एल्गार परिषद मामला: डिफॉल्ट ज़मानत की मांग वाली वरवरा राव और दो अन्य की याचिका ख़ारिज

एल्गार परिषद मामले के आरोपियों- वरवरा राव, अरुण फरेरा और वर्नोन गॉन्जाल्विस द्वारा दायर याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था, जिसमें उन्हें डिफॉल्ट ज़मानत देने से इनकार किया गया था.

वरवर राव, अरुण फरेरा और वर्नोन गॉन्जाल्विस.

एल्गार परिषद मामले के आरोपियों- वरवरा राव, अरुण फरेरा और वर्नोन गॉन्जाल्विस द्वारा दायर याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था, जिसमें उन्हें डिफॉल्ट ज़मानत देने से इनकार किया गया था.

वरवरा राव, अरुण फरेरा और वर्नोन गॉन्जाल्विस.

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार वरवरा राव और दो अन्य द्वारा दायर एक याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया. याचिका में हाईकोर्ट के उस आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था, जिसमें उन्हें स्वत: जमानत (डिफॉल्ट जमानत) देने से इनकार किया गया था.

हाईकोर्ट ने कहा कि उसके लिए यह कहना मुश्किल है कि उसके पहले के फैसले में कोई तथ्यात्मक त्रुटि थी और उस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है.

जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजी जामदर की एक खंडपीठ ने कहा, ‘फैसले पर पुनर्विचार का कोई आधार नजर नहीं आता.’

इसके बाद हाईकोर्ट ने तीन आरोपियों- वरवरा राव, अरुण फरेरा और  वर्नोन गॉन्जाल्विस द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया.

राव अभी चिकित्सकीय आधार पर जमानत पर हैं, जबकि दो अन्य याचिकाकर्ता जेल में हैं.

तीनों आरोपियों ने जस्टिस शिंदे की अगुवाई वाली पीठ द्वारा पारित 1 दिसंबर, 2021 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें मामले में सह-अभियुक्त वकील सुधा भारद्वाज को डिफॉल्ट जमानत दी गई थी, लेकिन इन तीन याचिकाकर्ताओं सहित आठ अन्य आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया था.

उस समय, हाईकोर्ट ने कहा था कि भारद्वाज के अलावा अन्य आरोपियों ने कानून द्वारा निर्धारित समय के भीतर निचली अदालत के समक्ष डिफॉल्ट जमानत के लिए अपनी याचिका दायर नहीं की थी.

अधिवक्ता सुदीप पासबोला और आर. सत्यनारायणन के माध्यम से दायर उनकी याचिकाओं में आरोपियों ने कहा था कि हाईकोर्ट का आदेश ‘तथ्यात्मक त्रुटि’ पर आधारित था, क्योंकि यह नोट करने में विफल रहा कि निचली अदालत ने भारद्वाज, इन तीन याचिकाकर्ताओं (राव, फरेरा और गॉन्जाल्विस) और दो अन्य सह-आरोपियों द्वारा एक सामान्य आदेश के माध्यम से दायर डिफॉल्ट जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.

याचिका में कहा गया है कि इसलिए यदि हाईकोर्ट ने भारद्वाज को जमानत देते हुए 6 नवंबर, 2019 के निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया, तो अन्य भी राहत के हकदार थे.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस आधार पर याचिका का विरोध किया था कि आरोपी समीक्षा की आड़ में डिफॉल्ट जमानत की मांग कर रहे हैं. यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है और एक गलत मिसाल कायम करता है.

बता दें कि ज्ञात हो कि एल्गार परिषद मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एक सम्मेलन में दिए गए भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, जिसके बारे में पुणे पुलिस का दावा था कि इन भाषणों के कारण अगले दिन कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा हुई.

पुणे पुलिस ने दावा किया था कि सम्मेलन को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था. मामले में एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को आरोपी बनाया गया है. इसकी जांच बाद में एनआईए को सौंप दी गई थी.

एनआईए ने भी आरोप लगाया है कि एल्गार परिषद का आयोजन राज्य भर में दलित और अन्य वर्गों की सांप्रदायिक भावना को भड़काने और उन्हें जाति के नाम पर उकसाकर भीमा-कोरेगांव सहित पुणे जिले के विभिन्न स्थानों और महाराष्ट्र राज्य में हिंसा, अस्थिरता और अराजकता पैदा करने के लिए आयोजित किया गया था.

मामले में केवल एक अन्य आरोपी वकील और अधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. 13 अन्य अभी भी महाराष्ट्र की जेलों में बंद हैं.

फादर स्टेन स्वामी की पिछले साल पांच जुलाई को अस्पताल में उस समय मौत हो गई थी, जब वह चिकित्सा के आधार पर जमानत का इंतजार कर रहे थे. अन्य आरोपी कार्यकर्ता विचाराधीन कैदी के तौर पर जेल में बंद हैं.

अन्य गिरफ्तार कार्यकर्ताओं में लेखक और मुंबई के दलित अधिकार कार्यकर्ता सुधीर धावले, विस्थापितों के लिए काम करने वाले गढ़-चिरौली के युवा कार्यकर्ता महेश राउत, नागपुर यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी साहित्य विभाग की प्रमुख रह चुकीं शोमा सेन, वकील अरुण फरेरा, लेखक वरवरा राव, कार्यकर्ता वर्नोन गॉन्जाल्विस, कैदियों के अधिकार के लिए काम करने वाले रोना विल्सन, यूएपीए विशेषज्ञ और नागपुर से वकील सुरेंद्र गाडलिंग, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेनी बाबू और कबीर कला मंच के कलाकार, सागर गोरखे, रमेश गायचोर और ज्योति जगताप शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq