आंध्र प्रदेश: नए ज़िले का नाम बदलने पर हिंसक प्रदर्शन-आगज़नी, मंत्री-विधायक के घर में आग लगाई

आंध्र प्रदेश में बीते अप्रैल माह में 13 नए ज़िलों का गठन किया गया था. इसमें शामिल कोनासीमा का नाम बदलकर बीआर आंबेडकर कोनासीमा ज़िला करने के प्रस्ताव का विरोध हो रहा है. मंगलवार को अमलापुरम नगर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान मुम्मीदिवरम से सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस विधायक पी. सतीश और परिवहन मंत्री पी. विश्वरूप के घर, एक पुलिस वाहन तथा एक शैक्षणिक संस्थान की बस को आग के हवाले कर दिया गया.

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कोनासीमा जिले का नाम बदलने के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान भीड़ से एक बस को भी आग लगा दी. (फोटो: स्क्रीनग्रैब)

आंध्र प्रदेश में बीते अप्रैल माह में 13 नए ज़िलों का गठन किया गया था. इसमें शामिल कोनासीमा का नाम बदलकर बीआर आंबेडकर कोनासीमा ज़िला करने के प्रस्ताव का विरोध हो रहा है. मंगलवार को अमलापुरम नगर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान मुम्मीदिवरम से सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस विधायक पी. सतीश और परिवहन मंत्री पी. विश्वरूप के घर, एक पुलिस वाहन तथा एक शैक्षणिक संस्थान की बस को आग के हवाले कर दिया गया.

कोनासीमा जिले का नाम बदलने के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान भीड़ से एक बस को भी आग लगा दी. (फोटो: स्क्रीनग्रैब)

अमरावती: आंध्र प्रदेश के नवगठित जिले कोनासीमा का नाम बदलकर बीआर आंबेडकर कोनासीमा जिला करने के प्रस्ताव के खिलाफ मंगलवार को अमलापुरम नगर में तब हिंसक प्रदर्शन और आगजनी शुरू हो गई, जब पुलिस ने प्रस्ताव के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ लाठीचार्ज कर दिया.

हिंसक प्रदर्शनों में तमाम लोगों समेत कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है.

जिले का नाम बदलने के प्रस्ताव के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों ने मुम्मीदिवरम से सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस विधायक पी. सतीश और परिवहन मंत्री पी. विश्वरूप के घर, एक पुलिस वाहन तथा एक शैक्षणिक संस्थान की बस को आग के हवाले कर दिया गया. प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.

सत्ताधारी दल ने जहां आगजनी के लिए अज्ञात ताकतों को जिम्मेदार ठहराया, वहीं सभी विपक्षी दलों ने स्थिति को नियंत्रित करने में जगन मोहन रेड्डी सरकार पर ‘घोर विफलता’ का आरोप लगाया.

विपक्षी दलों ने लोगों से संयम बरतने और कोनासीमा में शांति सुनिश्चित करने की अपील की.

राज्य की गृह मंत्री टी. वनिता ने कहा कि भीड़ द्वारा किए गए पथराव में करीब 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि प्रदर्शनकारियों ने एक स्कूल बस को आग के हवाले कर दिया.

अमलापुरम में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. वहीं स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भेजे गए हैं.

अमलापुरम पहुंचे एलुरु रेंज के पुलिस उप-महानिरीक्षक जी. पाला राजू ने कहा कि पुलिस स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि घायल पुलिसकर्मी ‘खतरे से बाहर हैं.’

दिक्कत तब शुरू हुई जब पुलिस ने कथित तौर पर कोनासीमा साधना समिति के नेताओं को जिला कलेक्टर कार्यालय में जाने से रोका और लाठीचार्ज का सहारा लिया. ये नेता जिले का नाम बदलने के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपने के लिए जाने वाले थे.

समिति नवसृजित कोनासीमा जिले का नाम बदलकर बीआर आंबेडकर कोनासीमा जिला करने के प्रस्ताव का विरोध कर रही है.

जैसे ही पुलिस ने समिति के नेताओं और कार्यकर्ताओं को खदेड़ने की कोशिश की, पथराव शुरू हो गया. इसके बाद कस्बे की दुकानें बंद होने लगी, जबकि प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर हंगामा किया और एक स्कूल बस में आग लगा दी.

बाद में वे परिवहन मंत्री विश्वरूप के घर गए और आग लगा दी. हालांकि खतरे को भांपते हुए पुलिस ने तब तक मंत्रियों के परिजनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था. बाद में प्रदर्शनकारियों ने मुम्मीदिवरम विधायक पी. सतीश के आवास को निशाना बनाया और आग लगा दी.

सतीश ने कहा, ‘यह बहुत ही भयावह बात थी जब 1,000-1,500 लोगों की भीड़ ने आकर हमारे घर को जला दिया. वे बोतलों में पेट्रोल लिए हुए थे, जो स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि उन्होंने यह सब जान-बूझकर किया.’

हालांकि उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षित निकाल लिया गया.

राज्य की गृह मंत्री वनिता ने अमरावती स्थित सचिवालय में संवाददाताओं से कहा कि कुछ दलों और असामाजिक तत्वों ने स्पष्ट रूप से आगजनी को उकसाया. उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि घटना में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. हम घटना की गहन जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.’

गृहमंत्री ने हिंसा के लिए ‘कुछ राजनीतिक दलों और असामाजिक तत्वों’ को भी जिम्मेदार ठहराया. हिंसक विरोध का नेतृत्व कोनसीमा साधना समिति (केएसएस) ने किया, जिसके सदस्यों ने ‘चलो कोनसीमा’ मार्च का आह्वान किया था.

प्रमुख विपक्षी दल तेलुगू देशम पार्टी, भाजपा, जन सेना और कांग्रेस ने अमलापुरम स्थिति को नियंत्रित करने में सरकार की घोर विफलता पर निशाना साधा.

तेलुगू देशम के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने एक बयान में कहा, ‘कोनासीमा में आगजनी दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसे शांति के लिए जाना जाता है. गृह मंत्री ने एक नाजुक मुद्दे पर निराधार आरोप लगाए. यह पूरी तरह से सरकार और पुलिस की विफलता है.’

जन सेना प्रमुख के पवन कल्याण ने अमलापुरम की घटनाओं के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराने के लिए गृह मंत्री पर निशाना साधा.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सोमू वीरराजू ने घटनाओं की कड़ी निंदा की और सरकार पर शांति सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘सरकार को कोनासीमा में शांति बनाए रखने में अपनी विफलता की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एस. शैलजानाथ ने भी इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

बीते चार अप्रैल को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने राज्य के 13 नए जिलों के गठन की औपचारिक घोषणा की थी, जिसके बाद प्रदेश में जिलों की कुल संख्या 26 हो गई है. तब तत्कालीन पूर्वी गोदावरी जिले से अलग करके कोनासीमा जिले का गठन किया गया था.

पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने कोनासीमा जिले का नाम बदलकर बीआर आंबेडकर कोनासीमा जिला करने की प्रारंभिक अधिसूचना जारी करके लोगों से आपत्ति आमंत्रित की थी.

विश्वरूप ने कहा कि नए जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव सभी राजनीतिक दलों द्वारा उठाई गई मांग पर आधारित था. इस पृष्ठभूमि में कोनासीमा साधना समिति ने जिले के प्रस्तावित नामकरण पर आपत्ति जताई और चाहती थी कि कोनासीमा नाम को बरकरार रखा जाए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)