुवार को सर्वसम्मति से रद्द कर दिया था.

शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही नेशनल असेंबली को बहाल करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि नेशनल असेंबली भंग करने और समय से पहले चुनाव कराने की सिफारिश का प्रधानमंत्री का कदम ‘असंवैधानिक’ था.

अदालत ने निचले सदन के अध्यक्ष को भी अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन के लिए नौ अप्रैल को सुबह 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का आदेश दिया था. साथ ही, अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर नये प्रधानमंत्री का चुनाव कराने का आदेश दिया था.

वहीं, शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने के लिए संसद का अहम सत्र अलग-अलग वजहों से स्थगित होता रहा. बाद में देर रात तक नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर और उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने इस्तीफा दे दिया.

नेशनल असेंबली का महत्वपूर्ण सत्र शनिवार सुबह 10:30 बजे शुरू होने के बाद अध्यक्ष कैसर ने अलग-अलग कारणों से तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित की. इस्तीफे की घोषणा के बाद कैसर ने पीएमएल-एन के अयाज सादिक को सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करने को कहा, जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराया गया.

उल्लेखनीय है कि विपक्षी दलों ने आठ मार्च को इमरान खान सरकार के खिलाफ अविस्वास प्रस्ताव पेश किया था. इसके बाद खान ने इसके पीछे विदेशी साजिश होने का आरोप लगाते हुए अमेरिका पर निशाना साधा था. हालांकि, अमेरिका ने आरोपों को बेबुनियाद करार दिया था.

बहरहाल, अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले इमरान खान ने शनिवार रात अपने मंत्रिमंडल की आपात बैठक भी की और उन्होंने इस्तीफा नहीं देने का संकल्प जताया था. सूत्रों ने बताया कि खान की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान यह फैसला किया गया था कि उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए.

खान द्वारा बैठक करना आश्चर्यचकित करने वाला था क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव से उनके बचने की बहुत कम संभावना थी.

बाद में, इमरान खान ने चुनिंदा पत्रकारों से बातचीत में सैन्य नेतृत्व में किसी भी तरह के बदलाव की अफवाहों को खारिज किया. साथ ही क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ने इस्तीफा नहीं देने और ‘आखिरी गेंद तक डटे रहने’ की घोषणा की थी.

बता दें कि नेशनल असेंबली का वर्तमान कार्यकाल अगस्त 2023 में समाप्त होना था. क्रिकेटर से नेता बने खान 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आये थे. हालांकि, वह वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे और आर्थिक कुप्रबंधन के दावों से घिर गए क्योंकि उनकी सरकार विदेशी मुद्रा भंडार भरने और दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति को कम करने के मामले में लड़खड़ाती रही.

साथ ही, पिछले साल उन्होंने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख की नियुक्ति को समर्थन देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद ऐसा माना जाता है कि उन्होंने शक्तिशाली सेना का समर्थन भी खो दिया था. अंत में वह सहमत हो गए थे, लेकिन इससे सेना के साथ उनके संबंधों में खटास आ गई थी.

खान लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को खुफिया प्रमुख बनाए रखना चाहते थे, लेकिन सेना के आलाकमान ने पेशावर में कोर कमांडर के तौर पर उनका तबादला कर दिया था.

खान मुल्क के 22वें प्रधानमंत्री थे और उनका कार्यकाल 18 अगस्त 2018 से 10 अप्रैल 2022 तक 1,332 दिनों का रहा.

जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार, क्रिकेटर से नेता बने खान तीन साल सात महीने और 23 दिन तक प्रधानमंत्री पद पर रहे, जो महीनों के हिसाब से करीब 43 महीने और 23 दिन का समय है.

मालूम हो कि पाकिस्तान में 75 वर्षों के अस्तित्व के आधे से अधिक समय तक तख्तापलट की आशंका वाले देश पर सेना ने ही शासन किया है और अब तक सुरक्षा एवं विदेश नीति के मामलों में भी उसी का बोलबाला रहा है.

इमरान खान की पार्टी के नेताओं ने उनका साथ देने का संकल्प लिया

अविश्वास प्रस्ताव के जरिये इमरान खान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं ने उनके साथ मिलकर लड़ने का रविवार को संकल्प लिया. साथ ही, ‘नहीं झुकने’ और ‘शालीनता के साथ’ प्रधानमंत्री आवास से बाहर जाने के लिए खान की प्रशंसा की.

बहरहाल, खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान को रोकने के सरकार के प्रयासों के बावजूद संयुक्त विपक्ष उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से अपदस्थ करने के प्रयास में सफल रहा.

पीटीआई के नेताओं ने ‘अंतिम गेंद तक लड़ने के लिए’ ट्वीट कर खान की प्रशंसा की.

पाकिस्तानी सीनेटर फैसल जावेद ने उन्हें ‘पाकिस्तान खान’ के नाम से संबोधित करते हुए कहा, ‘उन्होंने पूरे देश का उत्थान किया. उनके जैसा नेता पाकर मैं धन्य महसूस कर रहा हूं और मुझे अपने पाकिस्तानी होने पर गर्व है.’

देश के पूर्व वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्री तैमूर खान झागरा ने कहा कि जंग में हारना मायने नहीं रखता.

उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हम चाहते थे, पाकिस्तान के लिए जंग जीतना मायने रखता है. भले ही कितना भी समय लगे, जंग जारी रहेगी. इंशाअल्लाह.’’

देश के पूर्व योजना मंत्री असद उमर ने कहा, ‘पिछले तीन साल से अधिक समय से मैंने इमरान खान को देश की भलाई के लिए अथक कार्य करते देखा है.’

पाकिस्तान के पूर्व ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर ने कहा कि ‘बहादुर’ नेता खान के आह्वान पर ईशा की नमाज के बाद पूरे पाकिस्तान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया.

देश के पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने खान को पद से हटाए जाने को पाकिस्तान के लिए दु:खद दिन बताया और कहा कि लुटेरे फिर से लौट आएंगे और एक अच्छे व्यक्ति को घर भेज दिया गया.

पाकिस्तान की पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए एक दु:खद दिन है, जब एक भ्रष्ट राजनीतिक माफिया और अन्य घरेलू प्रभावशाली लोगों की मदद से तथा संसद की सर्वोच्चता नष्ट करने वाले एक न्यायिक तख्तापलट के कारण अमेरिकी शासन जीत गया.

खान ने अपने खिलाफ अविश्वास पत्र के लिए विदेशी षड्यंत्र को जिम्मेदार ठहराया है.

पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ हो सकते हैं नये प्रधानमंत्री

बहरहाल, खान को हटाए जाने के बाद सदन के नये नेता के चुनाव की प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है.

हालांकि, संयुक्त विपक्ष ने पहले ही ऐलान किया था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ उनके संयुक्त उम्मीदवार होंगे. ऐसे में शहजाब शरीफ रविवार को देश के नये प्रधानमंत्री चुने जा सकते हैं.

शहबाज ने संकल्प जताया कि नई सरकार प्रतिशोध की राजनीति में शामिल नहीं होगी.

विश्वास मत की घोषणा के बाद शहबाज ने कहा, ‘मैं अतीत की कड़वाहट में वापस नहीं जाना चाहता. हमें इसे भूलकर आगे बढ़ना होगा. हम कोई बदले की कार्रवाई या अन्याय नहीं करेंगे. हम बिना वजह किसी को जेल नहीं भेजेंगे.’

विश्वास मत के नतीजे के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने देश के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर सदन को बधाई दी.

नए प्रधानमंत्री का चयन सोमवार को होगा

पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री का चयन सोमवार को होगा, जब नेशनल असेंबली इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद फिर से बैठक करेगी.

नेशनल असेंबली की मैराथन बैठक रविवार तड़के स्थगित कर दी गई और नए प्रधानमंत्री का चुनाव करने के लिए सोमवार दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होगी.

नेशनल असेंबली के इस अहम सत्र की अध्यक्षता कर रहे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अयाज सादिक ने कहा कि नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए नामांकन पत्र रविवार दोपहर दो बजे तक दाखिल किए जा सकते हैं और इनकी जांच दोपहर तीन बजे तक होगी.

सादिक ने सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे एक बार फिर नेशनल असेंबली की बैठक बुलाने की घोषणा की और कहा कि इस दौरान नए प्रधानमंत्री का चयन किया जाएगा. हालांकि, बाद में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर बताया कि सदन की बैठक दोपहर दो बजे होगी.

निचले सदन ने ट्वीट किया, ‘नेशनल असेंबली की बैठक सोमवार 11 अप्रैल, 2022 को पूर्वाह्न 11 बजे के बजाय दोपहर दो बजे शुरू होगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)