कमलनाथ ने विधायक दल के नेता पद से इस्तीफ़ा दिया, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने रहेंगे

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ की जगह पर पूर्व मंत्री और सात बार के विधायक डॉ. गोविंद सिंह को कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है. कमलनाथ ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत के तहत प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी निभाते रहेंगे.

कमलनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/कमलनाथ)

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ की जगह पर पूर्व मंत्री और सात बार के विधायक डॉ. गोविंद सिंह को कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है. कमलनाथ ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत के तहत प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी निभाते रहेंगे.

कमलनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/कमलनाथ)

नई दिल्ली/भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है और आगे वह ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत के तहत प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाते रहेंगे.

पूर्व मंत्री और सात बार के विधायक डॉ. गोविंद सिंह को कमलनाथ के स्थान पर कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है. यानी अब गोविंद सिंह मध्य प्रदेश विधानाभा में नेता प्रतिपक्ष का उत्तरदायित्व निभाएंगे.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बृहस्पतिवार को कमलनाथ को लिखे एक पत्र में कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गांधी) ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) मध्य प्रदेश के नेता पद से आपका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है.’

पार्टी सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ ने पार्टी के ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत के तहत विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से त्याग-पत्र दिया था.

इस पत्र में आगे कहा गया है, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने डॉ. गोविंद सिंह को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.’

कमलनाथ कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

कांग्रेस के विधायक दल के नेता पद से उनके इस्तीफा देने से कुछ दिनों पहले गत चार अप्रैल को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा था कि राज्य के वरिष्ठ पार्टी नेताओं की सोमवार को हुई बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर पूर्ण विश्वास जताया गया और उनके ही नेतृत्व में राज्य में अगले साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय आम सहमति से लिया गया.

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक में सभी नेताओं ने आम सहमति से कहा था कि कमलनाथ को 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करना है.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 2018 से राज्य कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं, ने 20 मार्च, 2020 को ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके 25 वफादार विधायकों के बाहर होने और उनकी 15 महीने लंबी सरकार गिरने के बाद विपक्ष के नेता के रूप में पदभार संभाला था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पिछले एक महीने में कमलनाथ ने मीडिया के साथ विभिन्न बातचीत के दौरान सुझाव दिया कि उनका ध्यान राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करने की ओर था.

अपनी नियुक्ति के बारे में जानकारी मिलने के तुरंत बाद 71 वर्षीय गोंविद सिंह अन्य नेताओं के साथ कमलनाथ के आवास पर पहुंचे और उन्हें धन्यवाद दिया.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार की ज्यादतियों सहित लोगों के मुद्दों, विशेष रूप से अवैध बुलडोजर कार्रवाई, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे, मूल्य वृद्धि जैसे मामलों को विधानसभा में मजबूती के साथ उठाया जाएगा.’

गोविंद सिंह 1990 से भिंड जिले के लहर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वह पिछली कमलनाथ सरकार में मंत्री थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)