इन घटनाओं से जुड़ी अफवाह उड़ाने के संबंध में कश्मीर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया. घटनाओं को लेकर घाटी में प्रदर्शन जारी.
श्रीनगर: कश्मीर घाटी में चोटी काटने की बढ़ती घटनाओं से लोगों में दहशत है. इसके अलावा तकरीबन हर दिन उड़ रही अफवाहों ने दहशत को और बढ़ाने का काम किया है. इन घटनाओं को लेकर लोगों पर गुस्सा है और इनके ख़िलाफ़ अलग अलग इलाकों में प्रदर्शनों का दौर जारी है.
इस बीच बृहस्पतिवार को घाटी के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे और पुलिस ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को शुक्रवार को भी बंद रखने का आदेश दिया है. बुधवार को कश्मीर पुलिस ने बताया कि घाटी में चोटी काटने से जुड़ी अब तक 100 घटनाएं हो चुकी है.
ग्रेटर कश्मीर अख़बार से बातचीत में कश्मीर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल मुनीर ख़ान ने बताया, ‘कश्मीर में चाटी काटने की तकरीबन 100 से घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन अब तक एक भी पीड़ित ने चोटी का सैंपल लेकर किसी भी पुलिस थाने से संपर्क नहीं किया है.’
उन्होंने कहा, ‘हम बालों के सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए भेज सकते थे ताकि यह पता चल सके कि चोटी काटने वाले कौन से स्प्रे का इस्तेमाल कर रहे हैं.’
अख़बार के अनुसार, खान ने दावा किया है कि इन मामलों के सभी संदिग्ध अब तक निर्दोष पाए गए हैं, चोटी काटने की किसी भी घटना से उनका संबंध नहीं मिला है. इन घटनाओं के विरोध में बृहस्पतिवार को सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रखे गए. छात्रों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए भी कहा गया था.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक चोटी काटने की तकरीबन सौ घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन महीना भर बीत जाने के बावजूद एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस ने विशेष जांच दल बनाए हैं और इन घटनाओं को अंजाम देने वालों के बारे में सूचना देने वालों के लिए छह लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है.
शैक्षणिक संस्थाएं शुक्रवार को भी बंद रहेंगी
आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि घाटी में शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश कश्मीर के संभागीय आयुक्त बशीर ख़ान ने जारी किया था. कश्मीर विश्वविद्यालय ने भी बृहस्पतिवार के लिए कक्षाएं निलंबित कर दीं हालांकि यहां जारी परीक्षाएं कार्यक्रम के मुताबिक ही हुईं.
ग्रेटर कश्मीर अख़बार के मुताबिक जम्मू कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को भी कश्मीर के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने के आदेश दिए हैं. मंडलायुक्त बशीर ख़ान ने कहा, विश्वविद्यालयों के अलावा दूसरे शैक्षणिक संस्थान शुक्रवार को भी बंद रहेंगे.
कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता बताया कि विश्वविद्यालय में शुक्रवार को कक्षाएं नहीं चलेंगी. हालांकि परीक्षाएं समय पर ही होंगी.
अख़बार से बातचीत में इंस्पेक्टर जनरल मुनीर ख़ान ने कहा, ‘बीते दिनों नौगाम क्षेत्र में लोगों ने निर्दोष कबाड़ बीनने वालों को पीटा था. रैनावरी में कश्मीर घूमने आए कुछ यात्रियों को चोटी काटने वाला समझ का स्थानीय लोगों ने घेर लिया था, वे बाल-बाल बच गए.’
उन्होंने कहा, ‘इन घटनाओं से जुड़ी एक जनहित याचिका के जवाब में हमने जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय में एक विस्तृत रिपोर्ट दाख़िल की है. हमें अब उच्च न्यायालय के निर्देशों का इंतज़ार है.’
उन्होंने कहा कि हालांकि इस तरह की घटनाएं उत्तर प्रदेश, जम्मू और डोडा में हुई हैं, लेकिन कश्मीर में हो रही घटनाएं अलग हैं.
चोटी काटने की घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने विशेष जांच दलों का गठन किया गया है. इसमें सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी और पीड़ितों से पूछताछ के लिए एक महिला डॉक्टर को भी दल में शामिल किया गया है.
इसके अलावा चोटी काटने की घटनाओं के संबंध में जानकारी देने वाले व्यक्ति को छह लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की गई है. पहले यह रकम तीन लाख रुपये थी.
बुधवार को लोगों का प्रदर्शन हुआ हिंसक
बुधवार को कश्मीर में चोटी काटने की बढ़ती घटनाओं को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में बटमालू क्षेत्र में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए. प्रदर्शनकारियों ने कानून व्यवस्था संभालने वाली एजेंसियों पर पत्थर बरसाए.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि बटमालू क्षेत्रवासियों ने बुधवार सुबह इलाके में एक चोटी कटने की ताज़ा घटना के आरोपियों के ख़िलाफ़ पुलिस की कथित निष्क्रियता को लेकर एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारी उस समय हिंसक हो गए जब पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए कार्रवाई शुरू की. इस पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. हालांकि प्रदर्शनकारियों को भगा दिया गया लेकिन इस घटना के विरोध में इलाके का बाज़ार बंद करा दिया गया.
चोटी कटने की घटनाओं ने कश्मीरवासियों और विशेषकर महिलाओं के बीच एक डर की भावना पैदा कर दी है क्योंकि अपराधी इसको लेकर लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे है.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, उड़ी सेक्टर के बांदी इलाके में बुधवार को चोटी कटने का एक और मामला दर्ज किया गया जिसमें एक 18 वर्ष की लड़की की चोटी कटी हुई मिली जब वह कुछ ही घंटे पहले अपने घर से बाहर शौचालय के लिए गई थी.
ग्रेटर कश्मीर अख़बार के मुताबिक पुलिस प्रवक्ता ने बताया है कि कबाड़ बीनने वालों के इन घटनाओं के पीछे होने की अफवाह के बाद श्रीनगर पुलिस ने दो लोगों- तवसीफ़ अहमद डार और मीर मुसादिक़ को गिरफ्तार किया है.
पुलिस प्रवक्ता ने कहा, यह घटना बीते नौ अक्टूबर की. कुछ आपराधिक तत्वों ने अफवाह उठा दी कि दूसरे राज्यों से आए कबाड़ बीनने वाले चोटी काटने की घटनाओं में शामिल हैं. जिसके बाद उन्हें तकरीबन दो हज़ार लोगों ने घेर लिया और उन्हें मारने-पीटने लगे थे. पुलिस द्वारा बीचबचाव के बाद उन चार लोगों को बचा लिया गया. मामले की जांच अभी जारी है.
उन्होंने बताया कि चोटी कटने के बाद एक लड़की की मौत की अफवाह के संबंध में पुलिस ने एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. श्रीनगर के हब्बाकदल में यह अफवाह उड़ी जिसके बाद लोगों ने सुरक्षार्मियों, वाहनों और सरकारी इमारतों पर पत्थर फेंकने लगे. इस संबंध में आबिद हुसैन सौदागर को गिरफ्तार किया गया.
इन घटनाओं के विरोध में बुधवार को बड़गाम ज़िले के चरार-ए-शरीफ़ कस्बा पूरी तरह से बंद रखा गया है. इस दौरान सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थाओं के अलावा परिवहन बंद रहे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)