कांग्रेस की ओर से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पार्टी के ‘विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह-2024’ का हिस्सा बनकर दल में शामिल होने की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पार्टी की ढांचागत समस्याओं को दूर करने के लिए उनसे ज़्यादा ज़रूरत नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की है.
नई दिल्ली: जाने-माने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर लंबी मंत्रणा के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि किशोर को ‘विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह -2024’ का हिस्सा बनकर पार्टी में शामिल होने की पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.
दूसरी तरफ, किशोर ने कहा कि कांग्रेस की ढांचागत समस्याओं को दूर करने के लिए नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति का होना उनसे ज्यादा जरूरी है.
I declined the generous offer of #congress to join the party as part of the EAG & take responsibility for the elections.
In my humble opinion, more than me the party needs leadership and collective will to fix the deep rooted structural problems through transformational reforms.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 26, 2022
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘प्रशांत किशोर की प्रस्तुति और उनके साथ चर्चा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह-2024’ का गठन किया और किशोर को निर्धारित जिम्मेदारी के साथ इस समूह का हिस्सा बनकर पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने इनकार कर दिया. हम उनके प्रयासों और पार्टी को दिए गए सुझावों की सराहना करते हैं.’
सुरजेवाला की इस टिप्पणी के कुछ देर बाद किशोर ने ट्वीट कर कहा, ‘मैंने विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह का हिस्सा बनकर पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने की कांग्रेस की पेशकश को स्वीकार करने से इनकार किया है.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘मेरी विनम्र राय है कि मुझसे ज्यादा पार्टी को नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की जरूरत है ताकि परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से पार्टी के भीतर घर कर चुकी ढांचागत समस्याओं को दूर किया जा सके.’
पिछले कई दिनों से किशोर की ओर से दिए गए सुझावों और उनके पार्टी से जुड़ने की संभावना को लेकर कांग्रेस के भीतर लगातार मंथन हो रहा था.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किशोर के सुझावों पर विचार के लिए गठित समिति की रिपोर्ट पर मंथन करने के बाद सोमवार को फैसला किया कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को मजबूत करने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के मकसद से एक ‘विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह- 2024’ का गठन किया जाएगा.
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष पार्टी को मजबूत करने और अगले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के संदर्भ में विस्तृत प्रस्तुति दी थी. उनके सुझावों पर विचार करने के लिए सोनिया गांधी ने आठ सदस्यीय समिति का गठन किया था.
सूत्रों ने बताया कि किशोर ने सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा जैसे कुछ राज्यों में कांग्रेस को नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी चाहिए और इन प्रदेशों में गठबंधन से परहेज करना चाहिए.
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, अपनी प्रस्तुति में प्रशांत किशोर ने यह भी कहा था कि कांग्रेस को लगभग 370 लोकसभा सीट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाडु में गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहिए.
उधर, सूत्रों के अनुसार, उनके कांग्रेस में शामिल नहीं होने का कारण तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए उनकी कंपनी आई-पैक द्वारा टीआरएस के साथ हुआ समझौता है, जिसे कांग्रेस नेतृत्व द्वारा हितों के टकराव के रूप में देखा जा रहा था.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले किशोर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी और बिहार में नीतीश कुमार की जद-यू का चुनाव प्रबंधन संभाल चुके हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)