कन्हैया समेत 15 छात्रों के ख़िलाफ़ जेएनयू की अनुशासनात्मक कार्रवाई रद्द

दिल्ली हाईकोर्ट ने नये सिरे से फैसला करने के लिए मामले को वापस जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पास भेज दिया.

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Kanhaiya
कन्हैया कुमार

दिल्ली हाईकोर्ट ने नये सिरे से फैसला करने के लिए मामले को वापस जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पास भेज दिया.

Kanhaiya
कन्हैया कुमार

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत 15 छात्रों के खिलाफ विश्वविद्यालय द्वारा की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को रद्द कर दिया. यह कार्रवाई पिछले साल नौ फरवरी को विश्वविद्यालय में विवादास्पद कार्यक्रम के आयोजन से जुड़ी थी.

न्यायमूर्ति वीके राव ने इस मामले को नये सिरे से फैसला करने के लिए वापस जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पास भेज दिया. इससे पहले अदालत ने छात्रों को रिकॉर्ड का निरीक्षण करने और उन्हें सुनने की अनुमति दी थी.

अदालत ने जेएनयू के अपीली प्राधिकार से कहा कि वह छात्रों को सुनने के छह हफ्ते के भीतर एक तार्किक आदेश दे. जिन छात्रों की सुनवाई होनी है उनमें उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य भी शामिल हैं.

इनका कहना था कि विश्वविद्यालय ने अनुशासनहीनता के आरोपों से खुद को बचाने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं दिया. छात्रों ने उन्हें दी गई सजा को भी याचिका में चुनौती दी थी. जेएनयू प्रशासन ने छात्रों को कुछ सेमेस्टर के लिए निष्कासन से लेकर हॉस्टल सुविधा छोड़ने जैसी सजाएं दी थीं.

विश्वविद्यालय के अपीली प्राधिकार ने उमर खालिद को इस साल दिसंबर तक के लिए विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया था जबकि भट्टाचार्य को पांच साल के लिए विश्वविद्यालय से बाहर किया गया था.

संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में नौ फरवरी को परिसर में कार्यक्रम आयोजित करने और कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगाए जाने के सिलसिले में कन्हैया, खालिद और भट्टाचार्य को पहले देशद्रोह के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें बाद में मामले में जमानत दे दी गई थी. इस संबंध में आरोप पत्र अब तक दायर नहीं किया गया है.