भीषण गर्मी में कोयले की कमी से विभिन्न राज्यों में बिजली संकट गहराया, दो से आठ घंटे की कटौती

जम्मू कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो घंटे से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब के अमृतसर शहर में किसानों ने बिजली की किल्लत के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने कहा है कि आग बरसाती गर्मी में 12 घंटे की बिजली कटौती. प्रधानमंत्री मौन, बिजली-कोयला मंत्री गुम!

(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

जम्मू कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो घंटे से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब के अमृतसर शहर में किसानों ने बिजली की किल्लत के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने कहा है कि आग बरसाती गर्मी में 12 घंटे की बिजली कटौती. प्रधानमंत्री मौन, बिजली-कोयला मंत्री गुम!

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली/अमृतसर/जयपुर: भीषण गर्मी और कोयले की किल्लत के चलते देश के कई राज्यों में बिजली संकट गहरा गया है. बिजली संयंत्रों में कम उत्पादन के बीच राज्य भारी मांग को पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं. पंजाब में बिजली संकट के विरोध में शुक्रवार को किसानों ने प्रदर्शन ​भी किया है.

जम्मू कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो घंटे से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. बिजली कटौती से कारखाने सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.

देश में मार्च में रिकॉर्ड गर्मी के बाद अप्रैल में भी अत्यधिक गर्मी जारी है. ऐसे में बिजली की मांग अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.

देश में बिजली की कुल कमी 62.3 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है. यह आंकड़ा मार्च में कुल बिजली की कमी से अधिक है.

इस संकट के केंद्र में कोयले की कमी है. देश में कोयले से 70 प्रतिशत बिजली का उत्पादन होता है. सरकार दावा कर रही है कि मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध है, लेकिन बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार नौ वर्षों में सबसे कम हैं.

इसके अलावा यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों में बढ़ोतरी के साथ कोयले के आयात में गिरावट आई है.

देश में 27 अप्रैल को बिजली की अधिकतम मांग 200.65 गीगावॉट रही, जबकि व्यस्त समय में बिजली की कमी 10.29 गीगावॉट थी.

ताजा आंकड़ों से पता चला है कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की निगरानी वाले 147 संयंत्रों में 26 अप्रैल को कोयला भंडार मानक का 25 प्रतिशत था.

भारत में सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 3,000 मेगावॉट बिजली की कमी है. लगभग 23,000 मेगावॉट की मांग के मुकाबले आपूर्ति सिर्फ 20,000 मेगावॉट है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में बिजली कटौती की जा रही है.

नेशनल पावर पोर्टल की दैनिक कोयला रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी बिजली संयंत्रों को कोयले की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही भीषण गर्मी के साथ, देश के कई हिस्सों में बिजली की कटौती शुरू हो गई है, क्योंकि राज्य बिजली की रिकॉर्ड मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के उपायों के अलावा, केंद्र सरकार ने राज्यों को ‘इन्वेंट्री’ बनाने के लिए अगले तीन वर्षों के लिए अपने आयात को बढ़ाने को कहा है.

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने कहा कि देश भर के ताप विद्युत संयंत्र कोयले की कमी से जूझ रहे हैं, जिससे देश में बिजली संकट उत्पन्न होने की आशंका बढ़ रही है.

दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कोयले की ‘भीषण कमी’ को रेखांकित करते हुए दावा किया कि कई बिजली संयंत्रों में सिर्फ एक दिन का भंडार बचा है और राष्ट्रीय राजधानी में विद्युत आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी दी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि हालात को किसी तरह संभाला जा रहा है.

इससे पहले दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया था कि कोयले की कमी के चलते मेट्रो ट्रेन, अस्पतालों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है.

देश में बिजली की मांग रिकॉर्ड 204 गीगावॉट के पार

अखिल भारतीय स्तर पर बिजली की मांग या एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति बृहस्पतिवार को 204.65 गीगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. देश के ज्यादातर हिस्सों में पारा चढ़ने के साथ बिजली की मांग बढ़ी है.

एक सूत्र ने कहा, ‘अप्रैल, 2022 में 28 अप्रैल 14:50 बजे तक अधिकतम बिजली की मांग 12.1 प्रतिशत बढ़कर 204.653 गीगावॉट पर पहुंच गई. एक साल पहले की समान अवधि में यह 182.559 गीगावॉट रही थी.’

इससे पहले, मंगलवार को बिजली की मांग 201.06 गीगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची थी. इसने पिछले साल के 200.53 गीगावॉट के रिकॉर्ड को तोड़ा था. यह रिकॉर्ड सात जुलाई, 2021 को दर्ज हुआ था.

पंजाब में किसानों ने बिजली की किल्लत के खिलाफ प्रदर्शन किया

विभिन्न किसान समूहों ने कृषि क्षेत्र को कथित रूप से अपर्याप्त बिजली आपूर्ति के खिलाफ शुक्रवार को पंजाब के अमृतसर शहर में राज्य के बिजली मंत्री हरभजन सिंह के आवास के निकट विरोध प्रदर्शन किया.

मंत्री के न्यू अमृतसर क्षेत्र में स्थित घर के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.

पुलिस ने कहा कि ‘किसान मजदूर संघर्ष समिति’ के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सिंह के आवास तक पहुंचने के लिए बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की और इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई.

उन्होंने बताया कि झड़प में कोई घायल नहीं हुआ. बाद में, प्रदर्शनकारियों ने मंत्री के आवास के निकट एक अस्थायी मंच स्थापित किया और सरकार के खिलाफ भाषण दिया.

पंजाब में विपक्षी दलों ने भीषण गर्मी के बीच राज्य में कई जगहों पर बिजली कटौती को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार पर बृहस्पतिवार को निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि वह 24 घंटे बिजली देने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रही है.

सिंह ने पहले कहा था कि बढ़ते तापमान के कारण पिछले साल की तुलना में बिजली की मांग में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

बिजली की मांग और बढ़ने की स्थिति में सरकार के पास क्या योजना है: कांग्रेस

कांग्रेस ने देश के कई राज्यों में बिजली की कटौती को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘मौन’ रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि आने वाले दिनों में बिजली की मांग और बढ़ने की स्थिति से निपटने के लिए उसकी क्या योजना है.

मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार कोयले की कमी के लिए भी राज्यों पर जिम्मेदारी डाल रही है.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘आग बरसाती गर्मी… 12 घंटे के बिजली कट… प्रधानमंत्री मौन, बिजली-कोयला मंत्री गुम! जबाब दें कि देश में 72,074 मेगावॉट क्षमता के संयंत्र बंद क्यों हैं? देश के 173 बिजली संयंत्रों में से 106 संयंत्रों में कोयला 25 प्रतिशत तक ही बचा है? कोयले की मांग रोज 22 लाख टन है, तो आपूर्ति 16 लाख टन ही क्यों है?’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘क्या मोदी सरकार संज्ञान लेगी? आज 29 अप्रैल को 11 बजे तक देश में बिजली की मांग 12,000 मेगावॉट और सप्लाई 2,057 मेगावॉट है. आज एनर्जी एक्स्चेंज में बिजली खरीद की कीमत 12 रुपये प्रति यूनिट है. अगर केंद्र सरकार आगे बढ़कर मदद नहीं करेगी तो राज्य महंगी बिजली कहां से और कैसे खरीदेंगे!’

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ‘देश के 16 राज्यों में 10 घंटे तक की बिजली की कटौती की जा रही है. इनमें 12 राज्य भाजपा शासित हैं. आज स्थिति यह है कि देश के 72,074 मेगावॉट क्षमता के संयंत्र बंद पड़े हैं, क्योंकि उनमें कोयला नहीं है. देश में कोयला है, लेकिन मोदी कोयला बिजली उत्पादन संयंत्रों तक नहीं पहुंचा सके.’

उन्होंने कहा, ‘सुबह के 11 बजे बिजली की मांग थी 16,035 मेगावॉट, लेकिन आपूर्ति हो रही है 2,304 मेगावॉट. केंद्र सरकार हर चीज के लिए राज्यों की जिम्मेदारी बता देती है. जब सब राज्यों की जिम्मेदारी है तो आपकी क्या जिम्मेदारी क्या है?’

वल्लभ ने सवाल किया, ‘72,074 मेगावट के संयंत्र बंद क्यों हैं? 173 बिजली संयंत्रों में से 106 संयंत्रों में क्षमता का सिर्फ 25 प्रतिशत कोयला क्यों बचा है? जब कोयले की मांग रोजाना 22 लाख टन है तो आपूर्ति 16 लाख टन क्यों की जा रही है?’

उन्होंने यह भी पूछा, ‘मई में 2.2 लाख मेगावट बिजली की मांग होगी, इसकी आपूर्ति के लिए सरकार की क्या योजना है?’

कश्मीर घाटी में बिजली संकट

कश्मीर घाटी अपने सबसे बुरे बिजली संकट का सामना कर रही है. यहां रमजान के पवित्र महीने में लंबे समय तक कटौती ने लोगों को परेशान कर दिया है.

बिजली विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अप्रैल में आपूर्ति लगभग 900 से 1,100 मेगावॉट थी, जबकि मांग 1,600 मेगावॉट थी.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (केपीडीसीएल) के अनुसार, 1600 मेगावॉट की मांग के मुकाबले अप्रैल के दौरान आपूर्ति लगभग 900 से 1,100 मेगावॉट रही है, जिससे घाटा पैदा हुआ है.

संकट ने नागरिकों को सड़कों पर आने के लिए प्रेरित किया है और मुख्यधारा के राजनेताओं ने संकट को हल करने के लिए पर्याप्त कोशिश नहीं करने के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन को दोषी ठहराया है.

विभिन्न राज्यों में हाल-बेहाल

तमिलनाडु में राज्य सरकार ने कहा कि केंद्रीय ग्रिड से 750 मेगावॉट की कमी के कारण राज्य के कुछ हिस्सों में बिजली कटौती हुई.

आंध्र प्रदेश को मांग के मुकाबले लगभग पांच करोड़ यूनिट बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के दो बिजली इकाइयों- तलवंडी साबो और रोपड़ थर्मल प्लांट के बंद होने के कारण राज्य में गंभीर बिजली संकट पैदा हो गया है. लुधियाना, पटियाला और मोहाली समेत कई इलाके लगातार कट का सामना कर रहे हैं.

कथित तौर पर राज्य के पांच थर्मल प्लांटों में 5,680 मेगावॉट की संयुक्त स्थापित क्षमता के मुकाबले केवल 3,327 मेगावॉट बिजली पैदा की जा रही है.

पंजाब के होशियारपुर में अनियमित बिजली आपूर्ति के विरोध में किसानों ने वाहनों की आवाजाही रोक दी. बिहार और ओडिशा में भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लगातार बिजली कटौती हो रही है.

बिहार मांग में अचानक वृद्धि के कारण प्रति दिन 200-300 मेगावॉट बिजली की कमी का सामना कर रहा है, क्योंकि राज्य भीषण गर्मी की चपेट में है.

राज्य के ऊर्जा विभाग के सचिव संजीव हंस के अनुसार, राज्य की खपत लगभग 6,000 मेगावॉट प्रति दिन है, जबकि विभिन्न स्रोतों से बिजली की उपलब्धता केवल 5,000 से 5,200 मेगावॉट है.

उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने कमी के लिए गर्मी में वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने इसके लिए उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में गैस से चलने वाले बिजली संयंत्र के बंद होने को भी जिम्मेदार ठहराया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली संकट का जल्द से जल्द समाधान खोजने का निर्देश दिया है.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वीकार किया कि राज्य मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं है और बाजार से बिजली खरीदने के लिए अतिरिक्त धन उपलब्ध कराया गया है.

ओडिशा सरकार ने दावा किया कि अप्रैल के अंत तक राज्य में बिजली संकट खत्म हो जाएगा. राज्य में बड़ी आबादी ने गर्मी के बीच बिजली कटौती की शिकायत की है.

एनटीपीसी की एक इकाई के टूटने के बाद से ओडिशा अप्रैल के मध्य से बिजली की भारी कमी का सामना कर रहा है, जो 800 मेगावॉट उत्पन्न करती थी.

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने पर चिंता जताई

राजस्थान में बिजली की मांग में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे प्रतिदिन पांच से सात घंटे बिजली की कटौती की जा रही है.

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. राजस्थान के वनस्थली में बुधवार को अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री सेल्सियस जबकि बीकानेर और फलोदी में 45.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बढ़ती गर्मी के बीच कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने पर चिंता जताई और इसे राष्ट्रीय संकट बताते हुए कहा कि लोग एकजुट होकर हालात बेहतर बनाने में सरकार का सहयोग करें.

गहलोत ने ट्वीट किया, ‘देश के 16 राज्यों में बढ़ती गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है एवं इसके अनुरूप कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है जिसके कारण आवश्यकतानुसार बिजली आपूर्ति संभव नहीं है. यह एक राष्ट्रीय संकट है.’

लोगों से सहयोगी की अपील करते हुए गहलोत ने कहा, ‘मैं सभी से अपील करता हूं कि इस संकट में एकजुट होकर परिस्थितियों को बेहतर करने में सरकार का साथ दें. अपने निवास या कार्यक्षेत्र के गैर-जरूरी बिजली उपकरणों को बंद रखें. अपनी प्राथमिकताएं तय कर बिजली का उपयोग जरूरत के मुताबिक करें.’

इसके साथ ही गहलोत ने बिजली कटौती के खिलाफ बिजलीघरों पर प्रदर्शन करने के भाजपा के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘राजस्थान में प्रदेश भाजपा बिजली घरों पर प्रदर्शन कर इस संकट में चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे बिजली कर्मचारियों को परेशान कर उन पर दबाव बनाने का कार्य कर रही है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि राज्यों को कोयला उपलब्ध करवाने का काम केंद्र सरकार का है. क्या प्रदेश भाजपा का दिशाहीन नेतृत्व केन्द्र सरकार से इस बारे में सवाल पूछेगा कि वो मांग के अनुसार कोयला उपलब्ध करवाने में सक्षम क्यों नहीं है जिसके कारण 16 राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आई है?’

बिजली कटौती के मुद्दों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा: हरियाणा के मुख्यमंत्री

हरियाणा के बिजली मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने कहा कि अगले कुछ दिनों में उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली उपलब्ध हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इस समय मांग के मुकाबले आपूर्ति में 300 मेगावॉट से अधिक की कमी है, जिसे शनिवार तक पूरा कर लिया जाएगा.

इस बीच, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी आश्वासन दिया है कि बिजली कटौती के मुद्दों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

दूसरी ओर मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार के अधिकारियों ने दावा किया कि राज्य में कोई निर्धारित लोड शेडिंग नहीं है. पश्चिम बंगाल सरकार ने भी ऐसा ही दावा किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)