दिल्ली: उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस्तीफ़ा दिया

दिसंबर 2016 में अपने पूर्ववर्ती नजीब जंग के अचानक इस्तीफ़े के बाद पूर्व नौकरशाह अनिल बैजल ने दिल्ली के उपराज्यपाल का पद संभाला था. अब उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को भेज दिया है.

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अनिल बैजल. (फोटो साभार: ट्विटर/@LtGovDelhi)

दिसंबर 2016 में अपने पूर्ववर्ती नजीब जंग के अचानक इस्तीफ़े के बाद पूर्व नौकरशाह अनिल बैजल ने दिल्ली के उपराज्यपाल का पद संभाला था. अब उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को भेज दिया है.

अनिल बैजल. (फोटो साभार: ट्विटर/@LtGovDelhi)

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

बैजल को दिसंबर, 2016 में राष्ट्रीय राजधानी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था.

अधिकारी ने बताया, ‘उन्होंने (बैजल) राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.’

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बैजल 1969 बैच के आईएएस अफसर हैं, जिन्होंने दिसंबर 2016 अपने पूर्ववर्ती नजीब जंग के अचानक इस्तीफे के बाद  उपराज्यपाल का पदभार संभाला था. इससे पहले वे दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह सचिव के बतौर काम कर चुके हैं.

उन्होंने प्रसार भारती और इंडियन एयरलाइंस सहित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का भी नेतृत्व किया है.  बैजल ने शहरी विकास सचिव के रूप में भी काम किया था, जहां से वे 2006 में सेवानिवृत्त हुए थे. उन्होंने वर्तमान में रेल मंत्री एसपी प्रभु की अध्यक्षता में विद्युत, कोयला और नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकृत विकास के लिए सलाहकार समूह के सदस्य के रूप में भी कार्य किया.

अपने कार्यकाल के दौरान बैजल का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ शासन से जुड़े कई मुद्दों पर विवाद रहा. सबसे बड़ा आमना-सामना तब हुआ जब केजरीवाल और उनके मंत्रियों के मंत्रिमंडल ने उपराज्यपाल कार्यालय में धरना दिया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार के साथ तैनात आईएएस अधिकारी निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं. उनके मुख्य मुद्दों में से एक शहर भर में सीसीटीवी कैमरा लगवाना था.

दिल्ली एक विशेष केंद्र शासित प्रदेश है, जहां सरकार में उपराज्यपाल के माध्यम से एक निर्वाचित राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों शामिल हैं. यहां जमीन, पुलिस, कानून-व्यवस्था और सेवाओं से संबंधित मामले उपराज्यपाल के अंतर्गत ही आते हैं.

बीते साल मार्च में दिल्ली में उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ाने वाले राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक संसद ने पारित किया गया था. इस विधेयक में दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में ‘सरकार’ का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से होगा. आम आदमी पार्टी सहित पूरे विपक्ष ने इसका विरोध किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)