कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर सरकारी ठेके में 40 प्रतिशत का कमीशन लेने का आरोप लगाने वाले एक ठेकेदार की मौत को लेकर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. मृतक का परिवार और विपक्ष ईश्वरप्पा की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं.
बेंगलुरु/हुबली/बेलगावी: कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर सरकारी ठेके में 40 प्रतिशत का कमीशन लेने का आरोप लगाने वाले एक ठेकेदार के कथित आत्महत्या के मामले को लेकर विवादों के बीच उन्होंने गुरुवार को ऐलान किया कि वह शुक्रवार को मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप देंगे.
एनडीटीवी के मुताबिक, उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं शुक्रवार को मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंप रहा हूं. सहयोग के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया क्योंकि मैं उन लोगों को असहज स्थिति में नहीं डालना चाहता, जिन्होंने मुझे इस पद तक पहुंचाने में मदद की, जैसे कि पार्टी में वरिष्ठ, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और हमारे राष्ट्रीय नेता.’
ईश्वरप्पा की घोषणा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा कैबिनेट के हिस्से के रूप में उन्हें जारी रखने का आश्वासन देने के कुछ घंटों बाद हुई.
बोम्मई ने कहा था कि केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी जब तक प्रारंभिक जांच पूरी नहीं हो जाती. ईश्वरप्पा भी पद छोड़ने के इच्छुक नहीं थे. उन्होंने स्पष्ट रूप से संवाददाताओं से कहा कि, ‘यदि वे मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं, तो मैं नहीं दूंगा.’
उन्होंने मुख्यमंत्री एवं अपने सभी मित्रों को सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि वह पाकसाफ होकर सामने आयेंगे.
ईश्वरप्पा ने पहले यह कहते हुए इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था कि उनकी गलती नहीं है.
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि भाजपा आलाकमान ने राज्य को स्पष्ट निर्देश दिया था कि पार्टी की भ्रष्टाचार विरोधी छवि को बचाने के लिए ईश्वरप्पा को पद छोड़ देना चाहिए.
इसी बीच, मुख्यमंत्री बसवाराज बोम्मई ने बेंगलुरू में स्पष्ट किया कि ईश्वरप्पा ने अपनी मर्जी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है और ऐसा करने के लिए उन पर पार्टी आलाकमान से दबाव नहीं था.
Contractor Santosh Patil's death case | State Min KS Eshwarappa has decided to resign on his own & will tender his resignation today evening. No need for opposition to become an investigation officer or judge as everything will come out after probe: Karnataka CM Basavaraj Bommai pic.twitter.com/oHbCljxP8l
— ANI (@ANI) April 15, 2022
बसवराज बोम्मई ने कहा, ‘राज्य मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने अपने दम पर इस्तीफा देने का फैसला किया है और शुक्रवार शाम को इस्तीफा देंगे. विपक्ष को जांच अधिकारी या जज बनने की जरूरत नहीं है क्योंकि जांच के बाद ही सब कुछ सामने आएगा.’
ठेकेदार संतोष पाटिल, जिन्होंने अपने वॉट्सऐप संदेशों में अपने दोस्तों और राजनीतिक नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, ने कथित तौर पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा था.
विवाद ने राज्य की विपक्षी कांग्रेस को मई 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मुद्दा दे दिया है. कांग्रेस ने न केवल ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग की है, बल्कि भ्रष्टाचार के मामले में उनकी गिरफ्तारी की भी मांग की है.
भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए ईश्वरप्पा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी या नहीं यह अभी पता नहीं चल पाया है. उनके के खिलाफ ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत को लेकर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
मंत्री के खिलाफ ठेकेदार संतोष के पाटिल की संदिग्ध आत्महत्या के सिलसिले में बुधवार को मामला दर्ज किया गया था. पाटिल उडुपी के एक होटल में मंगलवार को मृत मिले थे.
ठेकेदार ने मंत्री एवं उनके करीबियों पर 2021 में बेलगावी के हिंदलगा गांव में एक उत्सव से पूर्व निर्माण कार्य पूरा करने के बाद इसके बिल को मंजूर कर राशि जारी करने के लिए 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाया था.
बता दें कि पाटिल ने मौत से पहले कुछ मीडिया संस्थानों को कथित तौर पर कुछ संदेश भेजे थे जिसमें कहा गया था कि वह आत्महत्या कर रहे हैं और आरोप लगाया कि उनकी मौत के लिए ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं. सोशल मीडिया पर भी एक कथित संदेश में पाटिल ने अपनी मौत का जिम्मेदार मंत्री को ठहराया था.
खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताने वाले पाटिल ने 30 मार्च को आरोप लगाया था कि उन्होंने आरडीपीआर विभाग में एक काम किया था और चाहते थे कि इसका भुगतान हो, लेकिन ईश्वरप्पा ने चार करोड़ रुपये के काम में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी.
मंत्री ने न केवल आरोप खारिज किया, बल्कि ठेकेदार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया था.
ईश्वरप्पा के इस्तीफे को सरकार के लिए ‘झटका’ नहीं माना जा सकता, जांच में सच सामने आएगा: बोम्मई
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज (आरडीपीआर) मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा के इस्तीफे को सरकार के लिए ‘झटका’ नहीं माना जा सकता है.
बोम्मई ने कहा कि जांच के बाद सच सामने आएगा. उन्होंने ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे विपक्षी दल कांग्रेस से कहा कि वह खुद ही जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश ना बनें.
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, ‘उन्होंने (ईश्वरप्पा ने) फैसला किया है. वह आज शाम को इस्तीफा दे देंगे. मैंने उनसे बात की थी, वह अपने रुख को लेकर स्पष्ट हैं, वह स्वेच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने जल्द से जल्द जांच कराने की मांग की है और उन्हें खुद के निर्दोष साबित होने का भरोसा है.’
ईश्वरप्पा के खिलाफ कोई साजिश रचे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह जांच में सामने आएगा. उन्होंने कहा, ‘सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जाएगी, सच सामने आएगा.’
विपक्षी दलों की ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पुलिस को जांच करने दिया जाए.
उन्होंने कहा, ‘क्या केजे जॉर्ज को कांग्रेस सरकार ने गिरफ्तार किया था? केंद्र में राजग सरकार होने के बावजूद न तो कर्नाटक पुलिस और न ही सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था. पुलिस यह फैसला करेगी कि ईश्वरप्पा को गिरफ्तार किए जाने की जरूरत है या नहीं.’
एक पुलिस अधिकारी ने आत्महत्या करने से पहले राज्य में कांग्रेस शासन के दौरान मंत्री रहे जॉर्ज पर कई आरोप लगाए थे.
बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को खुद जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश नहीं बनना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पुलिस को निष्पक्ष जांच करने दें, सच्चाई सामने आएगी.’
इस बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस चाहती है कि उन पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हो.
उन्होंने कहा, ‘आत्महत्या के उकसाना एक जघन्य अपराध है और गैर जमानती अपराध है. सभी जघन्य अपराधों मे आरोपी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए लेकिन ईश्वरप्पा के मामले में ऐसा नहीं किया गया.’
ईश्वरप्पा के इस्तीफे से कोई फर्क नहीं पड़ता, उन्हें गिरफ्तार किया जाए: मृतक के परिवार ने कहा
कथित रूप से आत्महत्या करने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल के परिवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसे कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा के इस्तीफे से कोई फर्क नहीं पड़ता है और उसकी मांग है कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए.
संतोष पाटिल के भाई प्रशां पाटिल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘…. प्राथमिकी में तीन नामों – ए1, ए2 और ए3 का जिक्र है . पुलिस विभाग जांच कर रहा है और उसे तीनों को गिरफ्तार करना होगा… हम गिरफ्तारी चाहते हैं, हमने इस्तीफे की कभी मांग नहीं की. इस्तीफा सरकार एवं उन पर (ईश्वरप्पा) पर छोड़ दिया जाए. हम चाहते हैं कि आरोपी गिरफ्तार किये जाएं.’
उन्होंने कहा, ‘मेरे भाई ने वॉट्सऐप संदेश में जो कुछ लिखा था, उनका मैंने शिकायत में जिक्र किया. प्राथमिकी में उल्लेखित सभी तीनों आरोपी गिरफ्तार किए जाएं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)