सांप्रदायिक हिंसा के 24 दिन बाद मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में लगा कर्फ्यू पूरी तरह से समाप्त

अधिकारियों ने बताया​ कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा भी समाप्त कर दी गई है. खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी पर​ निकाले गए धार्मिक जुलूस के दौरान हुई हिंसा में दुकानों, घरों एवं वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था. इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

Jodhpur: Deserted roads during curfew in Jodhpur, Wednesday, May 4, 2022. The curfew was imposed in the city after clashes broke out between two communities on May 3. (PTI Photo)( PTI05 04 2022 000030B)

अधिकारियों ने बताया​ कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा भी समाप्त कर दी गई है. खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी पर​ निकाले गए धार्मिक जुलूस के दौरान हुई हिंसा में दुकानों, घरों एवं वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था. इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

खरगोन: मध्य प्रदेश खरगोन के शहर में 10 अप्रैल को रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हुए पथराव व आगजनी के बाद से लगाया गया कर्फ्यू प्रशासन ने 24 दिनों बाद बुधवार को पूरी तरह हटा दिया. उक्त जानकारी एक अधिकारी ने दी.

अधिकारी ने बताया कि निषेधाज्ञा (धारा 144) और अन्य सभी प्रतिबंधों को भी हटा दिया गया है.

शांति समिति की बैठक के बाद खरगोन के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट मिलिंद ढोके ने संवाददाताओं को बताया, ‘प्रशासन ने बुधवार को शांति समिति की बैठक बुलाई, जिसमें सभी समुदायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सभी की सहमति से यह निर्णय लिया गया है कि 10 अप्रैल से जारी निषेधाज्ञा को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा आज से ही समाप्त हो गई है. सभी प्रतिबंधों और कर्फ्यू को वापस ले लिया गया है. 10 अप्रैल से पहले की स्थिति को बहाल कर दिया गया है.’

बता दें कि खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी पर​ निकाले गए धार्मिक जुलूस के दौरान हुई हिंसा में दुकानों, घरों एवं वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था. इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था.

इसी दिन गुजरात के हिम्मतनगर और खंभात, झारखंड के लोहरदगा ज़िले तथा ​पश्चिम बंगाल में हावड़ा के शिबपुर इलाके में सांप्रदायिक झड़प की ख़बरें आई थीं. खंभात शहर में हुई सांप्रदायिक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

हिंसा के बाद खरगोन प्रशासन 14 अप्रैल से कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दे रहा था. अब तक इस हिंसा में एक मौत की भी पुष्टि हो चुकी है. वहीं, शासन-प्रशासन ने मामले में आरोपी बनाए लोगों के मकानों को अतिक्रमण बताकर गिरा दिया था.

हिंसा के सिलसिले में 64 एफआईआर दर्ज की गई हैं और पुलिस ने अब तक कम से कम 175 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

हालांकि, ईद-उल-फितर और अक्षय तृतीया के त्योहार के मद्देनजर खरगोन शहर में प्रशासन ने मंगलवार को कर्फ्यू में ढील नहीं दी थी, जिसके चलते लोगों ने इन दोनों त्योहार घर पर ही मनाए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)