64 वर्षीय विनय कुमार सक्सेना अनिल बैजल का स्थान लेंगे, जिन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए पिछले सप्ताह पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. सक्सेना हाल के समय तक खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे.
नई दिल्ली: विनय कुमार सक्सेना को सोमवार को दिल्ली का उपराज्यपाल (एलजी) नियुक्त किया गया. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई.
सक्सेना, अनिल बैजल का स्थान लेंगे, जिन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए पिछले सप्ताह पद से इस्तीफा दे दिया था.
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘भारत के राष्ट्रपति को श्री विनय कुमार सक्सेना को उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त करते हुए प्रसन्नता हो रही है.’
रिपोर्ट के मुताबिक, सक्सेना ने हाल तक खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे.
बयान में यह भी कहा गया कि राष्ट्रपति ने अनिल बैजल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया, जिन्होंने हाल तक दिल्ली के एलजी के रूप में कार्य किया था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 64 वर्षीय सक्सेना ने कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी. केवीआईसी वेबसाइट पर उनके प्रोफाइल के अनुसार, उनके पास एक पायलट लाइसेंस भी है.
उन्होंने जेके समूह के साथ 11 वर्षों तक सहायक प्रबंधक के रूप में काम किया और गुजरात में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना की देखभाल के लिए महाप्रबंधक के रूप में पदोन्नत हुए.
उन्हें अक्टूबर 2015 में केवीआईसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. पिछले सात वर्षों में उन्होंने ‘हनी मिशन’, ‘कुम्हार सशक्तिकरण योजना’, ‘लेदर आर्टिसन्स एम्पावरमेंट’, खादी प्राकृतिक पेंट, प्रोजेक्ट आरई-एचएबी, खादी फैब्रिक फुटवियर और प्लास्टिक-मिश्रित हस्तनिर्मित जैसी योजनाओं और उत्पादों पर काम किया है.
सक्सेना कई समितियों के सदस्य भी थे, जिनमें भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय समिति, सीएसआईआर, पद्म पुरस्कार चयन समिति और विश्वविद्यालय कोर्ट, जेएनयू शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि बैजल (76), जिन्होंने दिसंबर 2016 से एलजी के रूप में कार्य किया था, ने अपने पूर्ववर्ती नजीब जंग के अचानक इस्तीफे के बाद पद ग्रहण किया था.
अपने कार्यकाल के दौरान बैजल का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ शासन से जुड़े कई मुद्दों पर विवाद रहा. सबसे बड़ा आमना-सामना 2018 में तब हुआ जब केजरीवाल और उनके मंत्रियों के मंत्रिमंडल ने उपराज्यपाल कार्यालय में धरना दिया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार के साथ तैनात आईएएस अधिकारी निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं. उनके मुख्य मुद्दों में से एक शहर भर में सीसीटीवी कैमरा लगवाना था.
आप सरकार और बैजल दोनों सेवाओं और राशन योजनाओं की डोरस्टेप डिलीवरी के कार्यान्वयन के संबंध में आपस में भिड़े थे, जिसके खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में फैसला सुनाया था.
दिल्ली एक विशेष केंद्र शासित प्रदेश है, जहां सरकार में उपराज्यपाल के माध्यम से एक निर्वाचित राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों शामिल हैं. यहां जमीन, पुलिस, कानून-व्यवस्था और सेवाओं से संबंधित मामले उपराज्यपाल के अंतर्गत ही आते हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के नवनियुक्त उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का स्वागत किया है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली की जनता की तरफ से मैं उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का हार्दिक स्वागत करता हूं. दिल्ली की बेहतरी के लिए उन्हें दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की तरफ से पूर्ण सहयोग मिलेगा.’
दिल्ली के नवनियुक्त उपराज्यपाल महोदय श्री विनय कुमार सक्सेना जी का दिल्ली की जनता की तरफ़ से मैं हार्दिक स्वागत करता हूं। दिल्ली की बेहतरी के लिए उन्हें दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की तरफ़ से पूर्ण सहयोग मिलेगा।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 23, 2022
वहीं मुख्यमंत्री ने पुराने उपराज्यपाल अनिल बैजल को लेकर ट्वीट कर कहा, ‘उनके साथ मिलकर दिल्ली में कई काम किए और कई समस्याओं को ठीक करने की कोशिश की. वे एक बेहद अच्छे इंसान हैं. भविष्य के लिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करता हूं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)