पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के रामपुरहाट क़स्बे के पास बोगतुई गांव में 22 मार्च को तड़के कुछ मकानों में कथित तौर पर आग लगा देने से दो बच्चों सहित आठ लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी. आग से झुलसी एक अन्य महिला की मौत बीते 28 मार्च को हुई थी. आरोप है कि यह घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत अधिकारी की हत्या के प्रतिशोध स्वरूप हुई थी.
रामपुरहाट: बीते मार्च महीने में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हुए आगजनी कांड के दौरान झुलसी एक महिला की इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी.
स्थानीय तृणमूल नेता भादू शेख की हत्या के बाद रामपुरहाट के बोगतुई गांव में कथित तौर पर कुछ घरों में आग लगा दी गई थी. इसके साथ ही इस घटना में अब तक 10 लोगों की जलने से मौत हो चुकी है. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि 27 प्रतिशत झुलसी महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
अधिकारी ने कहा, ‘उनकी हलात में सुधार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी. लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के बाद उन्हें फिर से रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनकी रविवार सुबह मौत हो गई.’
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पीड़ित अतहारा बीबी ने सरकारी अस्पताल की क्रिटिकल केयर यूनिट में रविवार सुबह दम तोड़ दिया, जहां वह 40 दिनों तक भर्ती रही थीं.
10 मृतकों में से एक पुरुष, जबकि दो नाबालिगों सहित नौ महिलाएं हैं. नौवीं पीड़िता नजमा बीबी की 28 मार्च को इसी अस्पताल में मौत हो गई थी.
अतहारा बीबी के मेडिकल रिकॉर्ड की जांच के लिए सीबीआई की एक टीम रविवार को रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल गई.
गौरतलब है कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट कस्बे के पास बोगतुई गांव में 22 मार्च को तड़के कुछ मकानों में कथित तौर पर आग लगा देने से दो बच्चों सहित आठ लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी. आरोप है कि यह घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत अधिकारी की हत्या के प्रतिशोध स्वरूप हुई थी.
कोलकाता हाईकोर्ट की पीठ ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था और बीते 23 मार्च को घटना की फॉरेंसिक जांच के लिए दिल्ली सीएफएसएल को घटनास्थल से आवश्यक नमूने इकट्ठा करने का आदेश दिया था. साथ ही पूर्वी बर्धमान के जिला जज की उपस्थिति में घटनास्थल पर सीसीटीवी लगाने और अगले आदेश तक रिकॉर्डिंग जारी रखने का निर्देश दिया था.
इस घटना की सीबीआई या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिकाओं पर भी अदालत ने स्वत: संज्ञान याचिका के साथ सुनवाई की थी और 24 मार्च को मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का आदेश दिया था.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, सीबीआई ने अपनी जांच शुरू करने के बाद राज्य पुलिस द्वारा पकड़े गए 22 लोगों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ की. एजेंसी ने ई-रिक्शा चालक रितान शेख सहित छह और लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने कथित तौर पर आगजनी में इस्तेमाल पेट्रोल खरीदा था.
रामपुरहाट में तैनात सीबीआई की एक टीम ने कई सुरक्षा कैमरे की रिकॉर्डिंग को जब्त कर लिया है, जिसमें स्थानीय टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या को दिखाते हुए एक रिकॉर्डिंग भी शामिल है. भादू शेख के आवास के एक भूमिगत कक्ष से एक डायरी भी बरामद हुई, जिसमें कई लोगों के नाम और फोन नंबर थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)