दिल्ली: प्रदर्शन के बाद शाहीन बाग से कार्रवाई किए बिना लौटा अतिक्रमण-रोधी दस्ता

दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता आदेश गुप्ता ने भाजपा शासित एसडीएमसी के महापौर को 20 अप्रैल को पत्र लिख कर ‘रोहिंग्या, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों’ द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद एसडीएमसी के इलाकों में अतिक्रमण-रोधी अभियान चलाने का फैसला किया गया था. अभियान के ख़िलाफ़ माकपा द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका पर विचार नहीं कर सकते, हाईकोर्ट जाएं.

New Delhi: Locals stage a protest during an anti-encroachment drive by Municipal Corporation of Delhi (MCD), at Shaheen Bagh area in New Delhi, Monday, May 9, 2022. (PTI Photo/Arun Sharma)(PTI05 09 2022 000063B)

दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता आदेश गुप्ता ने भाजपा शासित एसडीएमसी के महापौर को 20 अप्रैल को पत्र लिख कर ‘रोहिंग्या, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों’ द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद एसडीएमसी के इलाकों में अतिक्रमण-रोधी अभियान चलाने का फैसला किया गया था. अभियान के ख़िलाफ़ माकपा द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका पर विचार नहीं कर सकते, हाईकोर्ट जाएं.

सोमवार को दिल्ली के शाहीन बाग में अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन​ किया. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: अतिक्रमण-रोधी अभियान को अंजाम देने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अधिकारियों के भारी पुलिस बल और बुलडोजर के साथ सोमवार को शाहीन बाग इलाके में पहुंचते ही महिलाओं सहित सैकड़ों स्थानीय लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया.

एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन के बाद एसडीएमसी के अधिकारी कोई कार्रवाई किए बिना ही बुलडोजर के साथ लौट गए.

प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित एसडीएमसी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कार्रवाई रोकने की मांग की. कुछ महिलाएं बुलडोजर के सामने आकर खड़ी हो गईं.

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने यहां शाहीन बाग में अतिक्रमण-रोधी अभियान के खिलाफ सोमवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह मामले में किसी राजनीतिक दल के कहने पर हस्तक्षेप नहीं कर सकता.

जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने पार्टी से इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से संपर्क करने को कहा.

पीठ ने कहा, ‘माकपा क्यों याचिका दायर कर रही है? किस मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है? राजनीतिक दलों के कहने पर नहीं. यह मंच नहीं है. आप हाईकोर्ट जाएं.’

शुरुआत में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीवी सुरेंद्रनाथ ने कहा कि याचिका जनहित में दायर की गई है और इस मामले में पार्टी का कोई हित नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि दूसरा याचिकाकर्ता फेरीवालों का एक संगठन है और उन्हें बिना किसी सूचना के हटाया जा रहा है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर फेरीवाले अतिक्रमण कर रहे हैं तो उन्हें हटाया जाएगा और अधिकारियों ने यदि कानून का कोई उल्लंघन किया है तो याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जा सकते हैं.

इससे पहले दिन में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के नेता भी मौके पर पहुंचे और कार्रवाई के खिलाफ धरना दिया. ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान भी विरोध में शामिल हुए थे.

खान ने द वायर को बताया, ‘वे इसे राजनीतिक बना रहे हैं, इसे हिंदू-मुस्लिम बना रहे हैं. भाजपा के पास एमसीडी चुनावों के लिए कोई मंच नहीं है, इसलिए उन्होंने जहांगीरपुरी से शुरुआत की और अब वे यहां हैं.’

खान ने यह भी दावा किया कि इलाके में कोई भी अवैध ढांचा नहीं है, क्योंकि उन्हें पहले ही उनके कहने पर हटा दिया गया था.

विरोध-प्रदर्शन के कारण शाहीन बाग, कालिंदी कुंज, जैतपुर, सरिता विहार और मथुरा रोड सहित अन्य क्षेत्रों में भारी जाम लग गया.

एसडीएमसी के मध्य जोन के अध्यक्ष राजपाल सिंह ने बताया कि प्रदर्शन की वजह से अवैध ढांचों को नहीं हटाया जा सका.

एसडीएमसी के तहत मध्य जोन में आने वाला शाहीन बाग दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन और धरने का प्रमुख केंद्र था. शहर में कोविड-19 महामारी फैलने के बाद मार्च 2020 में यहां धरना प्रदर्शन बंद किया गया था.

इससे पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने पिछले महीने जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया था, जिसकी व्यापक आलोचना हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को सांप्रदायिक हिंसा हुई थी.

सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाना उनका दायित्व है, जिसे वे पूरा कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित हैं.

क्षेत्र में अतिक्रमण-रोधी अभियान के दौरान एसडीएमसी अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी जवानों के साथ मौके पर मौजूद थे.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अतिक्रमण रोधी अभियान जहां चलाया जा रहा है, वहां पुलिस बल तैनात किया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित नगर निकाय बिना किसी परेशानी के और पूरी सुरक्षा के साथ अपना काम कर सके.’

अधिकारियों ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिये अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया था.

एसडीएमसी के अधिकारियों के बुलडोजर के साथ शाहीन बाग पहुंचते ही कुछ स्थानीय लोगों ने अपने ‘अवैध निर्माण’ को हटाना शुरू कर दिया.

शाहीन बाग में कालिंदी कुंज मुख्य मार्ग के दुकानदार अकबर (40) ने कहा, ‘बुलडोजर सुबह 11:30 बजे इलाके में पहुंचे थे, लेकिन यहां कोई अतिक्रमण नहीं होने के कारण वे लौट गए. लोगों से कहा गया था और उन्होंने अवैध खोखे हटा दिए थे. वहां हटाने के लिए कुछ नहीं था. बुलडोजर कोई भी कार्रवाई किए बिना ही लौट गए.’

शाहीन बाग में अतिक्रमण रोधी अभियान का विरोध कर रहे कांग्रेस की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष परवेज आलम सहित पार्टी के कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है.

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने ‘शाहीन बाग में अतिक्रमण रोधी अभियान का विरोध करने के लिए’ आप और कांग्रेस की आलोचना की.

गुप्ता ने कहा, ‘आज, यह साबित हो गया कि आप और उसके विधायक रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का साथ दे रहे हैं. बुलडोजर के आगे लेटने वालों को जनता जवाब देगी. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप और कांग्रेस शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे हैं. मैं आप और कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि वे अतिक्रमण और धर्म को आपस में नहीं जोड़ें.’

प्रदर्शन के कारण इलाके में यातायात जाम जैसे हालात बन गए और यातायात पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि लोगों को आवाजाही में दिक्कत न हो. कुछ जगह मार्ग परिवर्तन भी किया गया.

यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, भारी वाहनों को दूसरे रास्तों से भेजा गया और उनके लिये एक वैकल्पिक मार्ग खोला गया. जिन जगहों पर जाम लगने की खबर सामने आई, वहां हमारे लोग तैनात किए गए जिससे यह सुनिश्चित हो कि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो.’

उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर मार्ग परिवर्तन भी किया गया.

गुप्ता ने स्थानीय महापौर को 20 अप्रैल को पत्र लिख कर ‘रोहिंग्या, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों’ द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद एसडीएमसी के इलाकों में अतिक्रमण रोधी अभियान चलाने का फैसला किया गया.

एसडीएमसी के मध्य ज़ोन के अध्यक्ष सिंह ने बताया कि पिछले महीने ओखला और जसोला में एक अभियान की योजना बनाई गई थी, लेकिन पर्याप्त पुलिस बल मौजूद नहीं होने के कारण उसे अंजाम नहीं दिया जा सका.

उन्होंने बताया कि 10 मई को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के नजदीक गुरुद्वारा रोड के पास, जबकि 11 मई को मेहरचंद मार्केट, लोधी कॉलोनी में साईं बाबा मंदिर के पास और जवाहरलाल नेहरू मेट्रो स्टेशन के पास अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया जाएगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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