मध्य प्रदेश के नीमच शहर में दो समुदायों के बीच विवाद होने से इलाके में तनाव पैदा हो गया है. पुलिस ने बताया कि अब तक चार मामले दर्ज कर नौ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. उनके अनुसार हिंसक घटना में एक पुलिस अधिकारी के घुटने में चोट आई है. बीते महीने रामनवमी पर निकाले गए जुलूस के दौरान राज्य के खरगोन शहर में सांप्रदायिक हिंसा हो गई थी.
नीमच: मध्य प्रदेश के नीमच शहर में एक दरगाह के पास मूर्ति स्थापित करने को लेकर दो गुटों के बीच विवाद होने से इलाके में तनाव पैदा हो गया, जिसके बाद शहर के एक हिस्से में निषेधाज्ञा लगा दी गई है.
अधिकारी ने बताया कि सोमवार रात दो समूहों में कहासुनी और फिर उनके बीच पथराव होने के बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
बाद में अतिरिक्त जिलाधिकारी नेहा मीणा ने नीमच शहर थाना सीमा में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 (पांच या अधिक लोगों के जमा होने पर रोक) लगाने का आदेश दिया.
नीमच के पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा ने पत्रकारों को बताया कि अब तक चार मामले दर्ज कर नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनके अनुसार हिंसक घटना में एक पुलिस अधिकारी के घुटने में चोट आई है.
उन्होंने कहा कि नीमच शहर थाना क्षेत्र में कुछ लोगों ने दरगाह के पास (भगवान हनुमान की) एक मूर्ति रख दी, जिसके बाद वहां दो समूहों के लोग जमा हो गए और उनके बीच विवाद हो गया.
अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने दोनों समूहों के लोगों को चर्चा के लिए पुलिस नियंत्रण कक्ष में आने के लिए कहा, लेकिन कुछ लोगों ने कथित तौर पर पथराव शुरू कर दिया और कुछ दोपहिया वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया.
उन्होंने बताया कि घटना में अब तक किसी नागरिक के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. बाद में इलाके में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया और लोगों को घर में ही रहने की लिए कहा गया है.
अधिकारी ने कहा कि दोनों समूहों के लोग घटनास्थल पर जमा हो गए, क्योंकि यह मिश्रित आबादी वाला इलाका है. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार दोपहर में स्थिति नियंत्रित होने के बावजूद दरगाह से करीब 200 मीटर की दूरी पर स्थित एक मस्जिद के अंदर आग लग गई. नीमच जिले के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मस्जिद में रखे कूलर जैसे कुछ उपकरणों में आग लगा दी गई. दमकल की गाड़ियों को भेजा गया और आग पर काबू पाया गया.
एक अधिकारी ने कहा कि लेकिन सोमवार रात करीब नौ बजे फिर से भीड़ जमा हो गई और इसके तुरंत बाद पथराव शुरू हो गया.
अधिकारी ने कहा कि पुलिस इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी और पथराव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
इस घटना में किसी धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका पता लगाने के लिए इलाके की वीडियोग्राफी की जा रही है.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसा पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ऐहतियात के तौर पर क्षेत्र में पांच थानों का पुलिस बल तैनात किया गया है. साथ ही रिजर्व पुलिस फोर्स भी लगाया गया है. वज्र वाहन भी तैनात किए गए हैं.
दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर प्रशासन से किए सवाल
कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार सुबह नीमच में हुई घटना को लेकर प्रशासन से कई सवाल किए हैं.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैंने जिला प्रशासन से कुछ प्रश्न किए. प्रश्न 1- क्या हनुमान जी की मूर्ति स्थापना करने की प्रशासन से स्वीकृति ली गई? उत्तर मिला- जी नहीं. प्रश्न 2- क्या जिस स्थान पर मूर्ति स्थापित की गई वह भूमि निजी है या शासकीय? उत्तर मिला- शासकीय.’
मैंने ज़िला प्रशासन से कुछ प्रश्न किये
प्रश्न १- “क्या हनुमान जी की मूर्ति स्थापना करने की प्रशासन से स्वीकृति ली गई?
उत्तर मिला – जी नहीं।
प्रश्न २- क्या जिस स्थान पर मूर्ति स्थापित की गई वह भूमि निजी है या शासकीय?
उत्तर मिला- शासकीय।
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उन्होंने लिखा, ‘प्रश्न 3- क्या शासकीय भूमि पर बिना अनुमति के मूर्ति स्थापित करना अपराध है? उत्तर मिला- जी हां. प्रश्न 4- क्या जिन लोगों ने यह कार्य किया उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज हुई? उत्तर मिला- हम सीसीटीवी पर देख कर कार्रवाई करेंगे.’
प्रश्न ३- क्या शासकीय भूमि पर बिना अनुमति के मूर्ति स्थापित करना अपराध है?
उत्तर मिला- जी हाँ।
प्रश्न ४- क्या जिन लोगों ने यह कार्य किया उनके ख़िलाफ़ कोई FIR दर्ज हुई?
उत्तर मिला – हम CCTV पर देख कर कार्रवाई करेंगे।
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उन्होंने आगे कहा, ‘मैं प्रशासन के अधिकारियों से अनुरोध करूंगा आप भारतीय संविधान और कानून से जुड़े हुए हैं. किसी व्यक्ति या किसी राजनीतिक दल से जुड़े नहीं हैं. इतने दबाव में मत आइए. हमें मालूम है जिस मोहल्ले में यह घटना हुई है उसी में नीमच भाजपा के विधायक जी भी रहते हैं.’
कांग्रेस नेता ने लिखा, ‘मैंने एसपी साहब का बयान सुना. उन्होंने कहा है कि किसी फरियादी ने अभी तक शिकायत नहीं की. क्या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है कि जब वे स्वयं मौके पर हैं तो उन्हें स्वयं एफआईआर दर्ज नहीं करना चाहिए?’
मैंने एसपी साहब का बयान सुना।
उन्होंने कहा है कि किसी फ़रियादी ने अभी तक शिकायत नहीं की।
क्या पुलिस की ज़िम्मेदारी नहीं है कि जब वे स्वयं मौक़े पर हैं तो उन्हें स्वयं FIR दर्ज नहीं करना चाहिए?
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उन्होंने लिखा, ‘प्रश्न 4- पत्थरबाजी करने वाले कौन थे? उत्तर मिला- दोनों तरफ के थे. प्रश्न 5- क्या दोनों तरफ के लोगों पर कार्रवाई हुई या होगी? उत्तर मिला- सीसीटीवी पर देख कर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे. प्रश्न 6- क्या मस्जिद जलाई गई? उत्तर मिला- कुछ हिस्सों में आग लगी है.’
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं नीमच के सभी वर्गों से शांति की विनम्र अपील करता हूं. लड़ते नेता हैं मरता निर्दोष गरीब है.’
बता दें कि बीते अप्रैल महीने की 10 तारीख को ही मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर निकाले गए धार्मिक जुलूस के दौरान हुई हिंसा में दुकानों, घरों एवं वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था.
इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. 24 दिन बाद चार मई की शाम को इसे हटाया गया था. हिंसा में एक मौत की हो गई थी. वहीं, शासन-प्रशासन ने मामले में आरोपी बनाए लोगों के मकानों को अतिक्रमण बताकर गिरा दिया था. हिंसा के सिलसिले में दर्ज 72 मामलों में अब तक 182 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)