यूक्रेन के लुहान्स्क प्रांत के गवर्नर ने बताया कि इस स्कूल में बने तहखाने में क़रीब 90 लोगों ने शरण ले रखी थी. आपात सेवा कर्मचारियों को दो शव बरामद हुए हैं और 30 लोगों को उन्होंने वहां से निकाला है, लेकिन मलबे में दबे अन्य 60 लोगों के मारे जाने की आशंका है.
जापोरिज्जिया: यूक्रेन में एक स्कूल पर बमबारी में 60 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है. यूक्रेन के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
इससे पहले रूस ने रविवार को दक्षिणी यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल पर पूरी तरह से कब्जा करने की कोशिश की थी. समुद्र तट पर स्थित विशाल इस्पात मिल, शहर का एकमात्र हिस्सा है जो रूसी नियंत्रण में नहीं है. यहां करीब 2,000 यूक्रेनी लड़ाके हैं.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह शनिवार (सात मई) को बिलोहोरिवका के पूर्वी गांव में कथित रूप से एक स्कूल पर हुई बमबारी से स्तब्ध हैं और यह इस बात को दर्शाता है कि युद्ध में सबसे अधिक कीमत नागरिक ही चुकाते हैं.
लुहान्स्क प्रांत के गवर्नर ऐर्हिए हैदी ने ‘टेलीग्राम ऐप’ पर बताया कि इस स्कूल में बने तहखाने में करीब 90 लोगों ने शरण ले रखी थी. आपात सेवा कर्मचारियों को दो शव बरामद हुए हैं और 30 लोगों को उन्होंने वहां से निकाला है, लेकिन मलबे में दबे अन्य 60 लोगों के मारे जाने की आशंका है.
उन्होंने बताया कि प्राइविलिया में रूसी गोलाबारी में भी 11 और 14 वर्ष के दो लड़के मारे गए. लुहान्स्क, औद्योगिक केंद्र डोनबास का हिस्सा है, जिस पर रूस कब्जा करने की कोशिश कर रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने रूसी सेना पर युद्ध में नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है, जिससे मास्को ने इनकार किया है.
मारियुपोल में विशाल अज़ोवस्टल स्टील प्लांट में छिपे हुए आज़ोव रेजिमेंट के डिप्टी कमांडर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से घायल सैनिकों को निकालने में मदद करने का अनुरोध किया है.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि रविवार को मारियुपोल क्षेत्र से 170 से अधिक नागरिकों को निकाला गया, जिससे एक सप्ताह के बचाव अभियान के दौरान कुल 600 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.
रूस नौ मई, द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर तत्कालीन सोवियत संघ की जीत को ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाता है और उसने इस साल इसे मनाने की पूरी तैयारी की है.
बीबीसी के मुताबिक, दूसरे विश्व युद्ध में 2.7 करोड़ सोवियत नागरिक मारे गए थे, जो किसी भी देश में होने वाली सबसे अधिक जनहानि थी. रूसी इस युद्ध को ग्रेट पेट्रिऑटिक वॉर के रूप में याद करते हैं.
इस बीच, पश्चिम देशों के नेताओं और मशहूर हस्तियों के एक समूह ने एकजुटता व्यक्त करने के लिए यूक्रेन का औचक दौरा किया.
अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने यूक्रेन की अपनी समकक्ष से मुलाकात की. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कीव में अपने दूतावास में अपने देश का झंडा फहराया.
बैंड ‘यू2’ के गायक बोनो ने संगीतकार द एज़ के साथ कीव मेट्रो स्टेशन में एक प्रस्तुति दी, जहां बमबारी से बचने के लिए लोगों ने शरण ले रखी है. उन्होंने 1960 के दशक का गीत ‘स्टैंड बाय मी’ गाया.
यूक्रेन में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत क्रिस्टीना केविएन ने अमेरिकी दूतावास की अपनी एक तस्वीर साझा की और अमेरिका के यूक्रेन की राजधानी कीव में अपनी सेवाएं बहाल करने की योजना के बारे में जानकारी दी.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अन्य ने हाल के दिनों में आगाह किया था कि रूसी हमले ‘विजय दिवस’ के उपलक्ष्य में और बढ़ सकते हैं. इसके मद्देनजर कुछ शहरों में कर्फ्यू की घोषणा की गई है या लोगों को सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होने के खिलाफ भी आगाह किया गया है.
ऐसा कहा जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘विजय दिवस’ पर रेड स्क्वायर पर अपने सैनिकों को संबोधित करते हुए यूक्रेन में किसी तरह की बड़ी उपलब्धी की घोषणा करना चाहते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)