दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि कोयले की कमी के चलते मेट्रो ट्रेन, अस्पतालों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है. तापमान बढ़ने के साथ दिल्ली में बिजली की मांग अप्रैल में पहली बार 6,000 मेगावॉट पहुंच गई है. वहीं एनटीपीसी ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी को बिजली आपूर्ति करने वाले ऊंचाहार और दादरी बिजली स्टेशन पूरी क्षमता से चल रहे हैं और ‘नियमित’ कोयले की आपूर्ति प्राप्त कर रहे हैं.
![New Delhi: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal addresses a press conference, in New Delhi, Friday, Sept. 6, 2019. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI9_6_2019_000042B)](https://hindi.thewire.in/wp-content/uploads/2019/09/Arvind-Kejriwal-PTI9_6_2019_000042B.jpg)
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कोयले की ‘भीषण कमी’ को रेखांकित करते हुए दावा किया कि कई बिजली संयंत्रों में सिर्फ एक दिन का भंडार बचा है और राष्ट्रीय राजधानी में विद्युत आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी दी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि हालात को किसी तरह संभाला जा रहा है.
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि पर्याप्त संख्या में रेलवे रेक (डिब्बों) की अनुपलब्धता के कारण कोयले की ‘बेहद कमी’ है और चेतावनी दी कि अगर बिजली संयंत्र बंद हो जाते हैं तो आपूर्ति में ‘कठिनाई’ हो सकती है.
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) ने अपने संयंत्रों में कोयले की कमी के दिल्ली सरकार के दावों के जवाब में एक ट्वीट में कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले ऊंचाहार और दादरी बिजली स्टेशन पूरी क्षमता से चल रहे हैं और ‘नियमित’ कोयले की आपूर्ति प्राप्त कर रहे हैं.
एनटीपीसी ने ट्वीट किया, ‘दादरी की सभी छह इकाइयां और ऊंचाहार की 5 इकाइयां पूरी क्षमता से चल रही हैं और नियमित कोयला आपूर्ति प्राप्त कर रही हैं. वर्तमान भंडार क्रमश: 1,40,000 मीट्रिक टन और 95,000 मीट्रिक टन है और आयातित कोयले की आपूर्ति भी होने वाली है.’
All 6 Units of Dadri and 5 Units of Unchahar are running at full capacity and receiving regular coal supplies. Present stock is 140000 MT and 95000 MT respectively and import coal supplies are also in pipeline.@MinOfPower @PIB_India @power_pib @OfficeOfRKSingh
— NTPC Limited (@ntpclimited) April 29, 2022
केजरीवाल ने हालांकि दावा किया कि पूरे देश में बिजली की स्थिति बेहद गंभीर है.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘देश भर में बिजली की भारी समस्या हो रही है. अभी तक दिल्ली में हम किसी तरह से प्रबंधन कर रहे हैं. पूरे भारत में स्थिति बेहद गंभीर है. हम सबको मिलकर जल्द ही इसका समाधान निकालना होगा. इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है.’
देश भर में बिजली की भारी समस्या हो रही है। अभी तक दिल्ली में हम लोग किसी तरह से मैनेज किए हुए हैं। पूरे भारत में स्थिति बेहद गंभीर है। हम सबको मिलकर जल्द ही इसका समाधान निकालना होगा। इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है। pic.twitter.com/aYQVVZBUOy
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 29, 2022
एनटीपीसी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘वर्तमान में ऊंचाहार और दादरी स्टेशन, ग्रिड को 100% से अधिक रेटेड क्षमता की घोषणा कर रहे हैं. ऊंचाहार में इकाई-1 को छोड़कर ऊंचाहार और दादरी की सभी इकाइयां पूरे लोड पर चल रही हैं. ऊंचाहार की इकाई-1 में वार्षिक नियोजित रखरखाव का काम चल रहा है.’
इधर, दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ‘कोयले की भारी कमी’ का मुख्य कारण पर्याप्त संख्या में रेक की कमी है. उन्होंने कहा कि रेलवे डिब्बों की संख्या बढ़ाने के बजाय 450 से घटाकर 405 कर दी गई है.
मंत्री ने यह भी दावा किया कि दादरी और ऊंचाहार सहित बिजली संयंत्रों में केवल एक दिन का कोयला भंडार था, जो आमतौर पर 21 दिनों के लिए होना चाहिए.
उन्होंने कोयले की आपूर्ति के संबंध में केंद्र को दिल्ली के किसी भी लंबित भुगतान से भी इनकार किया.
दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्थिति का आकलन करने के लिए एक आपात बैठक की थी और केंद्र को पत्र लिखकर दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को कोयले की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया.
जैन ने एक ट्वीट कर कहा, ‘जो पावर प्लांट दिल्ली के लिए बिजली उत्पन्न करते हैं उनमें कोयले की कमी होने के कारण आने वाले कुछ दिनों का ही स्टॉक बचा है. गर्मी के दिनों में दिल्ली समेत संपूर्ण भारत में बिजली की मांग पीक पर होगी. केंद्र सरकार से अपील है कि वह जल्द से जल्द कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करे.’
जो पावर प्लांट दिल्ली के लिए बिजली उत्पन्न करते हैं उनमें कोयले की कमी होने के कारण आने वाले कुछ दिनों का ही स्टॉक बचा है। गर्मी के दिनों में दिल्ली समेत संपूर्ण भारत में बिजली की मांग पिक पर होगी। केंद्र सरकार से अपील है कि वह जल्द से जल्द कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करे। pic.twitter.com/TmZT2plhmL
— Satyendar Jain (@SatyendarJain) April 29, 2022
सूत्रों ने कहा कि दिल्ली सरकार 1500 मेगावॉट क्षमता वाले अपने गैस आधारित बिजली संयंत्र में उत्पादन बढ़ा सकती है. उन्होंने हालांकि कहा कि ऐसा करने में गैस की लागत एक बाधा हो सकती है.
दिल्ली को दादरी-द्वितीय, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर संयंत्रों से प्रतिदिन 1751 मेगावॉट बिजली प्राप्त होती है. दिल्ली सरकार ने पहले कहा था कि दादरी-द्वितीय बिजली स्टेशन से राजधानी को अधिकतम 728 मेगावॉट की आपूर्ति मिलती है, जबकि ऊंचाहार स्टेशन से इसे 100 मेगावॉट बिजली प्राप्त होती है.
अधिकतम तापमान रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने के साथ दिल्ली में बिजली की मांग बढ़ रही है. बृहस्पतिवार को रात 11 बजकर 17 मिनट पर शहर की बिजली मांग 6050 मेगावॉट पर पहुंच गई. विद्युत वितरण कंपनियों को आने वाले महीनों में दिल्ली की अधिकतम मांग लगभग 8200 मेगावॉट होने की उम्मीद है.
मालूम हो कि भीषण गर्मी और कोयले की किल्लत के चलते देश के कई राज्यों में बिजली संकट गहरा गया है. बिजली संयंत्रों में कम उत्पादन के बीच राज्य भारी मांग को पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं. पंजाब में बिजली संकट के विरोध में शुक्रवार को किसानों ने प्रदर्शन भी किया है.
जम्मू कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो घंटे से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. बिजली कटौती से कारखाने सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. देश में मार्च में रिकॉर्ड गर्मी के बाद अप्रैल में भी अत्यधिक गर्मी जारी है. ऐसे में बिजली की मांग अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
कोयले की कमी के चलते मेट्रो ट्रेन, अस्पतालों को आपूर्ति बाधित हो सकती है: दिल्ली सरकार
कोयले की कमी को लेकर गहराते संकट के बीच दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति में संभावित बाधा आने को लेकर बृहस्पतिवार को चेतावनी दी.
![](https://hindi.thewire.in/wp-content/uploads/2020/09/Delhi-Metro-PTI-D.jpg)
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्थिति का आकलन करने के लिए एक आपातकालीन बैठक की और केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करे.
एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘दादरी-द्वितीय और ऊंचाहार बिजली स्टेशनों से बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण दिल्ली मेट्रो और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों सहित कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में दिक्कत हो सकती है.’
जैन ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में बिजली की 25-30 प्रतिशत मांग इन बिजली स्टेशनों के माध्यम से पूरी की जा रही है और वे कोयले की कमी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि लोगों को राजधानी के कुछ इलाकों में बिजली की कमी का सामना न करना पड़े.
मंत्री ने कहा, ‘ये बिजली स्टेशन दिल्ली के कुछ हिस्सों में बिजली कटौती को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और गर्मी के मौसम में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी), अस्पतालों और लोगों को बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने लिए भी जरूरी हैं.’
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के दादरी-द्वितीय और झज्जर (अरावली) की स्थापना मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई थी. बयान के अनुसार हालांकि, इन बिजली संयंत्रों में भी कोयले का बहुत कम भंडार बचा है.
दादरी-द्वितीय, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर बिजली संयंत्र दिल्ली को प्रतिदिन 1,751 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति करते हैं. राजधानी को सबसे अधिक 728 मेगावॉट की आपूर्ति दादरी-द्वितीय बिजली स्टेशन से होती है, जबकि 100 मेगावॉट ऊंचाहार स्टेशन से प्राप्त होती है.
तापमान बढ़ने के साथ दिल्ली में बिजली की मांग अप्रैल में पहली बार 6,000 मेगावॉट पहुंची
दिल्ली में तापमान बढ़ने के साथ बिजली की मांग अप्रैल के महीने में पहली बार बृहस्पतिवार को 6,000 मेगावॉट पहुंच गई. बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
‘स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर’ दिल्ली के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की मांग बृहस्पतिवार दोपहर तीन बज कर 31 मिनट पर 6,000 मेगावॉट थी.
बिजली वितरण कंपनी के एक अधिकारी ने बताया, ‘अप्रैल में पहली बार, दिल्ली में बिजली की मांग 6,000 मेगावॉट पर पहुंची है. यह बुधवार के 5,769 मेगावॉट की तुलना में 3.7 प्रतिशत अधिक है.’
उन्होंने बताया कि दिल्ली में इस साल अप्रैल महीने में भीषण गर्मी पड़ने के चलते शहर में बिजली की मांग महीने की शुरूआत के बाद से 34 प्रतिशत बढ़ गई है.
शहर में एक अप्रैल को बिजली की मांग 4,469 मेगावॉट थी.
बिजली की मांग गर्मियों में और बढ़ने की संभावना है, यह हर समय के रिकार्ड को तोड़ते हुए दो जुलाई 2019 को 7,409 मेगावॉट रही थी.
अधिकारियों ने बताया कि इस साल चरम मांग करीब 8,200 मेगावॉट रहने की उम्मीद है जो 2002 के 2,879 मेगावॉट से करीब 285 प्रतिशत की वृद्धि है.
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस रह सकता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)