जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर निकली शोभायात्रा के दौरान हिंसा को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि अमूमन शांत रहने वाले इस क्षेत्र में ऐसा पहली बार देखा गया.
नई दिल्ली: 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर देश के कई हिस्सों में शोभायात्रा निकाली गई. इसी कड़ी में उत्तर-पश्चिमी दिल्ली स्थित जहांगीरपुरी में भी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व अन्य लोग शामिल हुए.
जैसे ही यह शोभायात्रा जहांगीरपुर के सी ब्लॉक स्थित जामा मस्जिद के पास पहुंची तो दो समुदायों के बीच पथराव के साथ हिंसा की खबरें आने लगी. इस दौरान कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा. इस दौरान हुई हिंसा में करीब 8 पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य लोग भी घायल हुए.
आखिर जहांगीरपुरी के अमूमन शांत समझे जाने वाले इलाके में हिंसा भड़की कैसे, इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने इलाके के लोगों से बात की.
इलाके से तीन बार निकाली गई शोभायात्रा
जहांगीरपुरी में जहां पर हिंसा भड़की वहां मंदिर व मस्जिद के बीच करीब 100 मीटर से भी कम की दूरी है. स्थानीय बताते हैं कि दोनों समुदाय मिलकर शांतिपूर्वक रहते हैं, लेकिन 16 अप्रैल की शाम हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान जो हिंसात्मक दृश्य देखा गया वह सब कुछ पहली बार था.
चश्मदीद बताते हैं, ‘दोपहर में करीब 1:30 बजे पहली शोभायात्रा निकली, फिर आधे-एक घंटे बाद दूसरी. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग तलवार, बंदूक व चाकू लेकर नारेबाजी करते हुए शोभायात्रा निकाली. इन लोगों ने जय श्री राम के साथ कई भड़काऊ नारे भी लगाए. यह सब कुछ हम लोग पहली बार देख रहे थे. पर हमें जय श्री राम के नारे से कोई समस्या नहीं है. वह अपने धर्म का पालन करें हम अपने धर्म का, लेकिन भड़काऊ नारे व तेज तलवार व चाकू लहराना कहां तक ठीक है?’
शोभायात्रा के दौरान हिंसा की जो खबरें आईं, वह मंदिर से करीब 100 मीटर दूर स्थित जामा मस्जिद के पास से ही शुरू हई थी.
जहांगीरपुरी में ही रहने वाले 44 वर्षीय हारून राशिद बताते हैं, ‘मैं यहां 24 साल से हूं, यहीं पास में मंदिर भी है. आप यहां के पुजारी से बात कर लीजिए, वह बता देंगे कि हम लोग कैसे रहते और मदद करते हैं. हम सब मिलकर रहते हैं. लेकिन हम लोग ऐसा पहली बार देख रहे हैं कि नारों के साथ तेज तलवार व चाकू लहराते हुए हनुमान जी की शोभायात्रा निकाली जा रही है.’
मस्जिद के पास हुई बहस के बाद पथराव
चश्मदीदों के मुताबिक, दो बार शोभायात्रा धूमधाम से निकली मगर किसी को कोई आपत्ति नहीं हुई सब कुछ शांतिपूर्वक हो गया लेकिन तीसरी शोभायात्रा के दौरान बात बिगड़ गई.
हारून आगे बताते हैं, ‘जब तीसरा जुलूस निकला तो उसमें शामिल लोग टोपी वालों को देखते ही गाली-गलौज के साथ धक्का-मुक्की करने लगे, आगे चलकर महिलाओं के साथ भी धक्का-मुक्की हुई. जैसे ही इनका जुलूस जहांगीरपुरी स्थित मस्जिद के पास पहुंचा तो यह तेज आवाज़ पर गाना बजाकर नाचने लगे. तब तक मामला ठीक था लेकिन तभी शोभायात्रा में शामिल कुछ लोग मस्जिद पर झंडे लगाने लगे, यहीं से बात बिगड़ गई.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम लोगों ने जब रोकने की कोशिश की, तो हाथापाई शुरू हो गई. उसके बाद दोनों तरफ से पथराव होना शुरू हो गया और देखते ही देखते दोनों तरफ की भीड़ बेकाबू हो गई.’
हालांकि, जहांगीरपुरी में ही रहने वाले राजू साहू के मुताबिक हिंसा की शुरुआत मुस्लिम समुदाय की तरफ से हुई थी.
उनका कहना है, ‘हमारे हिंदू भाई केवल जय श्री राम के नारे लगा रहे थे, तभी मस्जिद के ऊपर से पथराव होने लगा. वहां इतनी संख्या आ गई कि आप यहां का हाल खुद देख सकते हैं. केवल ईंट-पत्थर पड़े हुए हैं, गाड़ियां जला दी, दुकानें जला दी. उन लोगों ने बहुत ही ज्यादा नुकसान किया.’
‘मस्जिद पर भगवा झंडा लगाने की हुई कोशिश’
घटना को लेकर जहांगीरपुरी में ही रहने वाले दिलशाद का कहना है, ‘रमजान का महीना है. हमारे रोजा खोलने व अफ्तारी का वक्त हो गया था, लेकिन उसी वक्त मस्जिद के गेट के पास ये लोग रुककर तेज आवाज में डीजे बजाने लगें. हमें शोभायात्रा से कोई समस्या नहीं है, लेकिन गेट के पास रुकने का क्या मतलब है? हमने जब उन्हें आवाज कम करने के लिए कहा तो यह लोग कहने लगे अजान रोकिए, अजान मत दीजिए.’
इसी कड़ी में एक अन्य चश्मदीद का कहना है कि ‘मीडिया में दिखाया जा रहा है कि मुसलमानों ने पहले पत्थर फेंका, जबकि सच यह है कि पहले उन्होंने मस्जिद में भगवा झंडा व पत्थर फेंका, जिसके बाद हिंसा शुरू हुई.’
इस पूरे मामले में दोनों समुदाय के लोग हिंसा की शुरुआत के लिए एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.
बजरंग दल के साथ शोभायात्रा में शामिल हुए और पथराव में घायल हुए 27 साल के अजय कुमार ने बताया, ‘जैसे ही मैं गली के बाहर निकला तो देखा पथराव हो रहा था. मुसलमान लोग बहुत तेजी से सी ब्लॉक से हमारे तरफ आ रहे थे. इस दौरान मुझे पैर, सिर और पीठ पर चोट लगी. मेरे भाई के भी सिर पर चोट लगी. इन लोगों ने मेरी कार को भी काफी नुकसान पहुंचाया.’
शोभायात्रा के दौरान मस्जिद के पास डीजे रोककर बजाने और मस्जिद में झंडे लगाने के सवाल पर अजय ने कहा, ‘हिंदुओं के तरफ से ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ था. जब हमारी रैली निकल गई तब उन्होंने पीछे से पथराव किया. यहां तक कि हिंदुओं की सुरक्षा में जो पुलिस वाले लगे थे वह खुद घायल हो गए. उन्हें गोली भी लगी है. अब तो पुलिस वालों के बयान तो हमसे बढ़कर ही हैं.’
हिंसा मामले में अब तक 24गिरफ्तार
जहांगीरपुरी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस के अनुसार, ‘जहांगीरपुरी की घटना में अब तक 24 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इनमें से 8 आरोपियों पर पहले से मामले दर्ज हैं, सीसीटीवी फुटेज की जांच जारी है, जिसके आधार पर और भी गिरफ्तारी हो सकती है, अब तक 3 हथियार और 5 तलवार बरामद की जा चुकी है.’
हनुमान जयंती के दौरान निकाली गई शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने बताया, ‘शोभायात्रा शांतिपूर्वक चल रही थी लेकिन जब यात्रा जामा मस्जिद के पास पहुंची तो अंसार नाम का एक शख्स 4-5 लड़कों के साथ वहां पहुंचा और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस करने लगा, यहीं से बवाल की शुरुआत हुई और पथराव शुरू हो गया.’
दिल्ली पुलिस ने घायलों की संख्या को लेकर ट्वीट कर जानकारी दी कि इस दौरान नौ लोग जख्मी हो गए जिनमें आठ पुलिसकर्मी शामिल थे.
वहीं, जहांगीरपुरी में अभी भी बड़ी संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स और पुलिस बलों की तैनाती की गई है, ताकि इलाके में शांतिपूर्वक माहौल बनाया जा सके.
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं.)