जहांगीरपुरी हिंसा: ईडी ने आरोपियों के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया

ईडी ने जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा ​मुख्य आरोपी बनाए गए मोहम्मद अंसार समेत विभिन्न संदिग्धों के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला दर्ज किया है. पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि अंसार के कई बैंक खातों में रुपये हैं और उसके पास कई संपत्तियां भी हैं, जिन्हें कथित तौर पर जुए की रकम से ख़रीदा गया है.

New Delhi: Security personnel stand guard, after clashes broke out between two communities during a Hanuman Jayanti procession on Saturday, at Jahangirpuri in New Delhi, Monday, April 18, 2022. (PTI Photo/Shahbaz Khan)(PTI04 18 2022 000029B)

ईडी ने जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा ​मुख्य आरोपी बनाए गए मोहम्मद अंसार समेत विभिन्न संदिग्धों के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला दर्ज किया है. पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि अंसार के कई बैंक खातों में रुपये हैं और उसके पास कई संपत्तियां भी हैं, जिन्हें कथित तौर पर जुए की रकम से ख़रीदा गया है.

जहांगीरपुरी इलाके में तैनात सुरक्षाकर्मी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजधानी​​ दिल्ली के जहांगीरपुरी में हाल में हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी मोहम्मद अंसार समेत विभिन्न संदिग्धों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

संघीय एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है. ईडी की ईसीआईआर पुलिस की एफआईआर के समान होती है.

दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने हाल में ईडी को पत्र लिखकर एजेंसी (ईडी) से (मनी लॉन्ड्रिंग की) जांच करने का अनुरोध किया था. उन्होंने मामले में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों द्वारा प्राप्त किए गए प्रारंभिक तथ्यों और उनके द्वारा दर्ज की गई एफआईआर का हवाला दिया था.

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस में दर्ज इन शिकायतों के बाद ईडी ने मामला दर्ज किया है.

जहांगीरपुरी में बीते 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हो गया था. पुलिस के अनुसार, हिंसा के दौरान पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.

पुलिस के अनुसार, जहांगीरपुरी के बी-ब्लॉक का रहने वाला 35 वर्षीय अंसार हिंसा की घटना का कथित ‘मुख्य साजिशकर्ता’ है.

पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच के दौरान यह सामने आया है कि अंसार के कई बैंक खातों में रुपये हैं और उसके पास कई संपत्तियां भी हैं, जिन्हें कथित तौर पर जुजुए की रकम से खरीदा गया.

ईडी सभी आरोपियों से पूछताछ कर सकती है और उनके वित्तीय लेन-देन की जांच कर सकती है. उसे मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार करने तथा उनकी संपत्ति कुर्क करने का भी अधिकार है.

अभी तक, पुलिस ने जहांगीरपुरी हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो नाबालिगों को भी पकड़ा गया है. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है.

अंसार समेत पांच आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस के मुताबिक, शोभायात्रा में भाग लेने वाले लोगों के साथ अंसार की कथित तौर पर बहस हुई थी, जिससे विवाद पैदा हो गया और उसके बाद पथराव हुआ था.

हिंसा की घटना के बाद बीते 20 अप्रैल को भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) द्वारा इस इलाके अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था, जिस पर विवाद खड़ा हो गया था.

आरोप है कि अभियान के तहत आरोपियों के कथित अवैध निर्माणों को तोड़ा जा रहा था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं रोकी गई. कुछ घंटे बाद जब याचिकाकर्ता के वकील वापस शीर्ष अदालत पहुंचे, तब तोड़-फोड़ की कार्रवाई रुकी.

इसके बाद 21 अप्रैल को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी के तोड़फोड़ अभियान पर दो हफ्ते की रोक लगा दी थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह 20 अप्रैल को हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई का संज्ञान लेगा, जो निगम को उसके आदेश से अवगत कराए जाने के बाद भी जारी रही थी.

तृणमूल ने दिल्ली हिंसा के आरोपी अंसार के साथ भाजपा नेताओं की तस्वीरें ट्वीट की

दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के आरोपी मोहम्मद अंसार के साथ तृणमूल कांग्रेस के एक पार्षद की तस्वीर वायरल होने के बाद पार्टी नेताओं ने शुक्रवार को अपने ट्विटर हैंडल पर अंसार के साथ भाजपा नेताओं की कथित तस्वीरें साझा की और उसे आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी.

कई समाचार चैनलों ने बीते 21 अप्रैल को अंसार और हल्दिया से पार्षद अजीजुल रहमान की तस्वीरें दिखाई थीं. तृणमूल के सदस्य रहमान ने इसकी पुष्टि की थी कि तस्वीर 2019 में ली गई थी. उन्होंने कहा, ‘हम जनप्रतिनिधि हैं और लोग हमारे साथ तस्वीर खिंचवाते हैं.’

भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस मामले को तूल दिए जाने के साथ ही पश्चिम बंगाल के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी समेत तृणमूल के कई नेताओं ने भाजपा नेताओं के साथ अंसार की कथित तस्वीरें ट्वीट कीं. तृणमूल महासचिव चटर्जी ने एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें अंसार दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ खड़ा है.

चटर्जी ने लिखा, ‘मेरा मानना है कि हमारी प्राथमिकता न्याय सुनिश्चित करना होनी चाहिए. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. यहां हम देख रहे हैं कि कैसे अंसार भाजपा के साथ नजदीक से जुड़ा रहा. एक पक्ष को ही नहीं देखना चाहिए.’

इसी प्रकार पर्यटन, सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री इंद्रनील सेन ने भी भाजपा नेताओं की अंसार के साथ तस्वीर साझा की.

भाजपा की आलोचना करते हुए तृणमूल के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने संवादाताओं से कहा, ‘भाजपा को हल्दिया के रहने वाले अंसार के साथ हमारे एक स्थानीय नेता की पुरानी फोटो वायरल करने के बदले यह बताना चाहिए कि वह उनके राजनीतिक कार्यक्रमों में क्या कर रहा था.’

तृणमूल के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी नैतिकता और निष्ठा में विश्वास रखती है.

उन्होंने कहा, ‘अंसार को हमारे नेता शुभेन्दु अधिकारी की कार पर उस दिन पत्थर मारते देखा गया था, जब 2021 विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा हुई थी. वह भाजपा के साथ कैसे हो सकता है? हमारी पार्टी ऐसे तत्वों को कभी शरण नहीं देती.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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