भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,30,54,952 हो गई है और इस महामारी के कारण मृतकों का आंकड़ा 5,22,149 पहुंच चुका है. विश्व में संक्रमण के 50.87 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 62.15 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
नई दिल्ली: भारत में एक दिन में 2,527 और मरीजों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 4,30,54,952 हो गई है, जबकि उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामले की संख्या बढ़कर 15,079 पर पहुंच गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे के दौरान 33 मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 5,22,149 हो गई है.
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 50,87,23,051 हो गए हैं और इस संक्रमण के चलते दुनियाभर में अब तक 62,15,628 लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.04 प्रतिशत है, जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.75 प्रतिशत है.
मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 838 मामलों की वृद्धि हुई है. संक्रमण की दैनिक दर 0.56 प्रतिशत और साप्ताहिक संक्रमण दर 0.50 प्रतिशत दर्ज की गई.
आंकड़ों के अनुसार, इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,25,17,724 हो गई है, जबकि मृत्यु दर 1.21 प्रतिशत दर्ज की गई है. देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 187.46 करोड़ खुराकें दी जा चुकी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे के दौरान देश में जिन 33 और मरीजों ने जान गंवाई है उनमें से 31 की मौत केरल में और दो की दिल्ली में हुई.
महामारी से देश में अभी तक 5,22,149 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 1,47,831 की महाराष्ट्र में, 68,781 की केरल, 40,057 की कर्नाटक, 38,025 की तमिलनाडु, 26,164 की दिल्ली, 23,502 की उत्तर प्रदेश और 21,200 लोगों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक जिन लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं.
आंकड़ों के मुताबिक, देश में 110 दिन में कोविड-19 के मामले एक लाख हुए थे और 59 दिनों में वह 10 लाख के पार चले गए थे.
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 10 लाख से 20 लाख (7 अगस्त 2020 को) तक पहुंचने में 21 दिनों का समय लगा था, जबकि 20 से 30 लाख (23 अगस्त 2020) की संख्या होने में 16 और दिन लगे. हालांकि 30 लाख से 40 लाख (5 सितंबर 2020) तक पहुंचने में मात्र 13 दिनों का समय लगा है.
वहीं, 40 लाख के बाद 50 लाख (16 सितंबर 2020) की संख्या को पार करने में केवल 11 दिन लगे. मामलों की संख्या 50 लाख से 60 लाख (28 सितंबर 2020 को) होने में 12 दिन लगे थे. इसे 60 से 70 लाख (11 अक्टूबर 2020) होने में 13 दिन लगे. 70 से 80 लाख (29 अक्टूबर को 2020) होने में 19 दिन लगे और 80 से 90 लाख (20 नवंबर 2020 को) होने में 13 दिन लगे. 90 लाख से एक करोड़ (19 दिसंबर 2020 को) होने में 29 दिन लगे थे.
इसके 107 दिन बाद यानी पांच अप्रैल 2021 को मामले सवा करोड़ से अधिक हो गए, लेकिन संक्रमण के मामले डेढ़ करोड़ से अधिक होने में महज 15 दिन (19 अप्रैल 2021) का वक्त लगा और फिर सिर्फ 15 दिनों बाद चार मई 2021 को गंभीर स्थिति में पहुंचते हुए आंकड़ा 1.5 करोड़ से दो करोड़ के पार चला गया.
चार मई 2021 के बाद करीब 50 दिनों में 23 जून 2021 को संक्रमण के मामले तीन करोड़ से पार चले गए थे. इसके बाद तकरीबन नौ महीने बाद 26 जनवरी 2022 को कुल मामलों की संख्या चार करोड़ के पार हो गए हैं.
वायरस के मामले और मौतें
अप्रैल महीने में कोविड-19 संक्रमण की बात करें तो एक दिन या 24 घंटे में बीते 22 अप्रैल को 2,451, 21 अप्रैल को 2,380, 20 अप्रैल को 2,067, 19 अप्रैल को 1,247, 18 अप्रैल को 2,183, 17 अप्रैल को 1,150, 16 अप्रैल को 975, 15 अप्रैल को 949, 14 अप्रैल को 1,007, 13 अप्रैल को 1,088, 12 अप्रैल को 796, 11 अप्रैल को 861, 10 अप्रैल को 1,054, नौ अप्रैल को 1,150, आठ अप्रैल को 1,109, सात अप्रैल को 1,033, छह अप्रैल को 1,086, पांच अप्रैल को 795, चार अप्रैल को 913, तीन अप्रैल को 1,096, दो अप्रैल को 1,260 और एक अप्रैल को 1,335 नए मामले दर्ज किए गए थे.
वहीं, इस महीने में पिछले 24 घंटे के दौरान जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा देखें तो बीते 22 अप्रैल को 54, 21 अप्रैल को 56, 20 अप्रैल को 40, 19 अप्रैल को 1, 18 अप्रैल को 214 (केरल में आंकड़ों के संशोधन के साथ), 17 अप्रैल को 4, 16 अप्रैल को 4, 15 अप्रैल को छह, 14 अप्रैल को एक, 13 अप्रैल को 26, 12 अप्रैल को 19, 11 अप्रैल को 6, 10 अप्रैल को 29, नौ अप्रैल को 83, आठ अप्रैल को 43, सात अप्रैल को 43, छह अप्रैल को 71, पांच अप्रैल को 58, चार अप्रैल को 13, तीन अप्रैल को 81, दो अप्रैल को 83 और एक अप्रैल को 52 लोगों की जान गई थी.
मार्च के महीने में एक दिन या 24 घंटे में कोविड-19 संक्रमण के सर्वाधिक 7,554 नए मामले दो मार्च को आए थे और इस दौरान सबसे अधिक 4,100 (महाराष्ट्र और केरल के आंकड़ों में संशोधन के साथ) मौतें 26 मार्च को दर्ज की गई थीं.
फरवरी महीने में कोविड-19 संक्रमण के एक दिन या 24 घंटे में सर्वाधिक 1,72,433 मामले तीन फरवरी को रिकॉर्ड किए गए और इस अवधि में सबसे अधिक 1,733 लोगों की मौत दो फरवरी को हुई थी.
इस साल जनवरी महीने की बात करें तो बीते एक दिन या 24 घंटे के दौरान कोविड-19 संक्रमण के सर्वाधिक 3,89,03,731 मामले 22 जनवरी को दर्ज किए गए थे और इस अवधि सबसे अधिक 959 मौतें 30 जनवरी को हुई थीं.
मई 2021 रहा है सबसे घातक महीना
भारत में अकेले मई 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस के 92,87,158 से अधिक मामले सामने आए थे, जो एक महीने में दर्ज किए गए संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं.
इसके अलावा मई 2021 इस बीमारी के चलते 1,20,833 लोगों की जान भी गई थी. इतने मामले और इतनी संख्या में मौतें किसी अन्य महीने में नहीं दर्ज की गई हैं. इस तरह यह महीना इस महामारी के दौरान सबसे खराब और घातक महीना रहा था.
सात मई 2021 को 24 घंटे में अब तक कोविड-19 के सर्वाधिक 4,14,188 मामले सामने आए थे और 19 मई 2021 को सबसे अधिक 4,529 मरीजों ने अपनी जान गंवाई थी.
रोजाना नए मामले 17 मई से 24 मई 2021 तक तीन लाख से नीचे रहे और फिर 25 मई से 31 मई 2021 तक दो लाख से नीचे रहे थे. देश में 10 मई 2021 को सर्वाधिक 3,745,237 मरीज उपचाररत थे.
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(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)