पिछले एक साल में सीएनजी की कीमतों में 32.21 रुपये प्रति किलोग्राम या 60 फीसदी तक की वृद्धि हो चुकी है. कीमतों में सात मार्च के बाद से यह 13वीं बढ़ोतरी है. इस दौरान कुल मिलाकर सीएनजी की कीमत 19.60 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ चुकी है. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि वास्तविक कटौती तब होगी, जब केंद्र उस सेस में कमी करे, जो वह पेट्रोल-डीज़ल पर वसूल करता है और इसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को सीएनजी की कीमतों में दो रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी कर दी गई. इसके साथ ही पिछले दो महीने में (सात मार्च के बाद से) सीएनजी के दामों में 13वीं बार वृद्धि की जा चुकी है. इस महीने में सीएनजी के दामों में दूसरी बार बढ़ोतरी की गई है. इससे पहले बीते 15 मई को भी इनकी कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी की गई थी.
दूसरी ओर सरकार द्वारा वाहन ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती से दिल्ली में रविवार को पेट्रोल का दाम 8.69 रुपये प्रति लीटर घट गया. वहीं डीजल 7.05 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया है.
सीएनजी की आपूर्ति करने वाली इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, दिल्ली और एनसीआर में सीएनजी की कीमत 73.61 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 75.61 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है.
कीमतों में सात मार्च के बाद से यह 13वीं बढ़ोतरी है. इस दौरान कुल मिलाकर सीएनजी की कीमत 19.60 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ चुकी है.
हालांकि समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल में कीमतों में 32.21 रुपये प्रति किलोग्राम या 60 फीसदी तक की वृद्धि हो चुकी है.
सीएनजी अकेले अप्रैल महीने में 7.50 रुपये महंगी हो गई थी. सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स पिछले साल अक्टूबर से समय-समय पर कीमतें बढ़ा रहे हैं, जब घरेलू और साथ ही अंतरराष्ट्रीय गैस की कीमतें दुनिया भर में महामारी से प्रेरित मंदी से उबरने वाली अर्थव्यवस्थाओं के रूप में चढ़ने लगी थीं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, साल 2021 के अंतिम तीन महीनों में कीमतों में 8.74 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई और जनवरी से लगभग हर हफ्ते लगभग 50 पैसे प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई है.
वैसे घरेलू रसोई में इस्तेमाल होने वाली पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. यह 45.86 रुपये प्रति एससीएम के भाव पर बनी हुई है.
आईजीएल के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने कहा कि निकट भविष्य में भी कीमतें ऊंची बनी रहने का अनुमान है, क्योंकि प्राकृतिक गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतें भी उच्च स्तर पर हैं.
महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) के अनुसार मुंबई में सीएनजी की कीमत 76 रुपये प्रति किलोग्राम है. सीएनजी की कीमतों में अलग-अलग शहरों में लगने वाले स्थानीय करों के कारण अंतर होता है.
उत्पाद शुल्क कटौती के बाद पेट्रोल 8.69 रुपये, डीजल 7.05 रुपये लीटर सस्ता हुआ
इधर, सरकार द्वारा वाहन ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद दिल्ली में रविवार को पेट्रोल का दाम 8.69 रुपये प्रति लीटर घट गया. वहीं डीजल 7.05 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया है.
सरकार ने शनिवार को पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः आठ रुपये एवं छह रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की घोषणा की थी.
उत्पाद शुल्क में इस कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 8.69 रुपये और डीजल में 7.05 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है.
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल अब 96.72 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है, जबकि इससे पहले इसकी कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर थी. वहीं, डीजल अब 89.62 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है, जो इससे पहले 96.67 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर मिल रहा था.
मुंबई में पेट्रोल के दाम 120.51 रुपये से घटकर 111.35 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं, जबकि डीजल 104.77 रुपये से घटकर 97.28 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है.
अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट जैसे स्थानीय करों में भिन्नता के कारण कीमतों में अंतर होता है.
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत अब 106.03 रुपये (पहले 115.12 रुपये) और चेन्नई में 102.63 रुपये (पहले 110.85 रुपये) प्रति लीटर है. कोलकाता में डीजल की कीमत 92.76 रुपये (पहले 99.83 रुपये) और चेन्नई में 94.24 रुपये (पहले 100.94 रुपये) प्रति लीटर है.
उल्लेखनीय है कि 22 मार्च के बाद से 6 अप्रैल तक 16 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी.
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थीं. 10 मार्च को चुनाव नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी और 22 मार्च से लगातार इनकी कीमतों में इजाफा किया गया था.
रसोई गैस पर सब्सिडी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई ट्वीट के जरिये वाहन ईंधन पर उत्पाद शुल्क कटौती की जानकारी दी.
सीतारमण ने ट्वीट कर कहा, ‘हम पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर कम कर रहे हैं. इससे पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएगी. इससे सरकार के लिए लगभग 1 लाख करोड़ रुपये प्रति वर्ष का राजस्व भार आएगा.’
8/12
I wish to exhort all state governments, especially the states where reduction wasn’t done during the last round (November 2021), to also implement a similar cut and give relief to the common man.— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) May 21, 2022
एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने लिखा, ‘मैं सभी राज्य सरकारों विशेषकर उन राज्यों से, जहां अंतिम दौर (नवंबर 2021) के दौरान कटौती नहीं की गई थी, को भी इसी तरह की कटौती लागू करने और आम आदमी को राहत देने का आह्वान करना चाहती हूं.’
सीतारमण ने बताया कि सरकार उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन पाने वाले गरीब परिवारों को एक साल में 12 एलपीजी सिलेंडर पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी भी देगी. इससे एलपीजी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचीं कीमतों से उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिलेगी.
10/12 We are also reducing the customs duty on raw materials & intermediaries for plastic products where our import dependence is high. This will result in reduction of cost of final products. #MSME #chemicals #Plastic #Customs
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) May 21, 2022
सीतारमण ने यह भी कहा, ‘हम प्लास्टिक उत्पादों के लिए कच्चे माल और बिचौलियों पर सीमा शुल्क भी कम कर रहे हैं, जहां हमारी आयात निर्भरता अधिक है. इससे अंतिम उत्पादों की लागत में कमी आएगी.’
राष्ट्रीय राजधानी में 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर का दाम 1,003 रुपये पर पहुंच चुका है. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी सीधे उनके बैंक खातों में दी जाएगी. इससे उनके लिए सिलेंडर का दाम 803 रुपये बैठेगा.
जून, 2020 से रसोई गैस सिलेंडर पर कोई सब्सिडी नहीं दी गई है. इससे उज्ज्वला के लाभार्थियों सहित सभी को रसोई गैस सिलेंडर बाजार कीमत पर खरीदना पड़ रहा है.
वित्त मंत्री ने बताया कि 200 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी से सरकारी खजाने पर 6,100 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
उन्होंने कहा, ‘आज दुनिया मुश्किल दौर से गुजर रही है. भले ही दुनिया कोविड-19 महामारी से उबर रही है, यूक्रेन संघर्ष ने आपूर्ति शृंखला की समस्याओं और विभिन्न सामानों की कमी ला दी है. इसके परिणामस्वरूप बहुत से देशों में मुद्रास्फीति और आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है.’
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने उत्पाद शुल्क में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को स्थानांतरित किया है. हालांकि, उन्हें पेट्रोल पर 13.08 रुपये और डीजल पर 24.09 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है.
इससे पहले चार नवंबर, 2021 को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क पांच रुपये और डीजल पर 10 रुपये घटाया गया था.
सरकार ने 2020 में वाहन ईंधन पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की थी. इससे पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 32.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था.
उत्पाद शुल्क में ताजा कटौती के बाद पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क घटकर 19.9 रुपये प्रति लीटर रह गया है. वहीं डीजल पर अब यह 15.8 रुपये प्रति लीटर है.
वित्त मंत्री ने सभी राज्य सरकारों से भी वाहन ईंधन पर स्थानीय बिक्रीकर या वैट में कटौती का आग्रह किया है.
पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती आंकड़ों की बाजीगरी: कांग्रेस
हालांकि कांग्रेस ने पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा के बाद शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को ‘आंकड़ों की बाजीगर’ करने की बजाय ईंधन पर उत्पाद शुल्क को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय के स्तर पर लाना चाहिए.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि सरकार ने पिछले 60 दिनों में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में 10-10 रुपये की बढ़ोतरी की और अब आठ एवं सात रुपये की कटौती की गई है.
सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘वित्त मंत्री जी, आज पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर है. आप कहती हैं कि कीमत 9.50 रुपये कम हो जाएगी. 21 मार्च, 2022 को पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर थी.’
प्रिय FM,
जनता को कितना बेवक़ूफ़ बनाएँगे?
आज पेट्रोल की क़ीमत है ₹105.41/लीटर।
आज आपने पेट्रोल की क़ीमत ₹9.50 कम की।21 मार्च , 2022 को सिर्फ़ 60 दिन पहले,
पेट्रोल की क़ीमत ₹95.41/लीटर थी60 दिन में आपने पहले पेट्रोल की क़ीमत ₹10/लीटर बढ़ा दी और अब ₹9.50/लीटर घटा दी।
1/2 https://t.co/GELhyUWFAC— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 21, 2022
उन्होंने कहा, ‘पिछले 60 दिनों में आपने पेट्रोल की कीमत 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई और 9.50 रुपये प्रति लीटर की कमी की. आप (वित्त मंत्री) लोगों को बेवकूफ मत बनाइए.’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘आज डीजल का दाम 96.67 रुपये प्रति लीटर है, आप कहती हैं कि आपने 7 रुपये प्रति लीटर की कमी कर दी. 21 मार्च, 2022 को डीजल का दाम 86.67 रुपये प्रति लीटर था. आपने 60 दिनों में डीजल की कीमत 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी और फिर सात रुपये कम किया.’
2/2
प्रिय FM,जनता को कितना बेवक़ूफ़ बनाएँगे?
आज डीज़ल की क़ीमत है ₹96.67/लीटर।
आज आपने डीज़ल की क़ीमत ₹7 कम की।21 मार्च, 2022 को सिर्फ़ 60 दिन पहले,
डीज़ल की क़ीमत ₹86.67/लीटर थी60 दिन में आपने पहले डीज़ल की क़ीमत ₹10/लीटर बढ़ा दी और अब ₹7/लीटर घटा दी।
क्या फ़ायदा? https://t.co/GELhyUF4c2
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 21, 2022
उनके अनुसार, ‘मई, 2014 में डीजल पर उत्पाद शुल्क 3.56 रुपये प्रति लीटर था, 21 मई, 2022 को उत्पाद शुल्क 21.80 रुपये प्रति लीटर है. आपने (वित्त मंत्री) पिछले आठ वर्षों में डीजल पर उत्पाद शुल्क में 18.24 रुपये की बढ़ोतरी की.’
सुरजेवाला ने कहा, ‘देश को आंकड़ों की बाजीगरी की जरूरत नहीं है. देश को जुमले नहीं चाहिए. देश को जरूरत इस बात की है कि पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क घटाकर मई, 2014 के स्तर पर लाया जाए यानी 9.48 रुपये प्रति लीटर किया जाए. इसी तरह डीजल पर उत्पाद शुल्क को घटाकर 3.56 रुपये प्रति लीटर किया जाए.’
उन्होंने कहा, ‘छलावा बंद करिए और लोगों को राहत देने का साहस दिखाइए.’
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि वास्तविक कटौती तब होगी, जब केंद्र सरकार उस सेस में कमी करे, जो कि वह पेट्रोल और डीजल पर वसूल करता है और इसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता.
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का राज्यों से कर कम करने का आह्वान करना निरर्थक है.
असली कटौती तब होगी जब केंद्र पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाले उपकर में कटौती करे (जो राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है)
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 22, 2022
चिदंबरम ने कहा, ‘जब वह (वित्त मंत्री) केंद्रीय उत्पाद शुल्क में एक रुपये की कटौती करती हैं, तो उस रुपये में से 41 पैसे राज्यों का होता है. यानी केंद्र ने 59 पैसे और राज्यों ने 41 पैसे की कटौती की है. इसलिए, उन पर उंगली मत उठाइए.’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘दो महीने में 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए और पेट्रोल पर 9.50 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 7 रुपये प्रति लीटर की कटौती करें. यह अधिक लूटने और बाद में कम भुगतान करने के बराबर है!’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)