जस्टिस सुधांशु धुलिया, जस्टिस बी. परदीवाला को सुप्रीम कोर्ट भेजने की कॉलेजियम की सिफ़ारिश

जस्टिस सुधांशु धुलिया उत्तराखंड हाईकोर्ट के दूसरे न्यायाधीश होंगे, जिन्हें पदोन्नत करके शीर्ष अदालत भेजा जाएगा, जबकि जस्टिस बी. परदीवाला पारसी समुदाय से सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचने वाले चौथे न्यायाधीश होंगे.

New Delhi: A view of the Supreme Court of India in New Delhi, Monday, Nov 12, 2018. (PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI11_12_2018_000066B)
(फोटो: पीटीआई)

जस्टिस सुधांशु धुलिया उत्तराखंड हाईकोर्ट के दूसरे न्यायाधीश होंगे, जिन्हें पदोन्नत करके शीर्ष अदालत भेजा जाएगा, जबकि जस्टिस बी. परदीवाला पारसी समुदाय से सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचने वाले चौथे न्यायाधीश होंगे.

New Delhi: A view of the Supreme Court of India in New Delhi, Monday, Nov 12, 2018. (PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI11_12_2018_000066B)
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नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धुलिया और गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश जमशेद बी. परदीवाला को पदोन्नत कर शीर्ष अदालत भेजने की सिफारिश की है. सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

जस्टिस धुलिया उत्तराखंड हाईकोर्ट के दूसरे न्यायाधीश होंगे, जिन्हें पदोन्नत करके शीर्ष अदालत भेजा जाएगा, जबकि जस्टिस परदीवाला पारसी समुदाय से सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचने वाले चौथे न्यायाधीश होंगे.

दस अगस्त 1960 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के सुदूर गांव मदनपुर में जन्मे जस्टिस धुलिया ने 1986 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से, जबकि 12 अगस्त 1965 को मुंबई में जन्मे जस्टिस परदीवाला ने 1990 में गुजरात हाईकोर्ट से वकालत शुरू की थी.

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना के अलावा जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल. नागेश्वर राव शामिल हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जस्टिस परदीवाला मई 2028 में जस्टिस पीएस नरसिम्हा के सीजेआई के रूप में सेवानिवृत्त होने पर भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं.

जस्टिस पारदीवाला का जन्म मुंबई में हुआ था और वे गुजरात के अपने गृहनगर वलसाड में सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई की थी. उन्होंने जेपी आर्ट्स कॉलेज, वलसाड से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1988 में केएम मुलजी लॉ कॉलेज, वलसाड से कानून की डिग्री हासिल की थी.

धुलिया की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून और इलाहाबाद में हुई और वह सैनिक स्कूल, लखनऊ के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और कानून की पढ़ाई की है.

वह 1986 में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार में शामिल हुए और 2000 में इसके गठन पर उत्तराखंड में स्थानांतरित हो गए. वह उत्तराखंड हाईकोर्ट में पहले मुख्य स्थायी वकील थे और बाद में उत्तराखंड सरकार के लिए एक अतिरिक्त महाधिवक्ता थे.

साल 2004 में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित हुए, उन्हें नवंबर 2008 में उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और जनवरी 2021 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने.

सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत 34 न्यायाधीशों में वर्तमान में 32 न्यायाधीश हैं. जस्टिस विनीत सरन के 10 मई को सेवानिवृत्त होने और जस्टिस नागेश्वर राव के 7 जून को सेवानिवृत्त होने पर रिक्तियों की संख्या जल्द ही चार हो जाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)