दिल्ली के भलस्वा कूड़ा स्थल पर बीते 26 अप्रैल से आग लगी हुई थी. स्थानीय निवासियों ने शिकायत दर्ज कराते हुए उत्तर दिल्ली नगर निगम के महापौर, उप-महापौर और निगम की स्थायी समिति के उपाध्यक्ष के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. निवासियों का कहना कि क्षेत्र में लगी आग से निकल रहा धुआं उनकी जान को जोखिम में डाल रहा है.
नई दिल्ली: दिल्ली में भलस्वा लैंडफिल क्षेत्र के समीप रह रहे लोगों ने पिछले पांच दिनों से यहां लगी आग के संबंध में उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. दमकलकर्मी लगातार आग बुझाने की कोशिश में लगे हैं. कूड़ा-कचरा फेंकने वाली इस जगह पर बीते 26 अप्रैल को भीषण आग लग गई थी.
स्थानीय निवासियों ने भलस्वा डेयरी थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए उत्तरी दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह, उप-महापौर अर्चना दिलीप सिंह और निगम की स्थायी समिति के उपाध्यक्ष विजय कुमार भगत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.
शिकायत पत्र में स्थानीय निवासियों ने कहा कि क्षेत्र में लगी आग से निकल रहा धुआं उनकी जान को जोखिम में डाल रहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शिकायत में कहा, ‘पिछले पांच दिनों से भड़क रही आग भलस्वा के निवासियों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर रही है. भलस्वा निवासी सांस नहीं ले पा रहे हैं. धुआं बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर रहा है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए.’
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने भलस्वा लैंडफिल में आग को रोकने के लिए लापरवाही बरतने और उचित कदम नहीं उठाने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
बीते मार्च महीने में दिल्ली के एक और ‘कूड़े के पहाड़’ गाजीपुर लैंडफिल साइट पर दो हफ्ते में दो बार आग लगने का मामला सामने आया था. तब आम आदमी पार्टी और भाजपा नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था. दिल्ली के नगर निगम भाजपा शासित हैं.
दिल्ली महिला आयोग ने नगर निगम आयुक्त को समन भेज जानकारी मांगी
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार को उत्तर दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को भलस्वा कूड़ा स्थल पर आग लगने की घटना को लेकर समन जारी किया और स्थल को साफ करने के लिए एमसीडी द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आयोग ने स्थल की सफाई के लिए पिछले 15 वर्षों में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा किए गए खर्च का विवरण भी मांगा है.
डीसीडब्ल्यू ने दावा किया कि आग ने आसपास के कई घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे कई महिलाएं और बच्चे बेघर हो गए हैं और इससे उनके प्रति अपराधों का जोखिम बढ़ गया है.
आयोग ने कहा कि यह सूचित किया गया है कि भलस्वा कूड़ा स्थल में भीषण आग के कारण क्षेत्र के निवासियों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
डीसीडब्ल्यू के बयान के अनुसार, ‘आग के कारण निवासी जहरीले धुएं से घिर गए हैं, जो उनके घरों में प्रवेश कर रहा है और क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों सहित सभी के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है.’
इसने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने एनडीएमसी आयुक्त को समन जारी करके पिछले 15 वर्षों में किए गए खर्च के साथ-साथ कूड़ा स्थल को साफ करने के लिए निगम द्वारा उठाए गए कदमों का पूरा विवरण मांगा है.
डीसीडब्ल्यू ने भलस्वा कूड़ा स्थल पर आग के बारे में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट के साथ-साथ जानकारी प्रदान करने के लिए नगर निगम को चार दिन का समय दिया है.
आयोग ने कहा, ‘आयोग ने पिछले पांच वर्षों में कूड़ा स्थल से संबंधित मुद्दों के बारे में स्थानीय लोगों द्वारा दर्ज की गई सभी शिकायतों की प्रतियां और उसकी विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट की भी मांग की है.’
बयान में कहा गया है कि भारत और विदेशों से मॉडल का अध्ययन करके लैंडफिल से उचित अपशिष्ट निपटान के लिए नगर निगम द्वारा किए गए उपायों और अध्ययनों की जानकारी भी आयोग द्वारा मांगी गई है.
आयोग ने एनडीएमसी को आसपास के निवासियों पर कूड़ा स्थल के सामाजिक, स्वास्थ्य, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव का अध्ययन करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में और मौजूदा त्रासदी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की पूरी जानकारी देने के लिए कहा है.
स्थानीय लोगों ने आयोग को सूचित किया है कि आग के कारण उत्पन्न जहरीला धुआं उनके घरों में घुस रहा है. यह इलाके में रहने वाले सभी लोगों विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)