चुनावी ट्रस्टों से दलों को मिले 250 करोड़ रुपये से अधिक, अकेले भाजपा को 82 फीसदी: एडीआर

एडीआर के अनुसार, इलेक्टोरल ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को दान में दिए गए 258 करोड़ रुपये में से भाजपा को 212.05 करोड़ रुपये मिले हैं. सबसे बड़े इलेक्टोरल ट्रस्ट में से एक प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 209 करोड़ रुपये दान में दिए हैं.

/
(फोटो साभार: फेसबुक/@MYogiAdityanath)

एडीआर के अनुसार, इलेक्टोरल ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को दान में दिए गए 258 करोड़ रुपये में से भाजपा को 212.05 करोड़ रुपये मिले हैं. सबसे बड़े इलेक्टोरल ट्रस्ट में से एक प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 209 करोड़ रुपये दान में दिए हैं.

(फोटो साभार: फेसबुक/@MYogiAdityanath)

नई दिल्लीः सात इलेक्टोरल ट्रस्टों को 2020-2021 के दौरान कॉरपोरेट और अन्य व्यक्तियों से दान के रूप में कुल 258.4915 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिनमें से उन्होंने 258.4301 करोड़ रुपये विभिन्न राजनीतिक दलों में वितरित कर दिए.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के विश्लेषण से यह जानकारी सामने आई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्टोरल ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को दान में दिए गए 258.4301 करोड़ रुपये में से अकेले भाजपा को 212.05 करोड़ रुपये यानी 82.05 फीसदी की धनराशि प्राप्त हुई है.

सबसे बड़े इलेक्टोरल ट्रस्ट में से एक प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 209 करोड़ रुपये दान में दिए. 2019-2020 के दौरान प्रूडेंट ट्रस्ट ने भाजपा को 217.75 करोड़ रुपये दान किए थे.

जयभारत इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2020-2021 में अपनी कुल आय में से दो करोड़ रुपये भाजपा को दान किए हैं.

बता दें कि इलेक्टोरल ट्रस्ट गैर लाभकारी संस्था होते हैं. ये कॉरपोरेट और व्यक्तिगत रूप से मिले दान को राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराते हैं.

प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने सात राजनीतिक दलों भाजपा, जदयू, कांग्रेस, एनसीपी, राजद, आम आदमी पार्टी और लोजपा को दान दिया है.

कॉरपोरेट्स में से फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने इलेक्टोरल ट्रस्टों के सभी दानदाताओं में से सबसे अधिक 100 करोड़ रुपये का योगदान दिया है. इसके बाद हल्दिया एनर्जी इंडिया लिमिटेड ने 25 करोड़ रुपये और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने विभिन्न ट्रस्टों को 22 करोड़ रुपये दान किए हैं.

रिपोर्ट में कहा गया, 2020-2021 में इलेक्टोरल ट्रस्टों को 159 लोगों ने दान किया है. दो लोगों ने प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 3.50 करोड़ रुपये दान किए हैं. 153 लोगों ने स्मॉल डोनेशंस इलेक्टोरल ट्रस्ट को 3.202 करोड़ रुपये दान किए हैं जबकि तीन लोगों ने आइंजिगर्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट को पाच लाख रुपये दान किए हैं.

शीर्ष 10 दानकर्ताओं ने इलेक्टोरल ट्रस्टों को 223 करोड़ रुपये दान किए हैं, जो 2020-2021 के दौरान ट्रस्टों को मिले कुल दान का 86.27 फीसदी है.

स्मॉल डोनेशंस इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कांग्रेस को 3.31 करोड़ रुपये किए हैं. जेडीयू को सभी सात इलेक्टोरल ट्रस्टों से राजनीतिक दलों को दिए गए कुल दान में से 27 करोड़ रुपये यानी 10.45 फीसदी मिला.

इसके अलावा 10 अन्य राजनीतिक दलों में कांग्रेस, एनसीपी, एआईएडीएमके, डीएमके, राजद, आम आदमी पार्टी, लोजपा, सीपीएम, सीपीआई और लोकतांत्रिक जनता दल हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से 19.23 करोड़ रुपये की धनराशि दान में प्राप्त हुई है.

एडीआर ने कहा, ‘इन छह इलेक्टोरल ट्रस्टों के दानकर्ताओं की जानकारियों का कोई ब्योरा नहीं है. ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि टैक्स से बचने के लिए या काले धन को सफेद बनाने के लिए इस तरह से इन ट्रस्टों के जरिये धनराशि दान की गई. हालांकि, सीबीडीटी नियम बनने से पहले गठित इन इलेक्टोरल ट्रस्टों के दानकर्ताओं के ब्योरे का खुलासा किया जाना चाहिए.’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘मौजूदा समय में इलेक्टोरल ट्रस्टों के नाम उन ट्रस्टों को गठित करने वाली कंपनी या कंपनियों के समूह के नाम का संकेत नहीं देते. राजनीतिक दलों को दान देने वाले कॉरपोरेट के ब्योरे के संबंध में पारदर्शिता रखने के लिए इलेक्टोरल ट्रस्ट में पेरेंट कंपनी के नाम को शामिल करना सही रहेगा. जिन इलेक्टोरल ट्रस्टों ने चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है, उन पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए.’

एडीआर ने यह भी कहा कि सभी कॉरपोरेशन को राजनीतिक फाइनेंसिंग में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अपनी वेबसाइट पर अपने राजनीतिक योगदान का विवरण सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराना चाहिए.