कश्मीरी पंडित कर्मचारी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

जम्मू कश्मीर में बीते बृहस्पतिवार को बडगाम ज़िले के चादूरा में एक कश्मीरी पंडित तहसील कर्मचारी राहुल भट आतंकियों ने उनके कार्यालय में घुसकर हत्या कर दी थी. इसके बाद शुक्रवार को पुलवामा ज़िले में शुक्रवार को एक कॉन्स्टेबल की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई. कश्मीरी पंडित उनके जीवन की रक्षा करने में सरकार के ‘नाकाम’ रहने के ख़िलाफ़ बृहस्पतिवार से ही प्रदर्शन कर रहे हैं.

Jammu: Kashmiri pandits raise slogans during their protest over the killing of Rahul Bhat, in Jammu, Friday, May 13, 2022. Bhat, a government employee, was shot at by militants inside his office and later succumbed to injuries on Thursday. (PTI Photo)(PTI05 13 2022 000043B)

जम्मू कश्मीर में बीते बृहस्पतिवार को बडगाम ज़िले के चादूरा में एक कश्मीरी पंडित तहसील कर्मचारी राहुल भट आतंकियों ने उनके कार्यालय में घुसकर हत्या कर दी थी. इसके बाद शुक्रवार को पुलवामा ज़िले में शुक्रवार को एक कॉन्स्टेबल की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई. कश्मीरी पंडित उनके जीवन की रक्षा करने में सरकार के ‘नाकाम’ रहने के ख़िलाफ़ बृहस्पतिवार से ही प्रदर्शन कर रहे हैं.

कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार को बडगाम जिले के शेख पोरा में राहुल भट की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया. (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों द्वारा बडगाम जिले के चादूरा में कश्मीरी पंडित तहसील कर्मचारी राहुल भट की हत्या किए जाने की घटना को लेकर विरोध जताते हुए श्रीनगर हवाई अड्डे की ओर बढ़ रहे कश्मीरी पंडितों को तितर-बितर करने के लिए शुक्रवार को लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे.

अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारी पहले मध्य कश्मीर में बडगाम जिले के शेखपोरा इलाके में एकत्र हुए और इसके बाद उन्होंने हवाई अड्डे की ओर बढ़ना शुरू कर दिया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया.

उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों से वहां से जाने का अनुरोध किया गया, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया और आगे बढ़ने की जिद्द की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े.

अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है.

कश्मीरी पंडित उनके जीवन की रक्षा करने में सरकार के ‘नाकाम’ रहने के खिलाफ बृहस्पतिवार से प्रदर्शन कर रहे हैं. समुदाय के सदस्य सरकार पर उनके जीवन की रक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. वे सरकार से समुदाय की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने की मांग भी कर रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि आतंकवादियों ने चादूरा शहर में तहसील कार्यालय के भीतर घुसकर कश्मीरी पंडित राहुल भट को गोली मारी थी. भट को प्रवासियों के लिए विशेष नियोजन पैकेज के तहत 2010-11 में क्लर्क के तौर पर सरकारी नौकरी मिली थी.

इस बीच, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके घर में नजरबंद रखा गया, ताकि वह प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडितों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बडगाम नहीं जा पाएं.

मुफ्ती ने कहा, ‘अपनी रक्षा करने में भारत सरकार की नाकामी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों के प्रति एकजुटता जताने के लिए बडगाम जाना चाहती थी. मुझे घर में नजरबंद कर दिया गया, क्योंकि कश्मीरी मुसलमान और पंडित एक-दूसरे के दर्द के प्रति सहानुभूति व्यक्त करें, यह उनकी दुर्भावनापूर्ण सांप्रदायिक कहानी में फिट नहीं बैठता है.’

बहरहाल, पुलिस ने मुफ्ती के इस दावे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. बाद में एक वीडियो संदेश में मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने और हिंदुओं तथा मुसलमानों को एक-दूसरे का सबसे बड़ा शत्रु दिखाने के लिए हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ करने का खेल खेल रही है, जम्मू कश्मीर इकलौता प्रदेश है जहां हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई और बौद्ध एक साथ मिलकर रह रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘इसलिए यह जम्मू कश्मीर के सभी लोगों का कर्तव्य है कि वह उन लोगों के साथ खड़े हो, जो हमारे बीच रहते हैं चाहे वह कश्मीरी पंडित हो या सिख भाई.’

मुफ्ती ने लोगों से जम्मू कश्मीर की भाईचारे और एकता की विरासत को बनाए रखने का भी अनुरोध किया.

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह ‘शर्मनाक है कि वैध और उचित विरोध’ के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ की गई.

प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों पर लाठीचार्ज किए जाने की घटना पर उन्होंने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि वैध और न्यायोचित विरोधों को इतनी कड़ी प्रतिक्रिया दी जा रही है. कश्मीर के लोगों के लिए यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि जब प्रशासन के पास एक हथौड़ा है तो हर समस्या एक कील की तरह होती है. यदि उपराज्यपाल की सरकार कश्मीरी पंडितों केपी की रक्षा नहीं कर सकती है, तो उन्हें विरोध करने का अधिकार है.’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘पर्यटन सामान्य नहीं है, यह आर्थिक गतिविधियों का बैरोमीटर है. सामान्य स्थिति भय से मुक्त, आतंक से मुक्त, आतंकवादियों को हमला करने न देने, लोकतांत्रिक शासन की मौजूदगी है और किसी भी मानदंड पर कश्मीर आज सामान्य स्थिति से दूर है.’

उन्होंने पुलवामा में शुक्रवार को की गई एक पुलिसकर्मी की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि घाटी में लक्षित हत्याएं ‘बेरोकटोक’ जारी हैं.

आतंकवादियों ने शुक्रवार को सुबह पुलवामा जिले के गुडूरा इलाके में कॉन्स्टेबल रियाज अहमद ठाकोर के घर पर उन्हें गोली मार दी.

उन्होंने कहा, ‘राहुल कल (बृहस्पतिवार) अपने कार्यालय में थे और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक एसपीओ आज (शुक्रवार) अपने घर में थे. निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याओं का सिलसिला बदस्तूर जारी है. मैं इस हत्या की कड़ी निंदा नहीं कर सकता. अल्लाह रियाज को जन्नत में जगह दे.’

भट गत सात महीने में दूसरे कश्मीरी पंडित हैं, जिनकी हत्या आतंकवादियों द्वारा की गई है. इससे पहले प्रमुख दवा कारोबारी माखन लाल बिंद्रु की छह अक्टूबर 2021 को आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

अगस्त 2019 से लेकर मार्च 2022 के बीच जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों सहित कुल 14 अल्पसंख्यक हिंदुओं की हत्या आतंकवादियों द्वारा की गई है.

आतंकवादियों द्वारा जिन लोगों को निशाना बनाया गया है, उनमें कश्मीर के विभिन्न हिस्सों के प्रमुख कारोबारी, सरपंच और ब्लॉक विकास परिषद के सदस्य शामिल हैं.

गौरतलब है कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद से कश्मीर में गैर-मुस्लिमों और बाहर से आए लोगों पर हमले बढ़े हैं.

राहुल भट के परिवार से मिले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

इस बीच जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शुक्रवार को कश्मीरी पंडित राहुल भट के परिजनों से मिले और उन्हें इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया.

सिन्हा ने कहा कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को इस जघन्य कृत्य के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी होगी. उपराज्यपाल ने भट की हत्या के खिलाफ घाटी में जारी कश्मीरी पंडितों के प्रदर्शन के बीच उनके परिजनों से मुलाकात की.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘राहुल भट के परिजनों से मुलाकात की और परिवार को इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया. दुख की इस घड़ी में सरकार राहुल भट के परिवार के साथ खड़ी है.’

सिन्हा ने कहा कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को इस बर्बर कृत्य के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)