महाराष्ट्र: भाजपा प्रमुख बोले- राजनीति में रहने के बजाय घर जाकर खाना पकाएं सुप्रिया सुले

भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने ओबीसी आरक्षण देने की मांग को लेकर किए जा रहे एक प्रदर्शन के दौरान एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले को निशाना बनाते हुए कहा, 'वे राजनीति में क्यों हैं, घर जाकर बस खाना बनाइए. दिल्ली जाइए या क़ब्रिस्तान में, लेकिन हमें ओबीसी आरक्षण दिला दें.'

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एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले. (फोटो साभार: फेसबुक पेज)

भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने ओबीसी आरक्षण देने की मांग को लेकर किए जा रहे एक प्रदर्शन के दौरान एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले को निशाना बनाते हुए कहा, ‘वे राजनीति में क्यों हैं, घर जाकर बस खाना बनाइए. दिल्ली जाइए या क़ब्रिस्तान में, लेकिन हमें ओबीसी आरक्षण दिला दें.’

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले. (फोटो साभार: फेसबुक पेज)

मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले से कहा कि वह राजनीति में रहने के बजाय ‘घर जाकर खाना पकाएं.’

पाटिल ने भाजपा की मुंबई इकाई की ओर से स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने की मांग को लेकर किए जा रहे एक प्रदर्शन के दौरान बुधवार को यह टिप्पणी की.

उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय के चुनावों में ओबीसी को आरक्षण देने की हाल में इजाज़त दे दी थी. इसके बाद सुले ने कहा था कि उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दिल्ली यात्रा के दौरान उनसे संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने यह जानकारी नहीं दी कि आरक्षण के लिए मंजूरी हासिल करने के वास्ते उन्होंने क्या किया.

महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महाविकास अघाड़ी की गठबंधन सरकार है, जिसमें सुले की एनसीपी एक अहम घटक है.

पाटिल ने बुधवार को भाजपा के प्रदर्शन के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुले पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आप (सुले) राजनीति में क्यों हैं, घर जाकर बस खाना बनाइए. दिल्ली जाइए या कब्रिस्तान में, लेकिन हमें ओबीसी आरक्षण दिला दें. लोकसभा सदस्य होने के बावजूद, आपको इसकी जानकारी कैसे नहीं है कि मुख्यमंत्री से मिलने का समय कैसे लिया जाता है.’

इस बयान पर एनसीपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पाटिल की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए एनसीपी की महिला शाखा की प्रदेश अध्यक्ष विद्या चव्हाण ने पाटिल का नाम लिए बिना कहा कि एक व्यक्ति जिसने एक महिला विधायक का टिकट काटकर उनकी सीट से खुद चुनाव लड़ा, वह एक ऐसी सांसद का अपमान कर रहा हैं, जिन्हें दो बार (अच्छे प्रदर्शन के लिए) संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि आप मनुस्मृति में विश्वास करते हैं, लेकिन हम अब चुप नहीं रहेंगे.’

एनसीपी नेता ने कहा, ‘उन्हें (पाटिल को) रोटी बनाना सीखना चाहिए, ताकि वह घर पर अपनी पत्नी की मदद कर सकें.’

गौरतलब है कि कोल्हापुर के रहने वाले पाटिल ने पुणे की कोथरूड सीट से 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, जहां भाजपा की उस समय की विधायक मेधा कुलकर्णी का टिकट काट दिया गया था.

सुप्रिया सुले के पति सदानंद सुले ने भी पाटिल की टिप्पणी की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ‘यह भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हैं जो सुप्रिया के बारे में बोल रहे हैं. मैंने हमेशा कहा है कि वे (भाजपा) नारी द्वेषी हैं और जब भी मौका लगता है कि महिलाओं को नीचा दिखाते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे अपनी पत्नी पर गर्व है जो एक गृहिणी, मां और एक सफल नेता हैं, जो भारत की कई अन्य मेहनती और प्रतिभाशाली महिलाओं में से एक हैं. यह सभी महिलाओं का अपमान है.’