हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित राज्य विधानसभा परिसर के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे लगाने और इसकी दीवारों पर आपत्तिजनक नारे लिखे जाने के मामले में ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के ख़िलाफ़ ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) समेत अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय एसआईटी का गठन भी कर दिया गया है.
शिमला/नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित राज्य विधानसभा परिसर के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे लटके पाए जाने और इसकी दीवारों पर कुछ आपत्तिजनक नारे लिखे जाने के मामले में पुलिस ने रविवार को ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) समेत अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया.
विधानसभा परिसर के मुख्य गेट नंबर एक की बाहरी तरफ ये झंडे लटके मिले, जिन्हें प्रशासन ने हटा दिया है. हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र अमूमन धर्मशाला में आयोजित होता है.
पुलिस अधीक्षक कांगड़ा खुशाल शर्मा ने बताया, ‘यह घटना (8 मई की) देर रात या सुबह सुबह हुई होगी. हमने विधानसभा गेट से खालिस्तानी झंडे हटा दिए हैं. हम जांच कर रहे हैं.’
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और पड़ोसी राज्यों में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों और कथित तौर पर छह जून को खालिस्तान ‘जनमत संग्रह दिवस’ घोषित किए जाने की खबरों के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक ने सीमाओं को ‘सील’ करने के साथ ही राज्यभर के संवेदनशील एवं भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने का आदेश दिया है.
हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि पन्नू के खिलाफ बतौर मुख्य आरोपी यूएपीए की धारा 13 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए और 153बी के अलावा हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक स्थान (विरूपण रोकथाम) अधिनियम, 1985 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
यूएपीए की धारा 13 आतंकी कृत्यों को उकसाने के अपराध से संबंधित है, जबकि आईपीसी की धारा 153ए और 153बी सांप्रदायिक या सांप्रदायिक विभाजन और दुश्मनी को बढ़ावा देने के अपराधों से संबंधित है.
कुंडू ने एक बयान में कहा कि कांगड़ा जिले की धर्मशाला तहसील के अंतर्गत कानेद गांव के राम चंद उर्फ अजय कुमार की शिकायत पर पन्नू और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
डीजीपी ने धर्मशाला में हिमाचल विधानसभा परिसर तपोवन के मुख्य द्वार के पास बाहरी दीवारों पर खालिस्तान के झंडे लगे और खालिस्तान समर्थक नारे लिखे पाए जाने से जुड़े मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है.
डीजीपी ने एक बयान में कहा कि एसआईटी के सदस्यों में कांगड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुनीत रघु, ज्वालाजी के उप-मंडल पुलिस अधिकारी चंदर पॉल, मंडी के उप-एसपी (सीआईडी) सुशांत शर्मा, जवाली एसडीपीओ सिद्धार्थ शर्मा के अलावा धर्मशाला थाने के एसएचओ और योल पुलिस चौकी इंचार्ज शामिल हैं.
हिमाचल प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने कहा कि एसआईटी को मामले की जांच तुरंत करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक पेशेवर और निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया गया है.
उन्होंने कहा कि एसआईटी को राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से संपर्क करने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का पता लगाया जा सके.
कुंडू ने राज्य की सीमा को सील करने और हिमाचल प्रदेश में भीड़भाड़ वाले और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा कड़ी करने का भी आदेश दिया है.
घटना की निंदा करते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं रात के अंधेरे में धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर खालिस्तान के झंडे फहराने की कायराना घटना की निंदा करता हूं. वहां केवल विधानसभा का शीतकालीन सत्र होता है,और इसलिए उस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता होती है.’
ठाकुर ने आगे कहा, ‘इसका फायदा उठाकर कायराना घटना को अंजाम दिया गया, लेकिन सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. अपराधी जहां भी होंगे, जल्द ही पकड़े जाएंगे. इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’
एनडीटीवी ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला से बताया है कि बीते 26 अप्रैल को एक खुफिया अलर्ट जारी किया गया था जिसमें दावा किया गया था कि प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने मुख्यमंत्री को ऐसी घटना की चेतावनी दी थी.
रिपोर्ट के अनुसार, सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि शिमला में भिंडरावाले और खालिस्तान का झंडा फहराया जाएगा.
हिमाचल प्रदेश ने भिंडरावाले और खालिस्तानी झंडे ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसका सिख फॉर जस्टिस विरोध कर रहा था. संगठन ने घोषणा की थी कि वह 29 मार्च को खालिस्तानी झंडा फहराएगा, लेकिन भारी सुरक्षा के कारण ऐसा नहीं कर सका.
आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे मिलने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विफल रही है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने इस घटना को एक बड़ी सुरक्षा विफलता करार देते हुए मांग की कि या तो हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तुरंत इस्तीफा दें अथवा केंद्र सरकार प्रदेश में उनकी सरकार को तत्काल बर्खास्त करे.
आप ने कहा कि या तो केंद्र और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकारें पूरी तरह से अक्षम हैं या भाजपा के नेता खालिस्तानियों के साथ हाथ मिला चुके हैं.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘पूरी भाजपा एक गुंडे को बचाने में लगी है और उधर खालिस्तानी झंडे लगाकर चले गए. जो सरकार विधानसभा न बचा पाए, वह जनता को कैसे बचाएगी. यह हिमाचल की आबरू का मामला है, देश की सुरक्षा का मामला है. भाजपा सरकार पूरी तरह विफल हो गई है.’
बेहद कड़ी सुरक्षा वाले हिमाचल विधासभा भवन पर ख़ालिस्तानी झंडा सुरक्षा की बहुत बड़ी नाकामी है.
हिमाचल के मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफ़ा देना चाहिए या फिर केंद्र सरकार को तुरंत जयराम ठाकुर सरकार को बर्खास्त करना चाहिए.
— Manish Sisodia (@msisodia) May 8, 2022
सिसोदिया भाजपा की दिल्ली इकाई के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के लिए संभवत: ऐसा कह रहे थे, जिन्हें शुक्रवार को पंजाब पुलिस के एक दल ने मोहाली में दर्ज एक मामले में उनके दिल्ली स्थित आवास से गिरफ्तार किया था.
सिसोदिया ने कहा कि धर्मशाला में हिमाचल विधानसभा भवन के गेट के बाहर खालिस्तान के झंडे लगे होना, राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों से निपटने और राज्य के लोगों के सम्मान को बनाए रखने में भाजपा सरकार के पूर्ण रूप से विफल होने का प्रमाण है.
वहीं, भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि आप खालिस्तानी एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में आप की गतिविधियां बढ़ने के साथ ही खालिस्तानी गतिविधियों में भी इजाफा हो रहा है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि विधानसभा परिसर के प्रवेश द्वार पर खालिस्तानी झंडा लटकाया जाना एक बड़ी सुरक्षा विफलता है और इसके लिए या तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस्तीफा दें या केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश में उनकी सरकार को बर्खास्त करे.
सिसोदिया ने कहा, ‘बेहद कड़ी सुरक्षा वाले हिमाचल विधासभा भवन पर खालिस्तानी झंडा सुरक्षा के लिहाज से बहुत बड़ी नाकामी है. हिमाचल के मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफ़ा देना चाहिए या फिर केंद्र सरकार को तुरंत जयराम ठाकुर सरकार को बर्खास्त करना चाहिए.’
आप ने ट्वीट किया, ‘भाजपा को शर्म आनी चाहिए. हिमाचल और केंद्र में उसकी सरकार है. फिर भी कोई विधानसभा पर खालिस्तानी झंडा लगाकर चला जाता है, जिसका अर्थ है कि या तो वे (भाजपा) सरकार पूरी तरह से अक्षम हैं या वे खालिस्तानियों के साथ हाथ मिला चुके हैं.’
BJP को शर्म आनी चाहिए!
▪️Himachal में उनकी सरकार
▪️केंद्र में उनकी सरकारफिर भी कोई विधान सभा में Khalistani झंडे लगा कर चला जाए, मतलब या तो ये पूरी तरह अक्षम हैं या ये ख़ालिस्तानीयों से मिले हुए हैं
BJP को अपने गुंडों को बचाने से फुर्सत मिले, तब तो वो लोगों की सुरक्षा की सोचे https://t.co/Hudf3pCwsW
— AAP (@AamAadmiParty) May 8, 2022
एक अन्य ट्वीट में पार्टी की ओर से कहा गया, ‘पूरी बीजेपी एक गुंडे को बचाने में लगी हुई है, वहां हिमाचल में खालिस्तनियों ने अपना झंडा लगा दिया. जो भाजपा अपनी विधानसभा की सुरक्षा नहीं कर सकती वो देश और हिमाचल की जनता की सुरक्षा क्या करेगी? भाजपा को एक मिनट भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं.’
पूरी BJP एक गुंडे को बचाने में लगी हुई है, वहां Himachal में ख़ालिस्तनियों ने अपना झंडा लगा दिया।
जो BJP अपनी विधानसभा की सुरक्षा नहीं कर सकती वो देश और हिमाचल की जनता की सुरक्षा क्या करेगी? BJP को 1 मिनट भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं।
–@SanjayAzadSln pic.twitter.com/hUXFGMWL8b
— AAP (@AamAadmiParty) May 8, 2022
आम आदमी पार्टी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए आदेश गुप्ता ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘पंजाब चुनाव से पहले भी केजरीवाल खालिस्तानी प्रमुख के साथ उसके घर पर खाना खा रहे थे. अब, जब हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने हैं, तो राज्य को बदनाम करने के लिए राज्य विधानसभा के बाहर खालिस्तानी झंडा लगाया गया.’
गौरतलब है कि भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी हरप्रीत सिंह बेदी के कुछ वर्ष पहले किए गए ट्वीट को लेकर अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर खुलकर खालिस्तान का समर्थन करने का आरोप लगाया था.
इसे लेकर आप को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था. इसके बाद आप ने बेदी को पार्टी के सभी पदों से निष्कासित कर दिया था. हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है जिसके चलते राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)