यूपी पुलिस की पूछताछ के दौरान वृद्धा की संदिग्ध स्थितियों में मौत, परिजनों का मारपीट का आरोप

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद ज़िले के पचोखरा क्षेत्र में कथित रूप से पुलिस द्वारा ज़ोर से धक्का दिए जाने से गिरी एक 60 वर्षीय वृद्ध महिला की मौत हो गई है. इसी तरह की एक घटना चंदौली ज़िले में बीते एक मई को हुई थी, जहां एक पुलिस दल ने छापेमारी के दौरान एक रेत व्यापारी की दो बेटियों के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी, जिसमें एक की मौत हो गई थी.

(फोटो साभार: Youth For Human Rights Documentation)

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद ज़िले के पचोखरा क्षेत्र में कथित रूप से पुलिस द्वारा ज़ोर से धक्का दिए जाने से गिरी एक 60 वर्षीय वृद्ध महिला की मौत हो गई है. इसी तरह की एक घटना चंदौली ज़िले में बीते एक मई को हुई थी, जहां एक पुलिस दल ने छापेमारी के दौरान एक रेत व्यापारी की दो बेटियों के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी, जिसमें एक की मौत हो गई थी.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

फिरोजाबाद/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के पचोखरा क्षेत्र में कथित रूप से पुलिस द्वारा हिंसात्मक रूप से धक्का दिए जाने से गिरी एक वृद्ध महिला की मौत का मामला सामने आया है.

एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश में छापेमारी के दौरान पुलिस द्वारा कथित रूप से परिजनों से मारपीट करने की दो घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें क्रमश: दो महिलाओं की मौत हुई है. पहली घटना चंदौली जिले में हुई थी.

फिरोजाबाद पुलिस अधीक्षक (नगर) मुकेश चंद्र मिश्रा ने रविवार को बताया कि पचोखरा थाना क्षेत्र के इमलिया निवासी फौरन सिंह के घर शनिवार शाम पुलिस का दस्ता गया था.

उन्होंने बताया कि सिंह के चार बेटे पिछले महीने अपने रिश्तेदारों से मारपीट के आरोप में जेल गए थे और शनिवार (सात मई) शाम को ही जेल से छूटकर आए थे. पुलिस का दस्ता उनसे पूछताछ करने गया था.

मिश्रा ने बताया कि फौरन सिंह के परिजन का आरोप है कि पूछताछ के दौरान पुलिसकर्मियों और सिंह के परिजन के बीच विवाद हो गया.

उन्होंने बताया कि आरोप है कि पुलिस ने सिंह की पत्नी राधा देवी (60 वर्ष) को धक्का दे दिया, जिससे वह जमीन पर गिर पड़ीं और कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई.

मिश्रा ने बताया कि परिजन ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा.

उन्होंने बताया कि मृत वृद्ध महिला के शव का डॉक्टरों के एक पैनल के जरिये पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है. मिश्रा ने बताया कि पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है. पीड़ित परिवार के जो भी आरोप हैं, उनकी गहराई से जांच की जा रही है.

परिजनों ने यह भी बताया कि राधा देवी की मौत से व्यथित उसके पति फौरन सिंह की भी रविवार सुबह हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने कहा, ‘पूरी घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’

पुलिस ने कहा कि चार भाइयों को पिछले महीने किसी विवाद को लेकर अपने रिश्तेदारों पर हमला करने के बाद जेल में डाल दिया गया था.

मालूम हो कि इससे पहले बीते एक मई को उत्तर प्रदेश में चंदौली जिले के सैयदराजा क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवती की मौत हो गई थी. इस मामले में निलंबित थानाध्यक्ष समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.

सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव में पुलिस का एक दल एक बालू कारोबारी कन्हैया यादव को पकड़ने के लिए उसके घर पहुंचा था. यादव के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हुआ था.

पीड़ित परिवार का आरोप है कि इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने कारोबारी की 24 साल की बेटी से बलात्कार किया तथा मारपीट और ज़ोर-जबर्दस्ती के कारण उसकी मौत हो गई.

ललितपुर में कथित रूप से थाने महिला को निर्वस्त्र कर बेल्ट से पीटने का मामला सामने आया

इस बीच उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के एक थाने में एक महिला को कथित रूप से निर्वस्त्र करके बेल्ट से बुरी तरह पीटने का मामला सामने आया है. मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग राज्य सरकार और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजा है.

मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि महरौली थाने के पुलिसकर्मी द्वारा उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में एक महिला को निर्वस्त्र करके उसे बेल्ट से पीटने और क्रूरता से प्रताड़ित करने संबंधी मीडिया पर आयी खबरों पर’ आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है.

बयान में कहा गया है, ‘खबरों के अनुसार, महिला एक पुलिस अधिकारी के घर घरेलू सहायिका का काम करती थी.’

आयोग ने कहा है कि पुलिस अधिकारी और उनके परिवार ने न सिर्फ ‘अपने पद का दुरुपयोग’ किया है, बल्कि पीड़िता को क्रूरता से मारा-पीटा भी है.

आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार, मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी करके चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है, जिसमें जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई और अधिकारियों द्वारा पीड़ित को दी गई कोई राहत शामिल है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आयोग ने कहा है कि मीडिया रिपोर्टों की सामग्री, यदि सही है, तो पीड़ित के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है.

6 मई को सामने आई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधिकारी की पत्नी ने 2 मई की शाम को पीड़िता को उसके घर में बंद कर दिया था. इसके बाद उसका पति, एक पुलिस अधिकारी, एक महिला निरीक्षक के साथ आया और उससे घर में चोरी के बारे में पूछताछ करने लगा.

बयान में कहा गया है कि उसकी बेरहमी से पिटाई करने के अलावा, उसे आरोपों को स्वीकार करने के लिए मजबूर करने के लिए उसे पानी की बौछार और बिजली के झटके भी दिए गए.

बाद में यह महसूस करते हुए कि मामला विवाद में बदल सकता है, उसे महरौली पुलिस स्टेशन बुलाया गया, जहां पुलिसकर्मियों ने मामले को उसके पति के साथ विवाद के रूप में पेश करने की कोशिश की और शांति भंग करने के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की.

मालूम हो कि कुछ दिन पहले ललितपुर जिले में ही सामूहिक बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने आई 13 साल की किशोरी के साथ थानाध्यक्ष द्वारा कथित रूप से बलात्कार किए जाने का मामला सामने आया था.

इस मामले में आरोपी पुलिस अफसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ थाने के अन्य सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था.

लड़की की मां का आरोप है कि 22 अप्रैल को चार लोग उनकी बेटी को भोपाल ले गए थे, जहां उन्होंने पांच दिनों तक उसके साथ बलात्कार किया और बाद में उसे पाली थाने के बाहर छोड़कर भाग गए. लड़की जब 27 अप्रैल को मुकदमा दर्ज कराने थाने गई तो थानाध्यक्ष ने भी उसके साथ बलात्कार किया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)