बीते तीन अप्रैल को गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के गेट पर एक युवक ने धार्मिक नारे लगाते हुए मंदिर में घुसने की कोशिश की थी और सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था. युवक की पहचान अहमद मुर्तजा अब्बासी के रूप में हुई थी, जिसने आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.
गोरखपुर: गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर पर हमले के आरोपी मुर्तजा अब्बासी पर गैरकानूनी गतिविधि नियंत्रण अधिनियम (यूएपीए) की तामील की गई है. उसे शनिवार को गोरखपुर के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
एटीएस के सूत्रों के मुताबिक गोरखनाथ मंदिर पर हमले के आरोपी मुर्तजा पर यूएपीए की तामिल कर दी गई है.
अधिवक्ता पीके दुबे ने बताया कि आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मुर्तजा को एसीजेएम प्रथम की अदालत में पेश किया, जिसने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए. साथ ही, इस मामले को एटीएस की विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है.
पिछली चार अप्रैल को एटीएस की अर्जी पर मुर्तजा को 11 अप्रैल तक के लिए रिमांड पर दिया गया था. बाद में एटीएस की मांग पर उसकी अवधि बढ़ाकर 16 अप्रैल कर दी गई थी.
गौरतलब है कि पिछली तीन अप्रैल को शाम करीब सात बजे मुर्तजा अब्बासी ने गोरखनाथ मंदिर के दक्षिणी द्वार से अंदर घुसने की कोशिश की थी. रोके जाने पर उसने धारदार हथियार से पीएसी के दो जवानों पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.
गोरखनाथ मंदिर परिसर में गोरक्ष पीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आवास भी है. हालांकि, घटना के वक्त वह वहां मौजूद नहीं थे.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और वित्तीय लेनदेन के दौरान जुटाए गए सबूतों के आधार पर, यूपी पुलिस ने अहमद मुर्तजा के खिलाफ यूएपीए की धारा 16, 18, 20 और 40 भी लगा दी हैं.
वरिष्ठ वकील पीके दुबे ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने अदालत को आरोपी पर यूएपीए की धाराएं लगाने के एटीएस के फैसला की जानकारी दी और उसकी हिरासत बढ़ाने की मांग की. इस पर विचार करते हुए अदालत ने अब्बासी की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी.
अधिकारी ने बताया कि वे अब आगे की सुनवाई के लिए मामला लखनऊ में एनआईए/एटीएस की विशेष अदालत में स्थानांतरित कराने के लिए अपील करेंगे.
एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच कर रही एटीएस अब्बासी को लखनऊ लाई थी और 2016 में उसकी विदेश यात्राओं एवं विभिन्न खातों में उसके संदिग्ध पैसे ट्रांसफर के बारे में विस्तार से पूछताछ की थी.
अधिकारी ने आगे बताया कि आरोपी भारत से बाहर के लोगों के भी संपर्क में था और उनसे जुड़ी जानकारी एकत्र की.
अब्बासी के अलावा उसके पिता मुनीर अहमद से भी उनके बेटे और उसकी गतिविधियों के बारे में पूछताछ की.
अधिकारियों के मुताबिक, एटीएस अब्बासी के फोन और लैपटॉप की फोरेंसिक रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है, जो कि जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे.
अधिकारी ने आगे बताया, ‘हमें पूछताछ के दौरान अब्बासी से मिली कुछ जानकारी को सत्यापित करना बाकी है. हमें उसके द्वारा दी गई जानकारी को क्रॉस-वेरिफाई करने की जरूरत है.’
यूएपीए में जांच एजेंसी को आरोपी की लंबी रिमांड और आरोप-पत्र पेश करने के लिए अधिक समय मिल जाता है.
सुनवाई के बाद अब्बासी को गोरखपुर जेल भेज दिया गया.
बता दें कि आईआईटी बॉम्बे से पढ़े अब्बासी की 3 अप्रैल को गिरफ्तारी हुई थी.
पुलिस ने अब्बासी पर हत्या के प्रयास और दो समुदायों में द्वेष बढ़ाने के आरोपों में मामला दर्ज किया था और हमले को किसी गंभीर साजिश का हिस्सा करार दिया था और इसे आतंकी घटना बताया था.
अब्बासी को शुरुआत में 12 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था. हालांकि, अब्बासी के परिवार का कहना था कि वह 2017 से मानसिक अवसाद का इलाज ले रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)