कोविड-19: दिल्ली में संक्रमण दर और मामलों में वृद्धि, कई स्कूली छात्र हुए संक्रमित

बीते कुछ दिनों में दिल्ली में कोविड संक्रमण दर में वृद्धि दर्ज की गई है. शनिवार सुबह तक कोविड संक्रमित 14 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से अधिकतर एक-दूसरे से संक्रमित हुए हैं. इसके साथ ही होम क्वारंटीन के मामले भी क़रीब 48 प्रतिशत बढ़े हैं. वहीं, हरियाणा में भी दैनिक मामलों में वृद्धि देखी गई है.

//
(फोटो: पीटीआई)

बीते कुछ दिनों में दिल्ली में कोविड संक्रमण दर में वृद्धि दर्ज की गई है. शनिवार सुबह तक कोविड संक्रमित 14 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से अधिकतर एक-दूसरे से संक्रमित हुए हैं. इसके साथ ही होम क्वारंटीन के मामले भी क़रीब 48 प्रतिशत बढ़े हैं. वहीं, हरियाणा में भी दैनिक मामलों में वृद्धि देखी गई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/चंडीगढ़: राष्ट्रीय राजधानी में और भी स्कूली छात्रों के शुक्रवार को संक्रमित होने के बाद अभिभावकों में चिंता बढ़ गई. इस बीच, दिल्ली सरकार ने स्कूल प्रशासन को जरूरत पड़ने पर खास हिस्सा या कक्षाओं को बंद करने को कहा है.

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोविड के मामलों और संक्रमण दर में वृद्धि दर्ज की गई है. दिल्ली में शुक्रवार को कोविड-19 के 366 नए मामले सामने आए, जबकि संक्रमण दर बढ़ कर 3.95 प्रतिशत पर पहुंच गई.

आंबेडकर जयंती, गुड फ्राइडे के बाद सप्ताहांत पड़ने के चलते दिल्ली में स्कूलों में चार दिनों तक अवकाश है.

शहर के दो शीर्ष स्कूलों ने यह पुष्टि की है कि उनमें से प्रत्येक को अभिभावकों से यह सूचना मिली है कि उनके बच्चों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि स्कूलों या कक्षाओं के जिस हिस्से में कोविड-19 के मामले सामने आए, उसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाना चाहिए. साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि विशेष परिस्थितियों में समूचे स्कूल को बंद किया जाना चाहिए.

राष्ट्रीय राजधानी में कोविड की स्थिति की समीक्षा के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की 20 अप्रैल को एक बैठक बुलाई गई है.

स्कूलों में बढ़ा संक्रमण

दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक शीर्ष निजी स्कूल के कम से कम पांच छात्र और अध्यापक पिछले हफ्ते कोराना वायरस से संक्रमित हो गए, जिससे अभिभावकों में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. साथ ही, स्कूलों के फिर से बंद होने की संभावना भी बढ़ गई है.

कोविड महामारी के चलते दो साल के अंतराल के बाद ‘ऑफलाइन’ कक्षाएं पूरी तरह से फिर से शुरू होने के कुछ ही हफ्तों के अंदर स्कूलों में संक्रमण के मामले बढ़ने की खबरों ने चिंता बढ़ा दी है.

इंडिया टुडे के मुताबिक, दिल्ली में शनिवार सुबह तक कोविड से संक्रमित करीब 14 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल में भर्ती ज्यादातर बच्चे एक-दूसरे से संक्रमित हुए हैं. इनमें से 12 बच्चों को दिल्ली के कलावती सरन अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

पड़ोसी नोएडा और गाजियाबाद के स्कूलों में कोविड के नये मामले आने के बाद राष्ट्रीय राजधानी के निजी स्कूलों में भी संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं.

सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हमने उनसे स्कूलों को बंद करने को नहीं कहा है. हमारे दिशानिर्देश कहते हैं कि किसी खास हिस्से या कक्षा को अस्थायी रूप से बंद किया जाना चाहिए, जहां कोई व्यक्ति कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया हो. स्कूल उन विशेष परिस्थितियों में पूरे परिसर को बंद करने का फैसला ले सकते हैं जिनमें संक्रमित विद्यार्थी या अध्यापक स्कूल के कई हिस्सों से हों…हमने इसे विकेंद्रीकृत कर दिया है.’

शिक्षा निदेशालय ने 13 अप्रैल को कोविड पर राष्ट्रीय राजधानी में स्कूलों को एक नया परामर्श जारी कर उन्हें निर्देश दिया कि यदि किसी छात्र या अध्यापक के संक्रमित होने की पुष्टि होती है तो पूरे परिसर या खास हिस्से को बंद कर दिया जाए.

निदेशालय ने यह भी कहा कि छात्र और अध्यापक मास्क पहनें और आपस में यथासंभव दूरी बनाये रखें.

दिल्ली में कोविड के 366 नए मामले, संक्रमण दर बढ़ कर 3.95 पहुंची

दिल्ली में शुक्रवार को कोविड-19 के 366 नए मामले सामने आए, जबकि संक्रमण दर बढ़ कर 3.95 प्रतिशत पर पहुंच गई. शहर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली.

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोविड के मामलों और संक्रमण दर में वृद्धि दर्ज की गई है. विभाग की बुलेटिन के मुताबिक, शहर में कोविड के कुल 685 मरीज अपने घरों पर पृथक-वास में हैं.

इसमें कहा गया है कि दिल्ली के अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए 9,735 बिस्तरें हैं और उनमें से 51 (0.52 प्रतिशत) अभी भरे हुए हैं.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में बृहस्पतिवार को संक्रमण के 325 नए मामले सामने आए थे, जबकि एक भी मरीज की मौत नहीं हुई थी. वहीं, संक्रमण दर 2.39 प्रतिशत रही थी.

बुधवार को, कोविड के 299 मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 2.49 प्रतिशत रही थी.

दिल्ली में हफ्तेभर गृह पृथकवास के मामलों में करीब 48 प्रतिशत की वृद्धि

दिल्ली में कोविड-19 के दैनिक मामलों में तेजी और संक्रमण दर दो प्रतिशत से अधिक होने के बीच पिछले एक सप्ताह में यहां घर पर पृथकवास (होम क्वारंटीन) में रहने वाले मरीजों की संख्या में लगभग 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली.

घर पर पृथकवास में रह रहे मरीजों की संख्या बृहस्पतिवार को 574 थी, जबकि 325 नए कोरोना वायरस मरीज सामने आए व संक्रमण दर 2.39 प्रतिशत दर्ज की गई थी.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सभी आयु वर्ग के मरीज और कामकाजी पेशेवर व छात्र दोनों संक्रमित हो रहे हैं और घर पर पृथकवास में रह रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कौन सा आयु वर्ग विशेष रूप से प्रभावित हो रहा है.

पिछले कुछ दिनों में दैनिक मामले बढ़ रहे हैं, जबकि यहां संक्रमण दर चार अप्रैल से एक प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है. चार अप्रैल को यह 1.34 प्रतिशत थी.

राष्ट्रीय राजधानी में कोविड संक्रमण दर क्योंकि एक अप्रैल के 0.57 प्रतिशत से बढ़कर 14 अप्रैल को 2.39 प्रतिशत हो गई है इसलिए पिछले एक सप्ताह में घर पर पृथकवास कर रहे मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है.

शहर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, आठ अप्रैल को, शहर में 1.39 प्रतिशत की संक्रमण दर के साथ 146 नए मामले सामने आए थे और 388 मरीज घर पर पृथकवास में थे.

इस अवधि में घर पर पृथकवास करने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, जो 14 अप्रैल को बढ़कर 574 हो गई. 11 अप्रैल को यह आंकड़ा 447 था और 13 अप्रैल को यह 504 था. बीते एक सप्ताह में घर पर पृथकवास के मामले में लगभग 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘बहुत कम लोग अब एक कोविड परीक्षण कराने के लिए जा रहे हैं, और केवल अत्यधिक लक्षण वाले लोग ही जांच करा रहे हैं. लोगों पर परीक्षण थोपा नहीं जा सकता और स्टेशनों, बस डिपो व आश्रय स्थलों आदि पर टेस्ट नहीं किया जा रहा है. जिन लोगों में लक्षण हैं वे भी परीक्षण के लिए नहीं जा रहे हैं, और केवल सह-रुग्णता वाले लोग अस्पतालों में जा रहे हैं, वह भी अगर स्थिति गंभीर है तो, इसलिए घर में पृथकवास के मामलों की संख्या बढ़ गई है.’

इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय ने शाम को एक बयान में कहा कि यदि मामलों में ‘महत्वपूर्ण वृद्धि’ देखी जाती है तो संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए गृह पृथकवास प्रणाली को लागू किया जाएगा.

कोरोना महामारी की पिछली लहरों के दौरान घर पर पृथकवास प्रणाली मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई थी. इसे देखते हुए अगर फिर से मामले बढ़ते हैं तो इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा.

बयान में कहा गया, ‘हल्के कोरोना वायरस लक्षणों वाले मरीजों को घर पर बेहतर इलाज मिलेगा. सीडीवी टीमें, एएनएम, आशा और पैरामेडिकल कर्मियों के साथ, कोरोनो वायरस संक्रमित रोगियों के घरों का दौरा करेंगी और उन्हें घर पर पृथकवास में रहने और आवश्यक सावधानी बरतने के बारे में सूचित करेंगी.’

बयान में कहा, ‘यह टीमें एक मरीज के स्वास्थ्य का आकलन करेंगी और ऑक्सीमीटर के साथ गृह पृथकवास किट प्रदान करेंगी. रोगी की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए टेली-कॉलर टीम उन्हें सुबह और शाम को कॉल करेगी. यदि रोगी की स्थिति गंभीर है, तो उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.’

आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है. उन्होंने जोर देकर कहा, ‘अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या नहीं बढ़ रही हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है. अभी चिंता की कोई बात नहीं है.’

बृहस्पतिवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि दिल्ली के अस्पतालों में कोविड​​-19 रोगियों के लिए 9,745 बिस्तर हैं और उनमें से 48 (0.49 प्रतिशत) भरे हैं.

डॉक्टरों ने मंगलवार को कहा था कि यह घबराहट की स्थिति नहीं है क्योंकि दैनिक मामलों की संख्या अब भी कम है, लेकिन लोगों को सतर्कता बरतना न छोड़ने के प्रति आगाह किया था.

कई डॉक्टरों ने यह भी कहा था कि लक्षणों की शुरुआत के बाद बहुत कम लोग कोविड परीक्षण के लिए जा रहे हैं और लोग अब घर पर ही स्वस्थ होना पसंद कर रहे हैं. लेकिन संक्रमण दर में वृद्धि के साथ, घर पर पृथकवास के मामलों की संख्या में भी समानांतर वृद्धि हुई है.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को दिल्ली के कोविड-19 संक्रमितों की कुल संख्या और बीमारी के कारण मरने वालों की संख्या क्रमशः 18,67,206 और 26,158 थी.

दिल्ली के सभी अस्पतालों को सजग रहने की सलाह, घबराने की जरूरत नहीं: स्वास्थ्य मंत्री जैन

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली के सभी अस्पतालों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि वे स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

बयान में मंत्री जैन के हवाले से कहा गया, ‘दिल्ली सरकार स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है. हमने अपने स्वास्थ्य ढांचे को पूरी तरह से बदल दिया है. इसके साथ ही दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सभी अस्पतालों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.’

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मरीजों का संपर्क में आए लोगों का पता लगा रही है.

स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से कहा गया, ‘साथ ही जरूरत पड़ने पर आरटीपीसीआर जांच भी बढ़ाई जाएगी. कोरोना को फैलने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार ‘टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट’ (जांच, संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और उपचार) के सिद्धांत पर काम कर रही है.’

स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों को बाहर निकलते समय मास्क पहनने और जल्द से जल्द टीका लगवाने की भी सलाह दी.

उन्होंने कहा, ‘इलाज से बचाव बेहतर है. जिन लोगों ने अभी तक टीका नहीं लिया है या केवल पहली खुराक ली है, उन्हें पूर्ण टीकाकरण के लिए जल्द से जल्द अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाना चाहिए.’

यह देखते हुए कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक्सई संस्करण को ‘वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न’ (चिंताजनक) की सूची में शामिल नहीं किया गया है, उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है.

सरकार के बयान में कहा गया है कि दिल्ली में लगभग 37,000 कोविड बेड और 10,594 कोविड आईसीयू बेड तैयार किए गए हैं.

सरकारी बयान में कहा गया, ‘अगर संक्रमण फैलता है, तो सरकार ने दो सप्ताह के भीतर दिल्ली के हर वार्ड में 100 ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की योजना बनाई है. ऐसे में, दिल्ली सरकार 65,000 बेड तैयार करने की योजना बना रही है, ताकि किसी भी व्यक्ति को आपातकालीन स्थिति में बेड की कमी का सामना न करना पड़े.’

हरियाणा में एक पखवाड़े में सामने आए कोविड-19 के 1200 से अधिक नए मामले

हरियाणा में 14 दिनों में कोविड-19 के 1200 से अधिक नए मामले सामने आए हैं जिनमें 1000 मामले गुड़गांव जिले के हैं. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

इस जिले में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि नजर आई है. उसके पड़ोस दिल्ली में भी रोजाना कोविड मामलों में तेजी आई है एवं संक्रमण दर तीन फीसद के पार चली गई है.

हरियाणा में 28 फरवरी को कोविड संक्रमण दर 1.27 फीसद, 31 मार्च को 0.41 फीसद और 14 अप्रैल को 2.72 फीसद थी.

राज्य में 31 मार्च और 14 अप्रैल के बीच कोविड-19 के 1211 नए मामले सामने आए हैं. राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के विश्लेषण से यह बात सामने आई. इस दौरान गुड़गांव में 1022 नए मरीजों का पता चला.

हरियाणा में 14 अप्रैल को कोविड-19 के 170 नए मामले सामने आए जिनमें 147 गुड़गांव से और 19 फरीदाबाद से थे.

गुड़गांव जिले में 14 अप्रैल तक कोविड के कुल 2,61,925 मामले सामने आए जो राज्य में सर्वाधिक है.

अन्य सबसे अधिक प्रभावित जिले फरीदाबाद में 31 मार्च से 14 अप्रैल तक कोविड-19 के 121 नए मामले सामने आए.

हरियाणा में मार्च के प्रारंभ में रोजाना कोविड-19 के 200 से अधिक मामले सामने आ रहे थे जो एक महीने बाद घटकर 50 से भी नीचे आ गए लेकिन पिछले कुछ दिनों में दैनिक मामले बढ़कर 150 हो गए हैं जिनमें गुड़गांव से सबसे अधिक मामले हैं.

फिलहाल राज्य में कोविड-19 के 621 मरीज उपचाराधीन हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)