हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को मतदान होगा, गुजरात चुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं.
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर नौ नवंबर को मतदान होगा और 18 दिसंबर को मतगणना की जाएगी. हिमाचल प्रदेश में पहली बार सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी युक्त ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा.
चुनाव आयोग ने अभी गुजरात में चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं किया है. हालांकि चुनाव आयुक्त ज्योति ने कहा है कि गुजरात में 18 दिसंबर से पहले चुनाव हो जाएंगे, ताकि दोनों राज्यों में एक साथ मतगणना कराई जा सके. ज्योति ने यह भी कहा ऐसा इसलिए किया गया है ताकि एक राज्य का वोटिंग पैटर्न दूसरे राज्य को प्रभावित न करें.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग द्वारा तारीखों के ऐलान के साथ हिमाचल प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है, लेकिन गुजरात के मामले में ऐसा नहीं है. वहां तारीखों की घोषणा की जानी बाकी है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 अक्टूबर को गुजरात दौरे पर जाने वाले हैं. एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने ‘द वायर’ से बातचीत में कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा न किए जाने के पीछे का कारण यह दौरा हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी बिना आचार संहिता का उल्लंघन किए हुए नई योजनाओं, पैकेज और कार्यों की घोषणा कर सकते हैं.
चुनाव आचार संहिता के अनुसार,
सत्ताधारी दल को, चाहे वे केंद्र में हो या संबंधित राज्य या राज्यों में हों, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह शिकायत करने का कोई मौका न दिया जाये कि उस दल ने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनों के लिये अपने सरकारी पद का प्रयोग किया है और विशेष रूप से:-
(i) (क) मंत्रियों को अपने शासकीय दौरों को, निर्वाचन से संबंधित प्रचार के साथ नहीं जोड़ना चाहिये और निर्वाचन के दौरान प्रचार करते हुए शासकीय मशीनरी अथवा कार्मिकों का प्रयोग नहीं करना चाहिये.
….(v) मंत्रियों और अन्य प्राधिकारियों को उस समय जब से निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन घोषित किए जाते है, विवेकाधीन निधि में से अनुदानों/अदायगियों की स्वीकृति नहीं देनी चाहिए.
(vi) मंत्री और अन्य प्राधिकारी, उस समय से जब से निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन घोषित किये जाते हैं:-
(क) किसी भी रूप में कोई भी वित्तीय मंजूरी या वचन देने की घोषणा नहीं करेंगे. अथवा
(ख) (लोक सेवकों को छोड़कर) किसी प्रकार की परियोजनाओं अथवा स्कीमों के लिये आधारशिलाएं आदि नहीं रखेंगे. या
(ग) सड़कों के निर्माण का कोई वचन नहीं देंगे, पीने के पानी की सुविधाएं नहीं देंगे आदि या
(घ) शासन, सार्वजनिक उपक्रमों आदि में ऐसी कोई भी तदर्थ नियुक्ति न की जाये जिससे सत्ताधारी दल के हित में मतदाता प्रभावित हों.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा करने में देरी करके उन्होंने चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा ख़त्म कर दी है. यह सालों से परंपरा रही है कि छह महीने के भीतर जिन राज्यों में चुनाव होता है, उनकी तैयारी और तिथियों की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा एक साथ की जाती रही है.’
उन्होंने कहा, ‘यह विचित्र बात है कि आज चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा नहीं की जबकि राज्य में चुनाव दिसंबर में होना है. वास्तव में हिमाचल प्रदेश में 08 नवंबर की मतदान तिथि और मतगणना की तिथि 18 दिसंबर में लंबा वक्त है. ऐसा इसलिए है क्योंकि चुनाव आयोग इस बीच में गुजरात में चुनाव कराने के लिए विवश है.’
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा,‘ गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित करने में देरी का क्या मतलब है? इससे नरेंद्र मोदी को राज्य के लिए पैकेज और रियायत देने का और मौका मिल जाएगा. खबरों के मुताबिक वे 16 अक्टूबर को गुजरात के दौरे पर जाने वाले हैं. अगर विधानसभा चुनाव तिथि की घोषणा होती तो आचार संहिता लागू हो जाती और इससे उनका दौरा प्रभावित होता.’
इससे पहले एके ज्योति ने बताया कि हिमाचल में चुनाव प्रक्रिया 16 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू हो जायेगी और इसी तारीख से उम्मीदवार अपना नामांकन कर सकेंगे.
हिमाचल प्रदेश में 12वीं विधानसभा के लिए साल 2012 में 20 दिसंबर को चुनाव सम्पन्न हुआ था. ज्योति ने बताया कि 13वीं विधानसभा के लिये घोषित चुनाव कार्यक्रम के तहत नामांकन की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर होगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 26 अक्टूबर होगी. इसके बाद नौ नवंबर को मतदान और 18 दिसंबर को मतगणना के बाद राज्य में संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया 20 दिसंबर को संपन्न हो जायेगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)