पूर्वी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले की घटना. पुलिस का कहना है वह इस्लामनगर गांव में गोकशी के एक मामले में अब्दुल नाम के व्यक्ति को गिरफ़्तार करने के लिए दबिश देने गई थी. इस बीच ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हल्ला बोल दिया और पत्थरबाज़ी के साथ-साथ गोली भी चलाई, जिसमें महिला की मौत हो गई. इस महीने यह तीसरी घटना है, जिसमें दबिश के दौरान तीन महिलाओं की जान जा चुकी है.
सिद्धार्थनगर: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में पुलिस की दबिश के दौरान एक महिला की कथित तौर पर गोली लगने से मौत हो गई. इस मामले में रविवार को सिद्धार्थ नगर कोतवाली के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया.
मृत महिला के परिजनों ने सदर थाने की पुलिस और एसओजी पर उसे गोली मारने का आरोप लगाया है. हालांकि, पुलिस का दावा है कि दबिश देने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हल्ला बोल दिया और गोली भी चलाई, जिससे महिला की मौत हो गई.
पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया कि इस मामले में सिद्धार्थ नगर थाने के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा उसे कतई बख्शा नहीं जाएगा.
परिजन का आरोप है कि शनिवार शाम पुलिस का एक दल गांव में अकबर अली नामक व्यक्ति के घर में दाखिल हुआ और दो दिन पहले मुंबई से आए उसके बेटे अब्दुल रहमान को अपने साथ जबरन ले जाने की कोशिश की.
अधिकारियों के मुताबिक, घटना शनिवार रात सदर थाना क्षेत्र के इस्लामनगर कोड़रा ग्रांट गांव में हुई. मृतका के परिजनों ने बताया कि रात करीब 10 बजे पुलिस और एसओजी (विशेष अभियान समूह) की टीम उनके घर पहुंची और टॉर्च जलाकर गहरी नींद में सो रहे अब्दुल रहमान को उठाया व अपने साथ लेकर जाने लगी.
परिजनों के अनुसार, अब्दुल की मां रोशनी (50 वर्ष) ने पुलिस का विरोध किया और बेटे को साथ ले जाने की वजह पूछने लगी. परिजनों ने आरोप लगाया कि इस पर पुलिसकर्मी गोली मारने की धमकी देने लगे और जब रोशनी ने अपने बेटे को छुड़ाने की कोशिश की तो उन्होंने उस पर गोली चला दी. इसके बाद पुलिस टीम अब्दुल को लेकर चली गई.
मृतका के बेटों- अतीकुर्रहमान और फारूक के मुताबिक, वे खून से लथपथ अपनी मां को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.
बेटों के अनुसार, उन्हें या उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य को यह नहीं पता कि पुलिस अब्दुल को किस जुर्म में गिरफ्तार करने आई थी, जबकि वे सभी लोग शनिवार को ही मुंबई से अपनी बहन की शादी कराने के लिए गांव आए हैं.
जिला अस्पताल के डॉ. शैलेंद्र कुमार के मुताबिक, रात 11:25 बजे एक महिला को उसके घरवाले लेकर आए थे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. उन्होंने बताया कि परिजनों का कहना था कि महिला को गोली लगी है, लेकिन इसकी पुष्टि एक्स-रे और अन्य परीक्षण के बाद ही की जा सकेगी.
गांव में पुलिस की गोली से महिला की मौत के बारे में सदर के क्षेत्राधिकारी (सीओ) प्रदीप कुमार यादव ने रविवार को कहा कि सदर थाने की पुलिस इस्लामनगर गांव में गोकशी के एक मामले में दबिश देने गई थी.
उन्होंने बताया कि इस बीच ग्रामीणों ने गोलबंद होकर पुलिस टीम पर हल्ला बोल दिया और पत्थरबाजी के साथ-साथ गोली भी चलाई. यादव के अनुसार, गोलीबारी में एक महिला को गोली लगी, जिसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि घटना की हर कोण से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस ने आत्मरक्षा में या जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई, सदर सीओ यादव ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि महिला की मौत ग्रामीणों की गोलीबारी में हुई और पुलिस ने कोई गोलीबारी नहीं की.
उन्होंने कहा कि जांच में पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी.
इस महीने यह तीसरी घटना है, जिसमें दबिश के दौरान तीन महिलाओं की जान जा चुकी है.
मालूम हो कि मई महीने में यह तीसरी घटना है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस की दबिश के दौरान तीन महिलाओं की जान जा चुकी है.
बीते सात मई को प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के पचोखरा क्षेत्र में कथित रूप से पुलिस द्वारा हिंसात्मक रूप से धक्का दिए जाने से गिरी एक 60 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला की मौत का मामला सामने आया था.
मृतक राधा देवी के चार बेटे पिछले महीने अपने रिश्तेदारों से मारपीट के आरोप में जेल गए थे और बीते सात मई की शाम को ही जेल से छूटकर आए थे. पुलिस का दस्ता उनसे पूछताछ करने गया था, जब यह घटना हुई.
इससे पहले बीते एक मई को उत्तर प्रदेश में चंदौली जिले के सैयदराजा क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवती की मौत हो गई थी. इस मामले में निलंबित थानाध्यक्ष समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.
सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव में पुलिस का एक दल एक बालू कारोबारी कन्हैया यादव को पकड़ने के लिए उसके घर पहुंचा था. यादव के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हुआ था.
पीड़ित परिवार का आरोप है कि इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने कारोबारी की 24 साल की बेटी से बलात्कार किया तथा मारपीट और जोर-जबर्दस्ती के कारण उसकी मौत हो गई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)