औरंगाबाद पुलिस ने बताया कि सभी मौतें ज़िले के मदनपुर ब्लॉक से हुई हैं. 23 मई को तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि एक दिन पहले 22 मई दो लोगों की मौत हुई थी. बिहार में अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि राज्य में अक्सर कथित तौर पर शराब से मौत के मामले सामने आते रहते हैं.
औरंगाबाद: पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार के औरंगाबाद जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई. इस घटना के बाद पुलिस ने व्यापक कार्रवाई करते हुए 67 लोगों को गिरफ्तार किया है.
औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया, ‘सभी मौतें मदनपुर प्रखंड से हुई हैं. सोमवार (23 मई) को तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि एक दिन पहले (22 मई) दो लोगों की मौत हुई थी.’
उन्होंने बताया कि इसके अलावा कथित शराब पीने के बाद बीमार हुए दो लोगों का पड़ोसी जिले गया के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है.
पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘मौतों के कारणों का पता लगाना संभव नहीं है, क्योंकि पुलिस के आने से पहले ही परिवार के सदस्यों ने शवों का अंतिम संस्कार कर दिया था.’
उन्होंने कहा कि बहरहाल शराबबंदी कानून का खुलेआम उल्लंघन कर क्षेत्र में नकली शराब बेचे जाने की शिकायतों का संज्ञान लिया गया है.
पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘हमने अब तक कई अवैध भट्टियों को नष्ट किया है और 67 संदिग्ध शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है.’
गौरतलब है कि बिहार में अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, दूसरे राज्यों से तस्करी कर लाए गए शराब की जब्ती आए दिन होने के अलावा पिछले छह महीनों में कथित जहरीली शराब पीने से चार दर्जन से अधिक लोगों की हुई है.
बिहार में शराबबंदी पर अमल को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. राज्य में कथित तौर पर जहरीली शराब से लोगों की मौत की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. इससे पहले राज्य के दो जिलों- भागलपुर और मधेपुरा में बीते मार्च महीने में होली के त्योहार के दौरान कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी.
बीते जनवरी महीने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृहजिले नालंदा में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई थी.
पिछले साल दीपावली के आसपास बिहार के चार जिलों (पश्चिम चंपारण, गोपालगांज, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर) में अवैध शराब ने 40 से अधिक लोगों की जान ले ली थी, जिसके बाद बिहार में मद्य निषेध कानून को लेकर सवाल उठने लगे थे.
पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि दिसंबर 2021 तक शराबबंदी कानून के तहत 3.5 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए और चार लाख से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया.
26 दिसंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने किसी कानून का मसौदा तैयार करने में दूरदर्शिता की कमी के उदाहरण के रूप में बिहार के शराबबंदी कानून का हवाला दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)