एमपी: दलित परिवार के परिजन का अंतिम संस्कार चबूतरे पर करने से रोका गया, तीन गिरफ़्तार

मध्य प्रदेश के गुना ज़िले के कुंभराज थाना क्षेत्र का मामला है. पुलिस ने बताया कि रोके जाने के बाद दलित परिवार ने श्मशान घाट में ऊंचे चबूतरे के पास ही ज़मीन पर परिजन का अंतिम संस्कार किया. आरोपियों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

मध्य प्रदेश के गुना ज़िले के कुंभराज थाना क्षेत्र का मामला है. पुलिस ने बताया कि रोके जाने के बाद दलित परिवार ने श्मशान घाट में ऊंचे चबूतरे के पास ही ज़मीन पर परिजन का अंतिम संस्कार किया. आरोपियों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

गुना: मध्य प्रदेश के गुना जिले में कुछ लोगों ने एक दलित परिवार को अपने एक परिजन का अंतिम संस्कार श्मशान घाट के चबूतरे पर करने से कथित तौर पर रोकने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी.

कुछ लोगों द्वारा रोके जाने के बाद दलित परिवार ने श्मशान घाट में ऊंचे चबूतरे के पास ही जमीन पर रिश्तेदार का अंतिम संस्कार किया.

घटना गुना जिला मुख्यालय से 62 किलोमीटर दूर कुंभराज थाना क्षेत्र के चांदपुरा गांव में शुक्रवार (29 अप्रैल) को हुई और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है.

वीडियो क्लिप में एक व्यक्ति को यह कहते सुना जा सकता है कि परिवार को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट के चबूतरे का उपयोग करने की अनुमति नहीं है.

कुंभराज थाना प्रभारी संजीव मवई ने कहा कि स्थानीय निवासी कन्हैया अहिरवार (70 वर्ष) की मौत के बाद उसके परिजन शव को लेकर श्मशान घाट गए, लेकिन गांव के तीन लोगों ने कथित तौर पर उन लोगों को वहां बने चबूतरे पर अंतिम संस्कार करने से रोक दिया. इस पर परिवार ने चबूतरे के पास नीचे जमीन पर उस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया.

मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची.

अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने नारायण सिंह मीणा, रामभरोसे मीणा और दिलीप मीणा को इस मामले में गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है.

उन्होंने कहा कि आरोपियों को 30 अप्रैल स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.