विमानन कंपनी इंडिगो द्वारा रांची हवाईअड्डे पर एक विशेष तौर पर सक्षम बच्चे को विमान में सवार होने से रोका गया था. इंडिगो का कहना कि बच्चा अपने परिवार के साथ उड़ान में सवार नहीं हो सका क्योंकि वह घबराया हुआ था. कर्मचारियों ने आख़िरी समय तक उसके संयमित होने का इंतज़ार किया पर कोई लाभ नहीं हुआ.
नई दिल्ली: विमानन कंपनी इंडिगो द्वारा रांची हवाईअड्डे पर एक विशेष तौर पर सक्षम बच्चे को विमान में सवार होने से रोके जाने के एक दिन बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि ऐसे बर्ताव को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और किसी भी इंसान को ऐसी स्थिति से गुजरना नहीं पड़े. सिंधिया ने साथ ही कहा कि वह खुद घटना की जांच कर रहे हैं.
इंडिगो ने विशेष तौर पर सक्षम बच्चे को रांची हवाई अड्डे पर विमान में सवार होने से रोक दिया क्योंकि वह ‘घबराया’ हुआ था. चूंकि लड़के को शनिवार को एयरलाइन की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया था, उसके माता-पिता ने भी उड़ान में सवार नहीं होने का फैसला किया.
अन्य यात्रियों ने रविवार को सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर पोस्ट किया, जिसके बाद शनिवार की यह घटना सामने आई.
इस घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए सिंधिया ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘ऐसे बर्ताव को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. किसी भी इंसान को ऐसी स्थिति से नहीं गुजरना पड़े. खुद मामले की जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.’
There is zero tolerance towards such behaviour. No human being should have to go through this! Investigating the matter by myself, post which appropriate action will be taken. https://t.co/GJkeQcQ9iW
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) May 9, 2022
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) प्रमुख अरुण कुमार ने सोमवार को कहा कि नियामक ने इस मामले पर इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने बताया कि डीजीसीए इस घटना की जांच कर रहा है और वह उचित कार्रवाई करेगा.
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि डीजीसीए ने विशेष तौर पर सक्षम बच्चे को रांची हवाई अड्डे पर हैदराबाद जाने वाले इंडिगो विमान में सवार होने से रोके जाने के मामले में तीन सदस्यीय ‘तथ्यान्वेषण’ टीम का गठन किया है।
नागिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक बयान में कहा, ‘वे रांची और हैदराबाद जाकर आज से एक सप्ताह के अंदर पर्याप्त साक्ष्य एकत्रित करेंगे। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। ‘
डीजीसीए ने कहा कि उसे शनिवार रात हुई घटना के संबंध में इंडिगो की ओर से एक रिपोर्ट मिली है। महानिदेशालय ने कहा कि इस रिपोर्ट में वर्णित तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए तथ्यान्वेषण का निर्णय लिया गया है, जिसके लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है।
गौरतलब है कि मनीषा गुप्ता नाम की एक यात्री ने लिंक्डइन पर इस घटना की विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि शनिवार को रांची हवाईअड्डे पर एक विशेष तौर पर सक्षम बच्चे को काफी असुविधा हुई.
मनीषा ने कहा, ‘हवाईअड्डे तक की यात्रा से हुई थकावट और फिर सुरक्षा जांच के तनाव से वह भूखा, प्यासा, बेचैन और भ्रमित हो गया था. उसके माता-पिता जाहिर तौर पर जानते थे कि उसे कैसे संभालना है – धैये के साथ, गले लगाकर.’
मनीषा ने आगे बताया कि जब तक विमान में सवार होने की प्रक्रिया शुरू हुई तब तक बच्चे को खाना खिला दिया गया और उसकी दवाएं दे दी गई.
उन्होंने कहा, ‘फिर हमने क्रूर ताकत का पूरा प्रदर्शन देखा. इंडिगो कर्मियों ने घोषणा की कि बच्चे को विमान में सवार होने नहीं दिया जाएगा क्योंकि उससे अन्य यात्रियों को खतरा है. इंडिगो के स्टाफ ने भी कुछ ऐसी बात कही कि ‘इस तरह के बर्ताव करने वाले और नशा किए मुसाफिर यात्रा करने के योग्य नहीं होते.’
उन्होंने कहा कि अन्य यात्रियों ने दृढ़ता से इसका विरोध किया और उन्होंने मांग की कि बच्चे और उसके माता-पिता को जल्द से जल्द विमान में सवार होने दिया जाए.
उन्होंने कहा कि कई यात्रियों ने इंडिगो के फैसले को नियम पुस्तिका में लिखे बयानों के आधार पर चुनौती दी.
यात्री ने कहा, ‘उन्होंने अपने मोबाइल फोन पर उच्चतम न्यायालय के फैसलों पर समाचार लेख और ट्विटर पोस्ट दिखाए कि कोई भी एयरलाइन विशेष रूप से सक्षम यात्रियों के खिलाफ भेदभाव नहीं कर सकती. चिकित्सकों का एक दल भी इसी विमान में सवार था. उन्होंने बच्चे तथा उसके माता-पिता को बीच रास्ते में कोई दिक्कत होने पर पूरी सहायता देने की पेशकश की.’
उन्होंने आगे बताया कि इस पर भी इंडिगो कर्मियों ने बच्चे को विमान में सवार होने से रोकने का अपना निर्णय नहीं बदला.
इंडिगो के सीईओ ने घटना पर खेद जताया, बच्चे को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर देने की पेशकश दी
इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रोनोजॉय दत्ता ने सोमवार को इस घटना पर खेद जताया है.
दत्ता ने विशेष तौर पर सक्षम बच्चे की देखभाल करने में उसके अभिभावकों के समर्पण के प्रति ‘कृतज्ञता व्यक्त करते हुए’ बच्चे के लिए एक इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर खरीदने की भी पेशकश की।
सोमवार को जारी एक बयान में दत्ता ने कहा, ‘इस घटना के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के बाद हमारा एक संस्था के तौर पर मानना है कि हमने मुश्किल परिस्थितियों में सबसे बेहतर निर्णय लिया।’
उन्होंने कहा कि ‘चेक-इन’ और ‘बोर्डिंग’ की प्रक्रिया के दौरान उनका इरादा परिवार को ले जाने का था, हालांकि बोर्डिंग क्षेत्र में किशोर घबराया हुआ दिख रहा था।
सीईओ ने कहा कि अपने यात्रियों को शालीन एवं करुणामयी सेवा उपलब्ध कराना हमारे लिए सर्वोपरि है लेकिन हवाईअड्डे के कर्मियों को सुरक्षा दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए एक मुश्किल फैसला लेने पर विवश होना पड़ा ताकि आगे उड़ान में कोई दिक्कत न आए।
उन्होंने कहा, ‘हम भलीभांति यह जानते हैं कि विशेष तौर पर सक्षम लोगों की देखभाल में अपनी जिंदगी समर्पित करने वाले अभिभावक हमारे समाज के सच्चे नायक हैं। हम इस दुखद अनुभव के लिए प्रभावित परिवार के प्रति खेद व्यक्त करते हैं और जीवनभर के उनके समर्पण के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए हम उनके बेटे के लिए ‘इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर’ खरीदने की पेशकश करना चाहते हैं।’
दत्ता ने कहा कि अप्रैल 2022 से लेकर अब तक हमारी एअरलाइन से 75,000 विशेष तौर पर सक्षम यात्रियों ने सफर किया है और हमारे चालक दल के सदस्य तथा हवाईअड्डे के कर्मी ऐसे यात्रियों की संवदेनशीलता के साथ सेवा करने के लिए प्रशिक्षित हैं।
भारतीय उड्डयन नियामक डीजीसीए के 2017 के नियमों में कहा गया है कि अशांत और बाधा करने की आशंका वाले यात्रियों पर सावधानीपूर्वक नजर रखी जाए और अगर उनसे उड़ान, साथी यात्रियों या कर्मचारियों की सुरक्षा को खतरा लगे तो उन्हें यात्रा करने न दी जाए।
इस बीच, शीर्ष बाल अधिकार संस्था एनसीपीसीआर ने इस घटना पर सोमवार को संज्ञान लिया और कहा कि उचित कार्रवाई की जाएगी.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट किया, ‘रांची हवाईअड्डे पर इंडिगो कर्मियों द्वारा एक विशेष तौर पर सक्षम बच्चे के साथ दुर्व्यवहार की घटना सामने आई है. उचित कार्रवाई के लिए मामले पर संज्ञान लिया गया है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)