राजस्थान के जालौर ज़िले के एक गांव का मामला. पीड़ित परिवार के सदस्यों ने पुजारी के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया है.
जोधपुर: राजस्थान पुलिस ने जालोर के एक मंदिर में एक नवविवाहित दलित युवक-युवती को पूजा करने की अनुमति नहीं देने के आरोप में एक पुजारी को रविवार को गिरफ्तार किया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी.
बीते 23 अप्रैल को हुई घटना का एक वीडियो भी वायरल हो गया, जिसमें पुजारी वेला भारती जिले के अहोर अनुमंडल अंतर्गत नीलकंठ गांव में मंदिर के द्वार पर दंपति को कथित तौर पर रोकते दिख रहे हैं. वीडियो में उनके बीच हुई बहस भी रिकार्ड हो गई.
पीड़ित परिवार के सदस्यों ने उसके बाद पुलिस से संपर्क किया और पुजारी के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया.
जालोर के पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल ने रविवार को कहा, ‘हमने पुजारी के खिलाफ एससी/एसटी कानून के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.’
शिकायत के अनुसार, कूका राम की बारात शनिवार (23 अप्रैल) को नीलकंठ गांव पहुंची थी और नवविवाहित दंपति शादी के बाद मंदिर में नारियल चढ़ाना चाहता था.
दुल्हन के रिश्तेदार तारा राम की शिकायत के मुताबिक, ‘जब हम वहां पहुंचे तो पुजारी ने हमें प्रवेशद्वार पर रोक दिया और नारियल बाहर चढ़ाने को कहा. उन्होंने हमें मंदिर में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा, क्योंकि हम दलित समुदाय से हैं.’
इसमें कहा गया कि कुछ ग्रामीण भी बहस में शामिल हो गए और पुजारी का समर्थन करते हुए कहा कि यह गांव का फैसला है और पुजारी के साथ बहस करने का कोई मतलब नहीं है.
तारा राम ने कहा, ‘हमने पुजारी से बहुत गुहार लगाई, लेकिन वह अड़े रहे. उसके बाद हमने पुलिस में पुजारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.’