देर रात सुनवाई के बाद अदालत ने भाजपा नेता ​तेजिंदर बग्गा की गिरफ़्तारी पर 10 मई तक रोक लगाई

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने आधी रात से ठीक पहले अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर अपने आवास पर सुनवाई की थी. भड़काऊ भाषण के मामले में बग्गा को पंजाब पुलिस ने बीते छह मई को राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनके आवास से गिरफ़्तार किया था. पुलिस उन्हें अपने राज्य पंजाब ले जा र​ही थी, लेकिन बीच रास्ते यानी हरियाणा के कुरुक्षेत्र में उन्हें हरियाणा पुलिस ने रोक लिया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस बग्गा को वापस राजधानी लेकर आ गई थी.

तेजिंदर पाल सिंह बग्गा. (फोटो साभार: फेसबुक)

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने आधी रात से ठीक पहले अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर अपने आवास पर सुनवाई की थी. भड़काऊ भाषण के मामले में बग्गा को पंजाब पुलिस ने बीते छह मई को राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनके आवास से गिरफ़्तार किया था. पुलिस उन्हें अपने राज्य पंजाब ले जा र​ही थी, लेकिन बीच रास्ते यानी हरियाणा के कुरुक्षेत्र में उन्हें हरियाणा पुलिस ने रोक लिया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस बग्गा को वापस राजधानी लेकर आ गई थी.

तेजिंदर पाल सिंह बग्गा. (फोटो साभार: फेसबुक)

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शनिवार रात निर्देश दिया कि दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम न उठाया जाए. बग्गा ने मोहाली की एक अदालत द्वारा दिन में जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

पंजाब पुलिस द्वारा पिछले महीने उनके खिलाफ दर्ज एक मामले के संबंध में मोहाली की अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करने के कुछ घंटों बाद बग्गा ने इसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था.

जस्टिस अनूप चितकारा ने आधी रात से ठीक पहले अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर अपने आवास पर सुनवाई की. बग्गा के वकील चेतन मित्तल ने हाईकोर्ट के आदेश पर कहा, ‘10 मई तक कोई दंडात्मक कदम नहीं.’

हाईकोर्ट बग्गा की उस याचिका पर 10 मई को विचार करेगा, जिसमें पिछले महीने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की अपील की गई है.

उन्होंने कहा कि अदालत ने गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी है. मित्तल ने बताया कि सुनवाई करीब 45 मिनट तक चली.

बग्गा ने रविवार को अदालत को धन्यवाद दिया और कहा कि उसके फैसले से पता चलता है कि देश में कानून अभी भी काम करता है. उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को उन आरोपों पर रिपोर्ट मांगने के लिए भी धन्यवाद दिया कि उन्हें पंजाब पुलिस द्वारा उनके नई दिल्ली स्थित आवास से गिरफ्तार किए जाने के दौरान पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी थी. बग्गा ने कहा, ‘सिखों में, हम पगड़ी के बिना बाहर नहीं जा सकते.’

बग्गा को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान किए जाने के बाद उनके पिता प्रीतपाल सिंह बग्गा ने भी इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उनके बेटे से डरते हैं, क्योंकि वह उनके गलत कामों को उजागर कर रहा है. प्रीतपाल ने कहा, ‘उन्होंने (केजरीवाल) भी तेजिंदर को आप में शामिल होने के लिए मनाने की कोशिश की था, लेकिन वह शामिल नहीं हुआ था.’

इससे पहले शनिवार दिन में न्यायिक दंडाधिकारी रावतेश इंद्रजीत सिंह की अदालत ने पिछले महीने दर्ज एक मामले में बग्गा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.

पंजाब पुलिस ने भड़काऊ बयान देने, दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज किया था. मोहाली के निवासी आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सनी अहलूवालिया की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था.

एक अप्रैल को दर्ज एफआईआर में 30 मार्च की बग्गा की टिप्पणी का उल्लेख है, जो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भाजपा युवा मोर्चे के विरोध प्रदर्शन के दौरान की थी.

तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता की धारा 153-ए, 505 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था. बग्गा को पंजाब पुलिस ने बीते छह मई को राष्ट्रीय राजधानी के जनकपुरी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस उन्हें अपने राज्य पंजाब ले जाना चाहती थी, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सकी. बीच रास्ते यानी हरियाणा के कुरुक्षेत्र में उन्हें हरियाणा पुलिस ने रोक लिया था.

पंजाब पुलिस ने पंजाब और ​हरियाणा हाईकोर्ट में इसके खिलाफ अपील की थी, लेकिन उन्हें बग्गा को वापस हिरासत में लेने का मौका नहीं मिल सका. पूरे दिन चले इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद दिल्ली पुलिस बग्गा को वापस राष्ट्रीय राजधानी लेकर आ गई है. बग्गा छह मई को देर रात बग्गा जनकपुरी स्थित अपने घर पहुंच गए थे.

दिल्ली पुलिस ने बग्गा के पिता प्रीतपाल सिंह की शिकायत पर पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था. बग्गा को बाद में दिल्ली पुलिस द्वारा राष्ट्रीय राजधानी लाया गया, जिन्हें द्वारका अदालत के मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने से पहले चिकित्सा जांच के लिए डीडीयू अस्पताल ले जाया गया.

नाटकीय ढंग से हुई गिरफ्तारी और फिर रिहाई के एक दिन बाद शनिवार को बग्गा पर फिर से गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा था, क्योंकि मोहाली की एक अदालत ने उनके खिलाफ एक मामले में शनिवार को गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था. वारंट न्यायिक मजिस्ट्रेट रवतेश इन्द्रजीत सिंह की अदालत ने जारी किया था.

वहीं शनिवार दिन में पंजाब सरकार ने बग्गा की गिरफ्तारी के मामले में केंद्र को पक्ष बनाने और दिल्ली के जनकपुरी तथा हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के थानों की छह मई के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का अनुरोध करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दो अर्जियां दी थी.

पंजाब सरकार ने आरोप लगाया है कि बग्गा के खिलाफ मोहाली में पिछले महीने दर्ज एफआईआर के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची, राज्य पुलिस की टीम को जनकपुरी और कुरुक्षेत्र थानों में ‘बंधक’ बनाकर रखा गया.

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने शनिवार को कहा, ‘अदालत द्वारा नोटिस जारी कर जवाब मांगे जाने पर उन्होंने (पंजाब सरकार) दो आवेदन दिए हैं.’

पंजाब सरकार के वकील पुनीत बाली ने शनिवार को हाईकोर्ट के बाहर संवाददाताओं से कहा कि एफआईआर के संबंध में बग्गा को पांच बार नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा, ‘पंजाब पुलिस को एक आरोपी को गिरफ्तार करने का पूरा अधिकार है.’

मामले की सुनवाई 10 मई तक स्थगित कर दी गई.

भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी

वहीं दूसरी ओर इस घटनाक्रम को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा.

जनकपुरी स्थित अपने आवास लौटे बग्गा ने आप और ‘आप’ के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहने की प्रतिबद्धता फिर से दोहराई. उन्होंने उन पर पंजाब में पुलिस के माध्यम से राजनीतिक प्रतिशोध लेने का आरोप लगाया.

बग्गा ने कहा, ‘मेरे खिलाफ एक एफआईआर दर्ज हो या 100, मैं गुरुग्रंथ साहिब के अपमान और केजरीवाल द्वारा कश्मीरी पंड़ितों के अपमान का मुद्दा उठाता रहूंगा.’

उन्होंने कहा, ‘वे मेरे खिलाफ हमलावर हो रहे हैं, क्योंकि मैंने आप और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आवाज उठाई है.’

भाजपा ने बग्गा को पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की निंदा करते हुए शनिवार को केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और उन्हें ‘तानाशाह’ कहा.

दूसरी ओर ‘आप’ ने आरोप लगाया कि भाजपा और उसकी सरकारें अपने ‘गुंडे’ को बचा रही है जिसने पंजाब में दंगे भड़काए.

दिल्ली पुलिस ने कहा, ‘चिकित्सा जांच में उनके शरीर पर चोट के निशान पाए गए.’ एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘बग्गा ने अपनी सुरक्षा को लेकर डर जताया है. हम सुरक्षा के आवश्यक इंतजाम करेंगे.’

बग्गा ने दावा किया कि गिरफ्तारी के बाद जब उन्हें पंजाब ले जाया जा रहा था, पुलिस ने उन्हें गुरुग्रंथ साहिब के अपमान और ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म से जुड़े मुद्दे नहीं उठाने के लिए मनाने का प्रयास किया.

बग्गा ने दावा किया, ‘उन्होंने मुझे कहा कि जब मैं दिल्ली में रहता हूं तो दूसरे राज्यों के मामले में अपनी टांग क्यों अड़ा रहा हूं.’

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि बग्गा की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि केजरीवाल ने निजी फायदे के लिए पंजाब पुलिस का ‘दुरुपयोग’ किया है.

गुप्ता ने कहा, ‘केजरीवाल एक तानाशाह हैं. बग्गा का क्या अपराध था? उन्होंने बस ‘कश्मीर फाइल्स’ पर केजरीवाल की टिप्पणी को लेकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा था. गिरफ्तारी के दौरान उन्हें पगड़ी पहनने तक की इजाजत नहीं दी गई.’

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के दौरान बग्गा को ‘पगड़ी नहीं पहनने देने’ को लेकर राज्य सरकार से सात दिनों के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है.

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि पूरी भाजपा और उसकी सरकारें अपने उस ‘गुंडे’ को बचाने में लगी हुई है, जिसने पंजाब में भाईचारे के खिलाफ बात की और दंगा भड़काया.’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘पंजाब के भाईचारे के खिलाफ बोलने वाले और दंगा भड़काने वाले अपने एक गुंडे को बचाने के लिए पूरी भाजपा और इनकी सारी सरकारें लग गई हैं. ये लोग कभी गलती से भी शिक्षा स्वास्थ्य, महंगाई-बेरोजगारी की बात नहीं करते.’

शनिवार को किए गए एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था, ‘जिस गुंडे और दंगाई को पकड़ने के लिए कोर्ट ने सख्त शब्दों में वारंट जारी किया है, उसको गैरकानूनी तरीके से बचाने के लिए बीजेपी ने दो दिन से दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस की भी जमकर फजीहत करा रखी है.’

पंजाब के लिए सत्तारूढ़ आप के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने दावा किया कि बग्गा आदतन अपराधी हैं. उन्होंने आरोप लगाया, ‘ऐसे असामाजिक तत्वों को देश के कानून के अनुसार सजा मिलनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से देश की सरकार उनके समर्थन में सामने आ रही है.’

कंग ने कहा, ‘यह देश कानून, संविधान के अनुसार चलेगा, निरंकुश तरीके से नहीं.’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भाजपा नेता बग्गा की गिरफ्तारी के प्रकरण का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस द्वारा ‘राजनीतिक आकाओं’ की सेवा करना एक दिन देश में संघवाद के विफल होने का कारण बनेगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)