पंजाब के पटियाला में 29 अप्रैल को ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने ख़ालिस्तान स्थापना दिवस मनाने की घोषणा की थी, जिसके विरोध में शिवसेना (बाल ठाकरे) नामक संगठन ने ‘ख़ालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ निकाला, जब दोनों गुटों में विवाद हो गया. इस संबंध में दो एफ़आईआर दर्ज की गई हैं और तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है.
पटियाला: पंजाब के पटियाला में शुक्रवार को एक ‘खालिस्तान विरोधी मार्च’ को लेकर दो समूहों के बीच हुए पथराव में चार लोग घायल हो गए. स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ी थीं और शुक्रवार शाम कर्फ्यू भी लगाना पड़ा.
झड़प के एक दिन बाद शनिवार को पटियाला जिले में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया गया.
इसके अलावा सरकार ने तत्काल प्रभाव से तीन अधिकारियों- पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) पटियाला रेंज, पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया.
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुखविंदर सिंह चिन्ना को पटियाला का नया महानिरीक्षक (आईजी-पटियाला रेंज) नियुक्त किया गया है, जबकि दीपक पारीक पटियाला के नए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) होंगे और वजीर सिंह को पटियाला का नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है.
राकेश अग्रवाल की जगह चिन्ना को पटियाला रेंज का आईजी बनाया गया है, जबकि पटियाला के एसएसपी के तौर पर पारीक, नानक सिंह का स्थान लेंगे.
महानिरीक्षक (पटियाला रेंज) राकेश अग्रवाल, जिन्हें अब स्थानांतरित कर दिया गया है, ने बताया कि मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं और ‘शिवसेना (बाल ठाकरे)’ नामक एक समूह के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने बताया कि हिंसा में घायल हुए चार लोगों में से दो पुलिसकर्मी हैं. उन्होंने बताया कि उनकी हालत स्थिर है. पुलिस ने हिंसा को लेकर मामला दर्ज किया है.
यह झड़प काली माता मंदिर के बाहर उस समय हुई जब ‘शिवसेना (बाल ठाकरे)’ नामक एक संगठन के सदस्यों ने ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ निकालना शुरू किया.
पुलिस ने बताया कि निहंगों सहित कुछ सिख लोगों ने संगठन के कार्यक्रम के खिलाफ एक और मार्च निकाला. काली माता मंदिर के पास दोनों गुट आमने-सामने आ गए और एक दूसरे पर पथराव कर दिया.
पुलिस के अनुसार, शहर में स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए मंदिर के द्वारों को बंद कर दिया गया और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए.
शिवसेना के एक नेता ने कहा कि संगठन ने 29 अप्रैल को खालिस्तान के स्थापना दिवस के मौके पर ‘सिख फॉर जस्टिस’ की घोषणा के जवाब में मार्च निकालने की योजना बनाई थी.
पटियाला के पुलिस महानिरीक्षक राकेश अग्रवाल ने पटियाला में संवाददाताओं से कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है.
उन्होंने कहा, ‘हमने बाहर से पुलिस बल बुलाया है. उपायुक्त द्वारा शांति समिति की बैठक बुलाई गई है.’ उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति बहाल करना उनकी प्राथमिकता है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वह राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के संपर्क में हैं. उन्होंने झड़प के बाद अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई. मुख्यमंत्री ने बाद में कहा कि उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और सख्त निर्देश दिए हैं कि एक भी दोषी को बख्शा नहीं जाए.
मान ने एक ट्वीट में कहा, ‘पटियाला में झड़प की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मैंने डीजीपी से बात की है. क्षेत्र में शांति बहाल कर दी गई है. हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं और किसी को भी राज्य में अशांति का माहौल पैदा नहीं करने देंगे.’
The incident of clashes in Patiala are deeply unfortunate. I spoke with the DGP, peace has been restored in the area. We are closely monitoring the situation and will not let anyone create disturbance in the State. Punjab’s peace and harmony is of utmost importance.
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) April 29, 2022
उन्होंने कहा कि पंजाब में शांति और सद्भाव बहुत महत्वपूर्ण है.
इस प्रकरण पर पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि चंद शरारती तत्वों ने कुछ अफवाहें फैलाई थीं. हमने स्थिति को नियंत्रित किया है. हम पटियाला शहर में फ्लैग मार्च कर रहे हैं.
यह पूछे जाने पर कि घटना में कितने लोग घायल हुए हैं, अग्रवाल ने कहा कि वह अभी भी इसकी जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘कुछ अफवाहों के कारण तनाव बढ़ गया था, लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है.’
‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ का आयोजन ‘शिवसेना (बाल ठाकरे)’ नामक एक समूह के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला द्वारा किया गया था. मार्च आर्य समाज चौक से शुरू हुआ, जिसमें सेना के कार्यकर्ताओं ने ‘खालिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए.
सिंगला ने कहा कि ‘सिख फॉर जस्टिस’ के गुरपतवंत पन्नून ने 29 अप्रैल को खालिस्तान के स्थापना दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा, ‘उन्हें जवाब देने के लिए सेना ने 29 अप्रैल को ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ निकालने का भी फैसला किया था.’
पटियाला की उपायुक्त साक्षी साहनी ने कहा, ‘हम सभी से शांति बनाए रखने और किसी भी अफवाह पर विश्वास नहीं करने की अपील करते हैं.’
साहनी ने एक बयान में कहा, ‘शांति और सद्भाव हमारे सभी धर्मों और उनकी मूल भावना के केंद्र में हैं. भले ही कोई विवाद या गलतफहमी हो, इसे बातचीत से सुलझाना महत्वपूर्ण है.’
उन्होंने कहा, ‘हमने यहां सुरक्षा बल की तैनाती की है. अभी स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है. हम लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.’
मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन पर अधिकारी ने कहा कि यह कदम अफवाह फैलाने से रोकने के लिए उठाया गया है. साथ ही उन्होंने लोगों से नहीं घबराने की अपील की है.
अधिकारियों ने बताया कि निहंगों सहित कुछ सिख लोग, जो शुरू में दुख निवारण साहिब गुरुद्वारे में एकत्र हुए थे, मंदिर की ओर बढ़े और उनमें से कुछ ने तलवारें लहराईं. उनके जुलूस को भी अधिकारियों से अनुमति नहीं मिली थी.
एसएमएस और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित
वहीं, पंजाब सरकार ने झड़प के एक दिन बाद शनिवार को पटियाला जिले में वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया.
सेवाओं को निलंबित करने का आदेश गृह मामलों और न्याय विभाग द्वारा जारी किया गया. इसके अलावा पटियाला में काली माता मंदिर के बाहर झड़प स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
गृह मामलों और न्याय विभाग के प्रधान सचिव ने एक आदेश में कहा, ‘दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल स्थिति या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के तहत मुझे मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए मैं, वॉयस कॉल को छोड़कर पटियाला जिले के क्षेत्राधिकार में मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली मोबाइल इंटरनेट सेवाएं (2जी/3जी/4जी/सीडीएमए), सभी एसएमएस सेवाएं और सभी डोंगल सेवाओं को 30 अप्रैल (शनिवार) सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक बंद करने का आदेश देता हूं.’
आदेश में कहा गया है कि पटियाला जिले में ‘अपरिहार्य परिस्थितियों’ की वजह से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए और ‘राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक समूहों या तत्वों’ की मंशा और गतिविधियों को विफल करने के लिए, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने और जीवन तथा सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाना आवश्यक हो गया है.
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि पटियाला के उपायुक्त और एसएसपी ने एक ऐसी स्थिति की ओर संकेत किया है, जहां कुछ बेईमान तत्वों द्वारा डेटा सेवाओं का घोर दुरुपयोग किया जा सकता है.
विपक्ष ने आप सरकार पर निशाना साधा
विपक्षी दलों, शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस ने बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधा. विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने ट्वीट किया, ‘राज्य में पूरी तरह अराजकता.’
कांग्रेस नेता बाजवा ने कहा, ‘पिछले एक महीने में राज्य में एक के बाद एक घटनाएं होने से कानून-व्यवस्था चरमरा गई है.’
इस बीच, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘मैं पटियाला में हुई झड़पों की कड़ी निंदा करता हूं. समाज के सभी वर्गों से शांति और मानवता के मार्ग पर चलने की अपील करता हूं.’
आम आदमी पार्टी ने घटना की निंदा की और कहा कि वह किसी को भी राज्य में शांति एवं सौहार्द बिगाड़ने नहीं देगी. पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी ने यह भी कहा कि सभी उपद्रवियों को न्याय के कठघरे में लाकर दंडित किया जाना चाहिए.
आप के चुनावी रणनीतिकार और पंजाब में पार्टी के राजनीतिक मामलों के सह-प्रभारी संदीप पाठक ने एक ट्वीट में कहा, ‘हम पटियाला में दो राजनीतिक समूहों के बीच हुई झड़प की कड़ी निंदा करते हैं. हम किसी को भी शांति और सद्भाव नहीं बिगाड़ने देंगे. सभी उपद्रवियों को दंडित किया जाना चाहिए.’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी घटना पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार को कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए.
उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान की गई बात को दोहराते हुए कहा कि पंजाब जैसा संवेदनशील राज्य प्रयोग की जगह नहीं है.
Visuals from Patiala are disturbing.
I repeat, Peace & Harmony are most imperative in a sensitive border state like Punjab. This is not the place to carry out experiments.
Earnestly appeal to the Punjab govt to ensure law and order is maintained.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 29, 2022
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘पटियाला से जो दृश्य सामने आए हैं, वो परेशान करने वाले हैं. मैं फिर दोहराता हूं कि पंजाब जैसे संवेदनशील सीमावर्ती राज्य के लिए शांति और सौहार्द सबसे ज्यादा जरूरी है. यह प्रयोग करने की जगह नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘पंजाब सरकार से अपील है कि वह कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करे.’
वहीं, घटना का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.
The National Commission of Minorities (NCM) has written a letter to the Chief Secretary of Punjab requesting to send a detailed report on the clash involving one minority community in Patiala. pic.twitter.com/KvrSWrhN5I
— ANI (@ANI) April 29, 2022
आयोग की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव अनिरूद्ध तिवारी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार सात दिनों के भीतर रिपोर्ट दे.
अल्पसंख्यक आयोग ने कहा, ‘आयोग ने 29 अप्रैल को पटियाला में हुई सांप्रदायिक झड़प की खबरों का संज्ञान लिया है. आपसे आग्रह है कि इस मामले में विचार के लिए सात दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट भेजें.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)