इंदौर में भीषण आग से पति-पत्नी समेत सात लोगों की मौत, फायर ब्रिगेड पर देर से पहुंचने का आरोप

मध्य प्रदेश में इंदौर शहर के विजय नगर क्षेत्र में घनी आबादी वाली स्वर्ण बाग कॉलोनी की एक रिहायशी इमारत हुआ हादसा. रहवासियों का कहना है कि फायर ब्रिगेड को तीन-चार बार कॉल किए गए, इसके बावजूद फायर ब्रिगेड करीब एक घंटे बाद पहुंची.

Indore: Family members mourn after a fire broke out in a building, in Indore, Saturday, May 7, 2022. At least 7 people died in the mishap. (PTI Photo)(PTI05 07 2022 000035B)

मध्य प्रदेश में इंदौर शहर के विजय नगर क्षेत्र में घनी आबादी वाली स्वर्ण बाग कॉलोनी की एक रिहायशी इमारत हुआ हादसा. रहवासियों का कहना है कि फायर ब्रिगेड को तीन-चार बार कॉल किए गए, इसके बावजूद फायर ब्रिगेड करीब एक घंटे बाद पहुंची.

इंदौर में इमारत में आग लगी आग में अपनों को खोने वाले शोक संतप्त परिजन.(फोटो: पीटीआई)

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में घनी बसाहट वाले इलाके में तीन मंजिला रिहायशी इमारत में शनिवार तड़के भीषण आग लगने से एक दंपति समेत सात लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ अन्य व्यक्ति घायल हो गए. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अग्निकांड पर शोक जताया है और घटना की विस्तृत जांच के साथ ही इसमें मारे गए लोगों के शोकसंतप्त परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करने के आदेश दिए हैं.

उधर, चश्मदीदों का आरोप है कि विजय नगर क्षेत्र में तंग गलियों वाली स्वर्ण बाग कॉलोनी की एक रिहायशी इमारत में भीषण लपटों और गहरे काले धुएं से घिरे लोगों की मदद के लिए अग्निशमन दल (फायर ब्रिगेड) काफी देर से मौके पर पहुंचा.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, रहवासियों का कहना है कि फायर ब्रिगेड को तीन-चार बार कॉल किए गए, इसके बावजूद फायर ब्रिगेड करीब एक घंटे बाद पहुंची.

अग्निकांड वाली बिल्डिंग में रहने वाली एक महिला ने बताया कि आग का पता चला तो डायल 100 और फायर ब्रिगेड को तीन-चार बार कॉल किए. इसके बावजूद फायर ब्रिगेड करीब एक घंटे बाद पहुंची. विकराल रूप ले चुकी आग पर हम रहवासियों ने जैसे-तैसे काबू पाया. आग बुझी तो देखा लोगों की जलने से मौत हो गई थी. फायर ब्रिगेड समय पर आती तो शायद इनकी जान बच जाती.

मृतकों में ईश्वर सिंह सिसौदिया (45 वर्ष), नीतू सिसौदिया (45 वर्ष), आशीष (30 वर्ष), गौरव (38 वर्ष) और आकांक्षा अग्रवाल (25 वर्ष) शामिल हैं. दो मृतकों के नाम का पता नहीं चल पाए हैं.

मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट करके कहा, ‘इंदौर में आग लगने की घटना में (सात लोगों की) मौत की खबर अत्यंत हृदय विदारक है. मैंने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं. जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे.’

इस बीच, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) संपत उपाध्याय ने बताया कि रिहायशी इमारत के अग्निकांड में मारे गए सात लोगों में ईश्वर सिंह सिसोदिया और उनकी पत्नी नीतू सिसोदिया शामिल हैं. उन्होंने बताया कि यह दंपति इमारत के फ्लैट में किराये पर रहते थे, क्योंकि इसके सामने ही उनका मकान बन रहा था.

उपाध्याय ने बताया कि अग्निकांड में एक अन्य महिला की भी मौत हुई है, जिसकी पहचान आकांक्षा के रूप में हुई है. डीसीपी ने बताया कि इमारत की तीनों मंजिलों पर अलग-अलग फ्लैट बने हुए थे और अग्निकांड में हताहत लोग इनमें किराये पर रहते थे. उन्होंने बताया कि सभी हताहतों की उम्र 25 से 45 साल के बीच है.

डीसीपी ने बताया, ‘इमारत की निचली मंजिल का मुख्य दरवाजा और ऊपरी मंजिलों की ओर जाने वाली सीढ़ियां भीषण लपटों और गहरे धुएं से घिरी थीं, जबकि तीसरी मंजिल से छत को जाने वाला दरवाजा जलकर बेहद गर्म हो गया था. इससे घटना के दौरान ज्यादातर लोग इमारत में फंसे रह गए. हालांकि, कुछ लोगों ने अपने फ्लैट की बालकनी में आकर जान बचाई.’

अग्निकांड के बाद मौके पर जुटे चश्मदीदों में शामिल अक्षय सोलंकी ने बताया, ‘अग्निकांड के बाद इमारत से दो-तीन लाशें ऐसी निकाली गईं जो जलकर लगभग कंकाल में बदल गई थीं, जबकि कुछ अन्य लोगों का दम घुट चुका था. अग्निशमन दल ने मौके पर पहुंचने में काफी समय लगा दिया. अगर यह दल सही समय पर आता, तो इन लोगों की जान बच सकती थी.’

सोलंकी के मुताबिक, अग्निकांड के वक्त कुछ लोगों ने इमारत से कूद कर अपनी जान बचाई.

अग्निकांड के कुछ वीडियो सामने आए हैं जिनमें अग्निशमन दल के मौके पर पहुंचने से पहले, भीषण लपटों और गहरे काले धुएं से घिरी इमारत में बिजली के तारों से चिंगारी निकलती नजर आ रही है और चीख-पुकार के बीच इमारत के बाहर जुटे पड़ोसी बाल्टियों से पानी छिड़ककर आग बुझाने की नाकाम कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं.

विजय नगर पुलिस थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने माना कि स्वर्ण बाग कॉलोनी की तंग गलियों के कारण अग्निशमन दल को मौके पर पहुंचने में काफी परेशानी हुई. उन्होंने हालांकि कहा, ‘अग्निशमन दल ने रिहायशी इमारत में फंसे लोगों को बाहर निकाला और आग पर काबू पाया. इस दल के प्रयासों के कारण ही आग की लपटें पास की इमारतों तक नहीं पहुंच सकी.’

थाना प्रभारी ने चश्मदीदों के हवाले से बताया कि इमारत की निचली मंजिल में पार्किंग के पास लगे बिजली के मीटर में शॉर्ट सर्किट के कारण शनिवार तड़के तीन से चार बजे के बीच आग लगी. उन्होंने बताया, ‘आग की शुरुआत पार्किंग में खड़ी गाड़ियों से हुई और इसके बाद लपटें संकरी सीढ़ियों से होते हुए इमारत की ऊपरी मंजिल की ओर बढ़ने लगीं.’

उनके अनुसार, हादसे में जिन सात लोगों की मौत हुई है, उनमें से ज्यादातर की जान धुएं से दम घुटने के कारण गई. चश्मदीदों के अनुसार घनी बसाहट वाली स्वर्ण बाग कॉलोनी की रिहायशी इमारत में आग से बचाव के जरूरी इंतजाम नहीं थे.

इस बारे में पूछे जाने पर पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि इमारत के मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)