ट्विटर के अधिग्रहण को लेकर दुनिया के सबसे अमीर शख़्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क का कहना यह रहा है कि वह ट्विटर को इसलिए ख़रीदना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मंच के रूप में अपनी क्षमता पर खरा उतर पा रहा है. उन्होंने कहा है कि वे ट्विटर को पहले से बेहतर बनाना चाहते हैं, इसमें असाधारण क्षमता है और वह इसे अनलॉक करेंगे.
सैन फ्रांसिस्को/न्यूयॉर्क: अरबपति एलन मस्क ने करीब 44 अरब डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण करने का समझौता किया है. कंपनी ने यह जानकारी दी.
ट्विटर के बोर्ड ने सोमवार को सर्वसम्मति से उनके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और शेयरधारकों से भी ऐसा करने की सिफारिश की है.
टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मस्क ने 14 अप्रैल को ट्विटर को खरीदने की पेशकश की थी. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया था कि वह अधिग्रहण के लिए फंड कैसे जुटाएंगे. यह सौदा इस साल पूरा होने की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए अभी शेयरधारकों और अमेरिकी नियामकों की मंजूरी ली जानी है.
यह सौदा एक अप्रैल को ट्विटर के बंद भाव पर 38 प्रतिशत प्रीमियम के साथ हुआ. बोर्ड ने कहा कि यह मस्क ने पर्याप्त नकद प्रीमियम की पेशकश की है, जो ‘ट्विटर के शेयरधारकों के लिए सबसे अच्छा रास्ता होगा.’
ट्विटर के बोर्ड ने शुरुआत में मस्क को अधिग्रहण से रोकने की कोशिश की, लेकिन हालात उस समय नटकीय रूप से बदल गए जब मस्क ने 46.5 अरब डॉलर की पेशकश कर दी और कहा कि इसमें से 21 अरब डॉलर वह खुद निवेश करेंगे. मस्क ने कहा कि दूसरे निवेशक भी इसमें योगदान कर सकते हैं.
मस्क को कारोबार का लंबा अनुभव है. वह टेस्ला के सीईओ हैं, जिसका आकार ट्विटर के मुकाबले करीब 25 गुना बड़ा है.
मस्क ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, ‘स्वतंत्र अभिव्यक्ति एक कार्यशील लोकतंत्र का आधार है और ट्विटर डिजिटल टाउन है, जहां मानवता के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मामलों पर बहस होती है. मैं नई सुविधाओं के साथ ट्विटर को पहले से बेहतर बनाना चाहता हूं. ट्विटर में जबरदस्त क्षमता है – मैं इसे और अधिक खुला बनाने के लिए कंपनी और उपयोगकर्ताओं के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं.’
🚀💫♥️ Yesss!!! ♥️💫🚀 pic.twitter.com/0T9HzUHuh6
— Elon Musk (@elonmusk) April 25, 2022
मस्क ने कहा है कि वह ट्विटर को इसलिए खरीदना चाहते है, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मंच के रूप में अपनी क्षमता पर खरा उतर पा रहा है.
मस्क, मंच (ट्विटर) पर स्वतंत्र अभिव्यक्ति क दृढ़ समर्थक रहे हैं. अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (यूएस एसईसी) फाइलिंग में मस्क ने लिखा, ‘मैंने ट्विटर में निवेश किया, क्योंकि मुझे विश्वास है कि इसमें दुनिया भर में स्वतंत्र अभिव्यक्ति का मंच बनने की क्षमता है और मेरा मानना है कि स्वतंत्र अभिव्यक्ति कार्यशील लोकतंत्र के लिए सामाजिक अनिवार्यता है.’
सोमवार सुबह मस्क ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया था, ‘मुझे उम्मीद है कि मेरे सबसे बुरे आलोचक भी ट्विटर पर बने रहेंगे, क्योंकि फ्री स्पीच का यही मतलब है.’
I hope that even my worst critics remain on Twitter, because that is what free speech means
— Elon Musk (@elonmusk) April 25, 2022
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, बीते 22 अप्रैल को मस्क ने अपने प्रस्ताव को लेकर कंपनी ट्विटर के कई शेयरधारकों के साथ निजी तौर पर मुलाकात की और अपने मामले को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें वीडियो कॉल भी किया था.
ट्विटर ने कहा कि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह एक निजी स्वामित्व वाली कंपनी बन जाएगी.
ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘ट्विटर का एक उद्देश्य और प्रासंगिकता है, जो पूरी दुनिया को प्रभावित करती है. हमारी टीम और उसके काम पर गर्व है.’
Twitter has a purpose and relevance that impacts the entire world. Deeply proud of our teams and inspired by the work that has never been more important. https://t.co/5iNTtJoEHf
— Parag Agrawal (@paraga) April 25, 2022
सौदे से पहले मस्क ने कहा था कि पिछले सप्ताह उन्होंने 46.5 अरब अमेरिकी डॉलर में ट्विटर को खरीदने की पेशकश की थी, जिसके बाद से वह सौदा करने के लिए कंपनी पर दबाव बना रहे हैं.
गौरतलब है कि 14 अप्रैल को मस्क ने ट्विटर को खरीदने की पेशकश की थी. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया था कि वह अधिग्रहण का वित्त पोषण कैसे करेंगे.
बता दें कि मस्क ने हाल में ट्विटर की नौ प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की बात कही थी. वहीं, अधिग्रहण रोकने के लिए ट्विटर के निदेशक मंडल ने पिछले सप्ताह एक ऐसी नीति अपनाई थी, जो कंपनी के अधिग्रहण के प्रयास को महंगा कर सकती थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, तकनीक जगत के सबसे बड़े सौदों में से एक इस सौदे में मस्क ने 54.20 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से 44 अरब डॉलर खर्च कर ट्विटर का मालिकाना हक हासिल किया है.
पता नहीं किस दिशा में जाएगी ट्विटर: सीईओ पराग अग्रवाल
अरबपति कारोबारी एलन मस्क द्वारा ट्विटर को खरीदने के बाद कंपनी के सीईओ पराग अग्रवाल ने चिंतित कर्मचारियों से कहा कि उन्हें नहीं पता कि 44 अरब डॉलर के बड़े सौदे के बाद यह कंपनी किस दिशा में जाएगी.
उन्होंने सोमवार दोपहर कंपनी के कर्मचारियों के साथ एक बैठक में यह बात कही. अग्रवाल ने सिर्फ पांच महीने पहले ट्विटर की कमान संभाली थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार ने अग्रवाल के हवाले से कहा, ‘यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि जो हो रहा है, उसके बारे में आप सभी की अलग-अलग भावनाएं हैं.’
अमेरिकी दैनिक के मुताबिक, अग्रवाल ने कर्मचारियों से कहा कि उनका अनुमान है कि सौदे को पूरा होने में तीन से छह महीने लग सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘इस बीच हम पहले की तरह ही ट्विटर का संचालन करते रहेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हम कंपनी कैसे चलाते हैं, हम जो निर्णय लेते हैं और जो सकारात्मक बदलाव हम करते हैं – वह हमारे ऊपर निर्भर करेगा और हमारे नियंत्रण में होगा.’
हालांकि, अब ट्विटर के कर्मचारियों के भाग्य पर अनिश्चितता छाई हुई है, जिन्होंने मस्क द्वारा अधिग्रहण के मद्देनजर छंटनी की आशंका जताई थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह स्पष्ट नहीं है कि ट्विटर को लेकर मस्क की योजना क्या है.
रिपोर्ट में कहा गया कि अभी इस सवाल का जवाब भी नहीं है कि वह कंपनी का नेतृत्व करने के लिए किसे चुनेंगे. हालांकि, कम से कम सौदा पूरा होने तक अग्रवाल के बने रहने की उम्मीद है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों की बैठक में अग्रवाल ने आगे की अनिश्चितता को स्वीकार किया. उन्होंने कहा, ‘सौदा पूरा होने के बाद हमें नहीं पता कि यह कंपनी किस दिशा में जाएगी.’
लेनदेन पूरा होने के बाद ट्विटर एक निजी कंपनी बन जाएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)